जमशेदपुर. जनवादी लेखक संघ सिंहभूम का नव वर्ष मिलन सह काव्य गोष्ठी राहुल सांकृत्यायन सभागार गोलमुरी में अशोक शुभदर्शी की…
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राकेश पांडेय, जमशेदपुर. मन में रोष लिए एक दिन, काल पहुंचा द्रोण के पास।भाव-भंगिमा देखकर गुरु, पुछे आने का कारण…
राकेश पांडेय, जमशेदपुर. महादेव का धर ध्यान मैं, घूम रहा था वन में।सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से, आनंदित था मन-ही-मन में।…
जमशेदपुर. साहित्य की खुशबू फैलाने वाली शहर की चिरपरिचित साहित्यिक संस्था हुलास और परमहंस लक्ष्मीनाथ गोस्वामी समिति के संयुक्त तत्वावधान…
प्रियंका कुमारी. गीत (छठ मइया) रोम रोम में गूँजता है,तेरी जय जयकार….तेरी जय जयकार….होऽऽ छठ मइया तुम ही हो आधार….मइया…
अजय मुस्कान. चलो दिवाली मनाते हैं….. चलो प्रिय ! दिवाली हम मानते हैंआशाओं के दीप कुछ जलाते हैंपसरा बहुत अँधेरा…
वरुण प्रभात. जमीन हमारीजंगल हमारानदी हमारीविस्थापित हम ही हम नक्सलीहम आतंकवादीहम उग्रवादीहम जंगलीहम ग्वारहम अपढ़हम नंगेहम भूखे हम लड़ते हैंअपना…
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. हम बच्चों का संसार नटखट बड़ा सलोना,हम बच्चों का संसार है।नहीं कभी हो बैर यहाँ,बड़ा अनोखा प्यार…
प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर. नोट : अगर आप भी कविता, कहानी, लेख, समसामयिक विषयों पर समीक्षा लिखते हैं, तो भेजिए अपनी…