मनोज किशोर, जमशेदपुर.
विगत दिनों विभिन्न बोर्ड, यूपीएससी और अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं के परिणाम निकले. इसमें कुछ को सफलता मिली कुछ असफल हो गए. जो असफल हुए उनसे कहीं थोड़ी सी चूक रह गई. कोशिश तो उन्होंने भी बहुत किया था.
लेकिंन असफल होने का यह मतलब नहीं कि जीवन से निराश हो जाओ अथवा जीवन त्याग दे. संसार में ऐसे सैकड़ों उदाहरण मिल जायेगें, जब अनेकों महान वैज्ञानिक, राजनीतिक, कलाकार, खिलाड़ी आदि असफलता के बाद सफलता की बुलंदियों को पाया है. American writer Elbert said “Their is no failure except is no longer trying”
अत: जीवन मे असफलता के बाद भी दुगने उत्साह के साथ सतत प्रयास करते रहिये. जिन्होंने भी सफलता पाया उन सभी को हार्दिक शुभकामनाएं. लेकिन जो सफलता से चुक गये उनके प्रयासों की सराहना और उत्साहवर्धन करते हुए, उन सभी के सम्मान मे निम्नलिखित पंक्तियां अर्पित. यह कविता मोटिवेशनल स्पीकर और कोल्हान विवि के अंतर्गत सिंहभूम कॉलेज चांडिल में प्रशाखा पदाधिकारी के पद पर कार्यरत मनोज किशोर जी ने लिखी है.
मुस्कुराने की कोशिश करो,
सौ अफसाने मिल जायेंगे.
जीतने की कोशिश करो,
हजारो रास्ते मिल जायेंगे.
गीत आये या न आये
गीत गाने की कोशिश करो,
हजारों तराने मिल जायेंगे.
जीवन है रण क्षेत्र
लड़ने की कोशिश करो,
मदद के सौ हाथ मिल जायेंगे,
बस एक हार को जीत में
बदलने की कोशिश तो करो.
हज़ारों जीत राहों मे मिल जाएंगे.
जीवन है खुबसूरत बगीचा,
खुशबू बिखेरने की कोशिश करो
खुशबू के दीवाने खुद व खुद
तेरे पास चले आयेंगे .
कभी न सोचना
जीवन त्यागने की
यह जीवन है अनमोल .
जीने की कोशिश करो,
जीने के हजारों
मकसद मिल जाएंगे.
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