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“अनकही” पोएट्स ऑफ़ जमशेदपुर द्वारा स्वरचित कहानी और कविताओं का उत्सव Campus Boom. जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित कैफ़े रिगल में…

मनोज किशोर. यादें बीते दिनों को याद करके मैं बहुत रोया जिस आंगन में पलकर बड़ा हुआ, उस आंगन को…

– हिन्दू नव वर्ष के मौके पर खुशी, आशा, और समाज के विभिन्न बिंदुओं को छुती ये कविता आदित्य प्रकाश/वरुण…

बैशाली दास, जमशेदपुर. हमारे पालनहार विष्णु है जो धरता चक्रवयूहै जिसपर भार दुनिया कीजो है रखता बांसुरीजिसने रचना की इस…