– हिन्दू नव वर्ष के मौके पर खुशी, आशा, और समाज के विभिन्न बिंदुओं को छुती ये कविता आदित्य प्रकाश/वरुण…
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निवेदिता श्रीवास्तव “गार्गी”. कोरा कागज उस कोरे कागज पर , अपने मन की अभिव्यक्ति लिखती रही , कभी उसने पढ़ी…
कैलाश नाथ शर्मा, ग़ाज़ीपुरी. रउरे किरिया रउरे किरिया ए राजा ,रउरे किरिया ।अबकी होली ना मनाइब ,रउरे किरिया ।।रउरे किरिया…
अजय मुस्कान, जमशेदपुर. “मैं… कल्पना तुम उड़ान प्रिये …!!” चलो प्रिये !मिलकर पतंग उड़ाते हैं…!धरा तो अपना है,थोड़ा गगन में…
अजय मुस्कान. चलो दिवाली मनाते हैं….. चलो प्रिय ! दिवाली हम मानते हैंआशाओं के दीप कुछ जलाते हैंपसरा बहुत अँधेरा…
जमशेदपुर. गोलमुरी स्थित भोजपुरी भवन में जन संस्कृति मंच की ओर से मनोज भक्त के उपन्यास ‘शालडुंगरी का घायल सपना’…
बैशाली दास, जमशेदपुर. हमारे पालनहार विष्णु है जो धरता चक्रवयूहै जिसपर भार दुनिया कीजो है रखता बांसुरीजिसने रचना की इस…
आस्था जायसवाल, जमशेदपुर. मुस्कुराती हूं दर्द भरा है जिंदगी में,फिर भी मुस्कुराती हूं.लोग पागल कहते हैं,ख़ुशी ख़ुशी मानजाती हूं. लोगों…
अजय मुस्कान, जमशेदपुर. वज़ूद क्या सस्ता दिया गया….!!” पूछो न कितनी बार ये धोखा दिया गया!!हमको क़दम-क़दम पे मसीहा दिया…
डॉ पुरुषोत्तम कुमार, जमशेदपुर. हमें पता हो या ना होहम अपना निर्माणहर क्षण करते हैंबिन जाने नासमझी मेंअपना ही नुकसानअनजाने…