जमशेदपुर शहर के एक युवक ने अपने एक साथी के साथ मिलकर की पहल
जुबिली पार्क और अन्य जगहों पर युवाओं ने लगाए सारे पौधे
जमशेदपुर.
कहते हैं अगर चाह है तो आप कुछ भी कर सकते हैं. कोई भी कार्य करने के लिए इच्छाशक्ति का होना जरूरी है. महज किसी को जिम्मेदारी का एहसास कराने से बेहतर होता है अपने कर्तव्य का पालन करना. पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए कचरे में पनपे पौधों को उचित स्थान देने का कुछ ऐसा ही कार्य शहर के दो युवाओं ने किया है. गोलमुरी के केबुल टाउन में रहने वाले सुनील और अरिन क्षेत्र के कूड़ेदान और नाली के किनारे गुठली से पनपे आम के पौधों को जीवित रखने और संरक्षित करने के उद्देश्य से पौधोन को उचित स्थान पर रोपने का कार्य किया है. सौ से अधिक आम के पौधों को सुनील और अरिन ने क्षेत्र की नाली और डस्टबिन के किनारे हुए आम के पौधों को पिछले दस दिनों से सुरक्षित तरीके से जमा किये और रविवार को उन पौधों को जुबिली पार्क, बिस्टुपुर के कुछ खाली स्थानों पर रोपने का काम किया.
नन्हें पौधों को नष्ट होता देख हुआ दुखी और संरक्षित करने का आया ख्याल
सुनील पेशे से फोटोग्राफर हैं और अरिन एबीएम कॉलेज में बीए प्रथम वर्ष का विद्यार्थी है. सुनील ने बताया कि वो रोज सुबह वाकिंग के लिए जाते है. बारिश के बाद नाली और डस्टबिन में आम कि गुठली से हुए सैकड़ों नन्हें पौधों पर नजर पड़ती थी. इसी बीच कई पौधों को सफाई के दौरान नष्ट होते भी देखा. इससे काफी तकलीफ हुई उसी वक्त इन पौधों को बचाने का ख्याल आया और प्रण लिया.
बिरसानागर के अमरदीप भी हैं अनाथ पौधों के संरक्षक
बिरसानागर जोन नंबर 5 में रहने वाले अमरदीप मुखी भी अनाथ पौधों के संरक्षक के तौर पर जाने जाते हैं. अमरदीप सड़क किनारे पनपे नन्हें पौधों को बचाने की अनोखी पहले किये हैं. वे सड़क किनारे हुए पौधे कुचल कर खत्म न हो जाये इसके लिए वे पौधों को निकालकर घर लाते हैं और उसे अपनी बगिया, गमले में पालते पोषते हैं और उन पौधों को रक्तदान शिविर और अन्य ऐसे कार्यक्रम में आयोजकों को देते हैं जहां अतिथियों को उहार स्वरुप पौधे भेंट किये जाते हैं. अमरदीप की इस पहल से उनकी शहर में अलग पहचान है.