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वरुण प्रभात. गूँजा था मेरी कानों मेंतुम्हारे झंकृत शब्दजो नारे की शक्ल मेंचढ़ गया था हरेक जुबा परबेटी बचाओ,बेटी पढ़ाओ…

डॉ. पुरुषोत्तम कुमार ऐसा क्यों होता है? भारत के इस वृहत खंड मेंराजनीति करने वालेकलुषित मानसिकता लेकर हीसदा सफल क्यों…