रोमांचक करियर, जो काम के साथ देता है साहसिक अनुभव
प्रशांत जयवर्द्धन. रांची.
माइनिंग इंडस्ट्री में करियर बनाने वाले युवा न केवल काम करते हैं बल्कि वे एक साहसिक अनुभव करते हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां आप कुछ खोज करने जैसा कार्य प्रतिदिन करते हैं जो एक साहसिक होने सा कम नहीं है. भारत की माइनिंग इंडस्ट्री सात लाख से अधिक लोगों को रोजगार मुहैया कराती है और देश के जीडीपी में माइनिंग इंडस्ट्री का योगदान लगभग 2.5 प्रतिशत है. अगर आप भी माइनिंग इंजीनियर बनने का सपना रखते है तो यह एक बेहतरीन कोर्स है. इंजीनियर में डिप्लोमा कोर्स ( डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग ) 3 वर्षीय पाठ्यक्रम है. प्राइमरी लेवल इंट्री के लिए यह कोर्स बेस्ट ऑप्शन है. इसे करने के बाद आप असिस्टेंट माइनिंग ऑपरेटर, जूनियर माइनिंग इंजीनियर, माइनिंग सरदार जैसे पद पर कार्य कर सकते है. बीटेक इंजीनियरिंग 4 वर्षीय पाठ्यक्रम है जिसे पूरा करने के बाद आप जूनियर इंजीनियर के तौर पर माइनिंग इंडस्ट्री ज्वाइन कर सकते है और मेहनत और लगन के साथ काम करते हुए कुछ ही वर्षों में उच्चतम वेतनमान प्राप्त कर सकते है.
डिप्लोमा इन माइनिंग इंजीनियरिंग :
माइनिंग इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थियों की पहली पसंद डिप्लोमा माइनिंग इंजीनियरिंग कोर्स है. तीन साल के इस कोर्स में दो बार वोकेशनल ट्रेनिंग होती है. डिप्लोमा कोर्स और ट्रेनिंग को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद माइनिंग सेक्टर के डिप्लोमा लेवल के एंट्री लेवल पोस्ट पर आप आवेदन देने के लिए अहर्ता रखते है.
PDPT ट्रेनिंग :
पीडीपीटी का पूरा नाम पोस्ट डिप्लोमा प्रैक्टिकल ट्रेनिंग है. डिप्लोमा कोर्स करने के बाद विद्यार्थियों को एक साल का अंडरग्राउंड ट्रेनिंग करना पड़ता है, इसी प्रशिक्षण को पीडीपीटी ट्रेनिंग कहा जाता है. इस प्रशिक्षण के दौरान ट्रेनिंग में शामिल विद्यार्थियों को छात्रवृति भी मिलती है.
पीडीपीटी ट्रेनिंग का संचालन डीजीएमएस (DGMS),खान सुरक्षा महानिदेशालय करता है. इसका मुख्यालय धनबाद (झारखंड) में है और इसका नेतृत्व खान सुरक्षा महानिदेशक करते हैं.
डिप्लोमा माइनिंग इंजीनियरिंग करने वाले विद्यार्थियों को पीडीपीटी ट्रेनिंग के अलावा गैस टेस्टिंग, लैम्प हैंडलिंग और फर्स्ट ऐड सर्टिफिकेट की परीक्षा भी पास करनी होती है.
इन सभी सर्टिफिकेट को प्राप्त करने के बाद डिप्लोमा सर्टिफिकेट के साथ इसे डीजीएमएस धनबाद के कार्यालय में जमा करना होता है. आवेदन और प्रमाणपत्र जमा करने के 60 दिनों के बाद ओवरमैन का सर्टिफिकेट प्राप्त होता है. इसे प्राप्त करने के बाद आप पूरी तरह से ओवरमैन कहलाने लगते है और जूनियर ओवरमैन, माइनिंग सरदार के पद पर नौकरी के लिए आवेदन कर सकते है.
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