- सोनारी के संदीप चक्रवर्ती और उनकी पत्नी बोकारो निवासी डॉ प्रियंका ने प्रीतिभोज के दिन रक्तदान कर रचा इतिहास, पेश किया मिसाल
- जमशेदपुर ब्लड सेंटर के इतिहास में पहली बार पहुंचे ऐसे रक्तदाता, किया गया सम्मानित
जमशेदपुर.
शादी के मंडप में वर वधु एक दूसरे के साथ जीवन भर रहने के लिए सात वचन लेते हैं. इन सात वचनों में वे अपने जीवन को कैसे बिताएंगे और हर परिस्थिति में कैसे एक दूसरे का साथ देंगे इसको लेकर अग्नि को साक्षी मान कर कसमें खाते हैं. लेकिन एक जोड़ा ऐसा भी है जो इस मंगल कार्य के दौरान जहां केवल वैवाहिक जीवन जीने की बात बताई और सीखाई जा रही थी, वहां यह जोड़ा शादी के बंधन में बंधने के साथ किसी अंजान के जीवन की रक्षा के लिए संकल्प ले रहा था. ऐसा उदाहरण और मिसाल पेश किया है कि जमशेदपुर सोनारी के निवासी संदीप चक्रवर्ती और उनकी नवविवाहिता डॉ प्रियंका चक्रवर्ती ने.
संदीप चक्रवर्ती और डॉ प्रियंका चक्रवर्ती इस नवविवाहित जोड़े ने समाज और जरूरतमंद लोगों के जीवन रक्षा के लिए शादी के मंडप में ही कसमें खाई और रक्तदान करने का संकल्प लिया. जहां एक ओर लोग शादी के बाद हनीमून ट्रिप की प्लानिंग करते है, वहीं इस जोड़े ने शादी के दूसरे दिन ही रक्तदान करने का फैसला लिया. घर परिवार के लोग प्रीतिभोज की तैयारी में जुटे थे, तो यह जोड़ा ब्लड सेंटर में अस्पताल में बीमार पड़े किसी अंजान जरूरतमंद के लिए रक्तदान कर रहा था. जमशेदपुर और जमशेदपुर ब्लड सेंट के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है. इस जोड़े ने इस मौके पर रक्तदान कर फिर से इसे न केवल महादान साबित किया है बल्कि अपने मानव धर्म और महान सोच होने का भी परिचय दिया है.
लोकप्रिय अखबार उदितवाणी के संस्थापक स्वगीर्य राधेश्याम अग्रवाल के नाम समर्पित रक्तदान के क्षेत्र में जमशेदपुर में फिर से मिसाल पेश किया. ब्लड सेंटर के इतिहास में पहली बार कोई नवविवाहित जोड़ा साथ फेरे लेकर, प्रीतिभोज के दिन एकसाथ रक्तदान कर मानव धर्म निभाया.
ये बने प्रेरक
मारवाड़ी युवा मंच के सार्थक अग्रवाल की जागरूकता, टीम पीएसएफ एवं जमशेदपुर ब्लड सेंटर के आह्वान पर जहां संदीप अपनी नवविवाहिता डॉ प्रियंका के साथ जमशेदपुर ब्लड सेंटर पहुंचे. अस्पताल में इलाजरत किसी जरूरतमंद के नसों में रक्त प्रवाह कर, एक जीवनदाई बनकर रक्त प्रेम का संदेश दिया. अपने जीवनसाथी संदीप से प्रेरित होकर जहां डॉक्टर प्रियंका ने जमशेदपुर में अपना पहला रक्तदान किया, वहीं संदीप चक्रवर्ती ने आज 10वां एसडीपी रक्तदान के साथ 30वां स्वैच्छिक रक्तदान को पुरा किया. इसी एसडीपी रक्तदान के जरिए टीम पीएसएफ का एसडीपी रक्तदान के क्षेत्र में एक बड़ा अभियान चलाते हुए 908वां एसडीपी रक्तदान भी पूर्ण हो गया.
एक दूसरे का बढ़ाया हौसला, अपने रक्तदान के बाद संदीप के एसडीपी के दौरान प्रियंका खड़ी रही एक घंटा
पत्नी डॉ प्रियंका ने पहले रक्तदान किया. रक्तदान करने के बाद जहां लोग थोड़ी देर के लिए आराम करते हैं और डॉक्टर भी यही सलाह देते हैं. वहीं डॉ प्रियंका आराम करने के बजाय पति संदीप के रक्तदान के दौरान उनके साथ बगल में खड़ी रही. संदीप ने एसडीपी डोनेट किया. एसडीपी की पूरी प्रक्रिया एक घंटे की होती है, इस दौरान प्रियंका संगिनी बन कर संदीप के साथ खड़ी रही. नवविवाहित पति पत्नी ने न केवल संकल्प लिया था बल्कि उसे पूरा करते हुए एक दूसरे का हौसला भी बढ़ाया.
अनोखा जोड़ा, अनोखे रक्तदाता हुए सम्मानित
इस अनोखे जोड़े को अनोखे रक्तदाता के तौर पर सम्मानित किया गया. जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी, वरीय चिकित्सक डॉ लव बहादुर सिंह, डॉ रीता सिंह, तकनीशियन धनंजय कुमार, अनिल प्रसाद, शुभोजीत मजूमदार, रवि शंकर पात्रों, अनुप कुमार श्रीवास्तव, तापस कुंडू, श्रीदीप, मायुम से समाजसेवी सार्थक अग्रवाल एवं प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन यानी टीम पीएसएफ के निदेशक अरिजीत सरकार ने संयुक्त रूप से सम्मानित उपहार देकर इस जोड़े को सफल और सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया.