जमशेदपुर.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी ने अनुसंधान परियोजनाओं, संयुक्त प्रकाशन, छात्राओं के अन्य पारस्परिक लाभ के लिए और फैकल्टी एक्सचेंज प्रोग्राम के संदर्भ में संभावनाओं का पता लगाने के लिए आरवीएस कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी जमशेदपुर के साथ एक एमओयू किया है. यह समझौता ज्ञापन प्रौद्योगिकी, अनुसंधान और मूल्यांकन कार्यक्रम, पीजी और पीएचडी की सह-पर्यवेक्षण पर जानकारी के आदान-प्रदान की सुविधा भी प्रदान करेगा. छात्राएं अध्ययन के प्रसार के साथ संयुक्त परामर्श संचालन का लाभ ले सकती हैं.
विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम – कुलपति प्रो.(डॉ.) अंजिला गुप्ता
कुलपति प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता के अनुसार यह समझौता ज्ञापन विज्ञान और प्रौद्योगिकी में अनुसंधान और विकास के क्षेत्र में परस्पर सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है. उनका मानना है कि इसका दोनों संस्थानों के छात्र–छात्राओं, फैकल्टीज और व्यापक रूप से पूरे समाज पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. कुछ ही समय में कुलपति ने प्रभावशाली व्यक्तित्व और दूरदर्शिता के कारण विभिन्न एमओयू के माध्यम से विश्वविद्यालय की छात्राओं और फैकल्टीज को कई प्रकार के संसाधनों से युक्त करने की पूरी कोशिश की है. इस अवसर पर कुलपति ने बताया कि यह समझौता ज्ञापन फैकल्टी एक्सचेंज के तहत व्याख्यान, साझा प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि सुविधाओं के साथ दोनों संस्थानों के विद्यार्थियों एवं शिक्षक–शिक्षिकाओं के सांस्कृतिक और बौद्धिक क्षेत्र को भी समृद्ध करेगा.
छात्राओं को एनइपी–2020 के अनुरूप प्रौद्योगिकी कौशल का विकास करना है मुख्य उद्देश्य
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को प्रौद्योगिकी के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान करने के साथ इस क्षेत्र में कौशल विकसित करना है, जिसकी आवश्यकता एनइपी–2020 ने भी बताई है. अनुसंधान और शिक्षण को रुचिकर बनाते हुए संयुक्त रुप से ऑनलाइन/ऑफलाइन मोड के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण देना और एक दूसरे के संकाय के विद्यार्थियों को इसमें भाग लेने के लिए संयुक्त आयोजन के लिए भी एमओयू की आवश्यकता थी. इससे संयुक्त रुप से सेमिनार, सम्मेलन या कार्यशालाओं के आयोजन के अवसर प्राप्त होंगे। सरकारी और निजी दोनों एजेंसियों के अनुसंधान एवं प्रायोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रस्ताव भी किए गए हैं. साथ ही साथ विद्यार्थियों को बिजनेस इनक्यूबेशन और डिजाइन परियोजना में सहयोग प्राप्त होंगे. एमओयू पीजी एवं पीएचडी की छात्राओं की जरूरतों के अनुसार प्रौद्योगिकी अनुसंधान और मूल्यांकन कार्यक्रम पर जानकारी के आदान प्रदान की सुविधा प्रदान करेगा.
क्षेत्र की आदिवासी छात्राओं के लिए वरदान होगा
इस तरह के एमओयू के माध्यम से यूनिवर्सिटी फैकल्टीज और छात्राओ को अन्य प्रतिष्ठित संस्थानों के संसाधनों से लाभान्वित करने और भविष्य की प्रौद्योगिकी जरूरतों को उजागर करने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है और विशेषज्ञता को भी साझा भी किया जा रहा है. इस प्रमुख संस्थान का यह कदम निश्चित रूप से जमशेदपुर के शैक्षिक समुदाय, शहर की छात्राओं के अलावा सिंहभूम क्षेत्र के सुदूर जनजातीय क्षेत्रों से जुड़ी छात्राओं को भी लाभान्वित करेगा. विशेष रूप से, क्षेत्र की आदिवासी छात्राओं के लिए यह एक वरदान हो सकता है.