- सुवर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना चांडिल डैम के विस्थापितों की दयनीय स्थिति
- झारखंड मानवाधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश ने अधिकारियों, कर्मचारियों पर लगाया भ्रष्टाचार का आरोप
जमशेदपुर.
सुपर्णरेखा बहुउद्देशीय परियोजना चांडिल डैम के विस्थापितों की स्थिति दयनीय है. विस्थापितों का मुआवजा, रोजगार, अनुदान राशि भुगतान का मामला अब तक लंबित है. वर्षों बाद भी सैकड़ों विस्थापित विकास पुस्तिका के लिए बाट जोह रहे हैं, कई तो मर चुके हैं अब उनके बच्चे सरकारी कार्यालय का चक्कर काट काट कर परेशान हो चुके हैं. एक ऐसा ही मामला बुधवार को सरायकेला जिला कुकुड़ू प्रखंड के आदरडीह गांव के रहे वाले विस्थापित नुकाई महतो का निधन हो गया.
नुकाई महतो ने विकास पुस्तिका के लिए आवेदन कर रखा था, लेकिन उन्हें इसका लाभ इस लिए नहीं मिला. लोगों का आरोप है कि नुकाई महतो ने सरकारी बाबू और उनके दलालों को घुस देने से इंकार कर दिया था. परिवार के सदस्यों और गांव वालों ने पुनर्वास कार्यालय संख्या -2 चांडिल के बड़ा बाबू पंचानन कुम्हार पर इसका आरोप लगाया है.
भ्रष्टाचार में डूबा पुनर्वास कार्यालय, बिना पैसा के बाबू और अधिकारी नहीं बढ़ाते हैं फाइल : दिनेश किनू
विकास पुस्तिका से मिलने वाली अनुदान राशि का आवेदनकर्ता नुकाई महतो के निधन की सूचना पर उनके दाह संस्कार में झारखंड मानवाधिकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश कुमार किनू शामिल हुए और उनके आत्मा शांती के लिए कामना ही. दिनेश किनू ने कहा कि पुनर्वास कार्यालय में बिना पैसा के बाबू और अधिकारी फाइल नहीं बढ़ाते हैं. भ्रष्टाचार व्याप्त है, गरीबों की सुनने वाला कोई नहीं है
मौके पर उपाध्यक्ष कुकड़ू प्रखंड, झारखण्ड मानवाधिकार संघ सह समाजसेवी विवेक सिंह बाबू, समाजसेवी राम कैलाश यादव, नरेश साव, सुखदेव गोप, जगाई गोप, नंदलाल गोप और नुकाई महतो के बड़े बेटे ठाकुर दास महतो, द्वितीय बेटा श्रावण महतो, तृतीय बेटा हराधन महतो उपस्थित थे.