- मातृ दिवस ” के सुअवसर पर “हुलाश” द्वारा आयोजित ‘काव्य-सम्मेलन
जमशेदपुर.
साहित्य की खुशबू फैलाने वाली शहर की चिरपरिचित साहित्यिक संस्था “हुलास” द्वारा “मातृ दिवस” के सुअवसर पर एक काव्य-सम्मेलन हुलास के संस्थापक अध्यक्ष हरिकिशन चावला जी के आवास “विद्यापति टावर, कदमा” में आयोजित किया गया. समस्त “मातृ शक्ति’’ को समर्पित यह काव्य गोष्टी की शुरुआत विधिवत माँ शारदे की पूजन से साथ हुआ. मंच पर हुलास के संस्थापक अध्यक्ष हरिकिशन चावला जी और वर्तमान अध्यक्ष श्री श्यामल सुमन मंच पर उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में साहित्यिक संस्था “हुलास” के कलमकार व शुभ चिंतक इसके साक्षी रहे. मातृ शक्ति को नमन करते हुए सबों ने अपने अपने विचार रखे.
प्रस्तुति के कुछ अंश :
“तुलसी जैसी पावनी , माँ पीपल की छाँव, गंगा जैसी निर्मला, ममता की है गाँव || “- डाक्टर संध्या सिन्हा
“मेरे गीतों में तू, मेरे ख्वाबों में तू ! इक हकीकत भी हो और किताबों में तू !!” तू ही तू है मेरी जिन्दगी, क्या करूँ माँ तेरी बन्दगी? – श्यामल सुमन
“हर पल ही तुम खुशी की, तलाश में रहो। दिल अपना कह रहा है, कि हुलास में रहो।।”- दीपक वर्मा
“जिस घर में माँ की बसर नहीं। वो घर असल में है घर नहीं।।” विजय नारायण सिंह
“अब गरीबों के लिए सोच कहाँ पाते हैं ? लोग खुद को संभालने में ही थक जाते हैं ।।” जय प्रकाश पाण्डेय
“अंश हूँ मैं माँ तेरा” , बिल्कुल ही हूँ तेरे जैसा ! “अजय” हूँ “अजय” ही रहूँगा, ‘माँ तेरे सोच जैसा’ !! – अजय मुस्कान, “माँ जीवन है, माँ स्नेह है ! माँ प्यार है, माँ दुलार है !! ”- हरिकिशन चावला ।।
इस कवि सम्मेलन में श्यामल सुमन, अजय मुस्कान, जय प्रकाश पाण्डेय, दीपक वर्मा,डॉक्टर संध्या सिन्हा, विजय नारायण सिंह, हरी किशन चावला, रुपम जी आदि शहर के जाने माने कवि / कवित्रीयों ने कविता पाठ की और सुधीजन श्रोताओं की उपस्थिति भव्यता प्रदान की. इस अवसर पर हुलास परिवार के सदस्य गण उपस्थित रहे. इस काव्य गोष्टी का संचालन दीपक वर्मा ने और धन्यवाद ज्ञापन अजय मुस्कान ने की.