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सीएसआईआर-राष्ट्रीय धातुकर्म प्रयोगशाला, जमशेदपुर तथा विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग (DST) द्वारा समर्थित उत्कृष्टता केंद्र (Centre of Excellence) के तत्वावधान में माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSMEs) तथा सहयोगी उद्योगों के लिए “जंग और घर्षण रोधी कोटिंग प्रौद्योगिकी” विषय पर कार्यशाला एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल आयोजन 12 नवम्बर 2025 को किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य एमएसएमई एवं सहयोगी उद्योगों के पेशेवरों में जागरूकता, तकनीकी ज्ञान तथा कौशल विकास को प्रोत्साहित करना था। इसमें उन्नत सतह अभियांत्रिकी और सुरक्षात्मक कोटिंग प्रौद्योगिकी से संबंधित नवीनतम अवधारणाओं, सामग्री चयन, प्रदर्शन मूल्यांकन एवं औद्योगिक अनुप्रयोगों पर उपयोगी जानकारी प्रदान की गई, जिससे औद्योगिक कॉम्पोनेंट के जीवनकाल और विश्वसनीयता में वृद्धि की जा सके।
कार्यक्रम में 35 से अधिक प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से भाग लिया, जिनमें क्षेत्र की प्रमुख औद्योगिक इकाइयाँ एवं एमएसएमई संस्थान शामिल थे। प्रमुख भाग लेने वाली संस्थाओं में एमडेट जमशेदपुर प्रा. लि., न्यू एरा कंपनी, शिवा इनऑर्गेनिक्स, वैलर वायर्स प्रा. लि., मिका मोल्ड, एक्रोपॉली मेटल प्रा. लि., गर्ग इंजीनियर्स प्रा. लि., प्रोमिस इंडस्ट्री, फर्नेस एनर्जी, मेटाफैब, टाटा ब्लूस्कोप, कॉरकिल, खेतान उद्योग तथा टाटा मोटर्स, जमशेदपुर प्लांट शामिल रहे।
तकनीकी सत्रों में जंग की प्रक्रियाओं के मूल सिद्धांत, सतह अभियांत्रिकी के सिद्धांत, कोटिंग करने की विभिन्न विधियाँ (जैसे इलेक्ट्रोप्लेटिंग, हॉट-डिप गैल्वनाइजेशन, थर्मल स्प्रे, PVD, CVD आदि) तथा सूक्ष्मसंरचनात्मक अभियांत्रिकी के साथ-साथ जंग एवं घर्षण रोधी कोटिंग्स के प्रदर्शन मूल्यांकन के परीक्षण तरीकों पर विस्तार से चर्चा की गई। प्रायोगिक प्रदर्शन और प्रयोगशाला भ्रमण के माध्यम से प्रतिभागियों को सीएसआईआर–एनएमएल में उपलब्ध नवीनतम उपकरणों एवं तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त हुआ।
डॉ. संदीप घोष चौधुरी, निदेशक, डॉ एस शिवप्रसाद, वरिष्ठतम मुख्य वैज्ञानिक, प्रमुख – एमटीई एवं सलाहकार (मानव संसाधन समूह), सीएसआईआर–एनएमएल ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने औद्योगिक कॉम्पोनेंट की टिकाऊपन एवं लाइफ बढ़ाने में उन्नत कोटिंग्स प्रौद्योगिकियों की भूमिका पर प्रकाश डाला तथा उद्योग–अनुसंधान सहयोग के माध्यम से प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और क्षमता निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया।
डॉ. रघुवीर सिंह, प्रमुख – उन्नत सामग्री एवं संक्षारण विभाग एवं कार्यक्रम समन्वयक ने DST-AMT, भारत द्वारा समर्थित जंग और घर्षण रोधी कोटिंग प्रौद्योगिकी पर उत्कृष्टता केंद्र की गतिविधियों का परिचय दिया। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम कैसे एमएसएमई एवं सहयोगी उद्योगों द्वारा विशिष्ट तकनीकी चुनौतियों के समाधान हेतु लक्षित वैज्ञानिक और प्रौद्योगिकीय हस्तक्षेप प्रदान करता है।
डॉ. शैलेन्द्र के. झा, कार्यक्रम संयोजक, ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया तथा “उद्योग में सतह परिष्करण क्रियाओं एवं इलेक्ट्रोप्लेटिंग की भूमिका” पर एक प्रेरक व्याख्यान दिया। उन्होंने प्रतिभागियों को इलेक्ट्रोप्लेटेड कोम्पोनेंट्स में आने वाली व्यावहारिक समस्याओं के समाधान हेतु उपयोगी सुझाव दिए और गुणवत्तापूर्ण सतह अभियांत्रिकी को औद्योगिक उत्पादकता एवं प्रदर्शन में वृद्धि का महत्वपूर्ण कारक बताया।
प्रतिभागियों को इलेक्ट्रोप्लेटिंग, हॉट-डिप कोटिंग, HVOF, घर्षण एवं परीक्षण, प्राइमर एवं पेंट अनुप्रयोग तथा जंग विश्लेषण तकनीकों (जैसे पोलराइजेशन, सॉल्ट-स्प्रे और वज़न-हानि परीक्षण) पर व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया। सभी प्रतिभागियों ने इस उपयोगी और संवादात्मक कार्यक्रम की सराहना की और सीएसआईआर–एनएमएल द्वारा एमएसएमई क्षेत्र को ज्ञान प्रसार, विशेष प्रशिक्षण और तकनीकी परामर्श के माध्यम से निरंतर सहयोग के लिए आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम का समापन समापन सत्र एवं प्रमाणपत्र वितरण समारोह के साथ हुआ, जिसमें सीएसआईआर–एनएमएल की नवाचार, तकनीकी प्रगति और उद्योगोन्मुख प्रशिक्षण के माध्यम से भारत के एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र एवं सहयोगी क्षेत्रों के सशक्तिकरण के प्रति प्रतिबद्धता को पुनः पुष्ट किया गया।

