– महिला दिवस पर वरीय पत्रकार, लेखिका अन्नी अमृता की कलम से ये कविता अन्नी अमृता, जमशेदपुर. क्योंकि तू नारी…
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संध्या सिन्हा ‘सूफ़ी’. गणतंत्र की कविता लहरा है फिर शान तिरंगा भारत के जयकारों से गर्वित मन की धरती होती,…
प्रियंका कुमारी, कैंपस बूम. ये पूस की रात भयावह सिकुड़ रहीं हैं चादरें, ठिठुर रहा है तन बदन , सन्नाटे…
Central Desk, Campus Boom. कैंपस बूम और वीआर मीडिया की पहल पर आयोजित कैंपस बूम समर कॉम्पीटिशन सीजन -2 का…
जमशेदपुर. अंतरराष्ट्रीय हिंदी साहित्य भारती के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अरुण सज्जन की चौबीसवीं सद्य: प्रकाशित पुस्तक “मगध का पाषाण पुरुष: दशरथ…
जमशेदपुर. साहित्य की खुशबू फैलाने वाली शहर की चिरपरिचित साहित्यिक संस्था “हुलास” द्वारा “मातृ दिवस” के सुअवसर पर एक काव्य-सम्मेलन…
प्रियंका कुमारी. ईश्वर व्याप्त रहा कण कण में देखूं या न देखूं पर वो देख रहा है,अंत:पुर रमा और रमा…
कैलाश नाथ शर्मा, ग़ाज़ीपुरी. रउरे किरिया रउरे किरिया ए राजा ,रउरे किरिया ।अबकी होली ना मनाइब ,रउरे किरिया ।।रउरे किरिया…
मनोज किशोर. महिला दिवस की शुभकामनाएं हे जगतजननी नारी,तू मान है, सम्मान है,हर घर की शान है.तुझसे शुरू सुबह है,तुझसे…
शोभा देवी, जमशेदपुर. नारी हूं मैं नारी नारी हूं मैं नारी नहीं मैं अबला बेचारी कल तक भी मैं थी…