- पारंपरिक रीति रिवाज के तहत नेताजी सुभाष शिशु उद्यान में मनाई गई श्रीकृष्ण जन्माष्टमी
जमशेदपुर.
सदगोप समाज बहरागोड़ा ने सोमवार को बहरागोड़ा नेताजी सुभाष शिशु उद्यान में भगवान श्रीकृष्ण की जन्मोत्सव का त्योहार आस्था-उल्लास, श्रद्धा,भक्ति-भाव और विश्वास के साथ मनाया गया. सुबह से ही श्रद्धालुओं का ताँता लगा रहा, श्रद्धालुओं ने व्रत रखकर पारंपरिक रीति रिवाज के तहत भगवान श्रीकृष्ण की पूजा अर्चना कर परिवार की सुख शांति व समृद्धि की कामना की. समाज के लोगों द्वारा भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति स्थापना कर देर रात श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के बाद श्रीकृष्ण के बाल गोपाल के रूप को महा स्नान कराया गया, साथ ही आरती व श्रृंगार भी किया गया.
जन्माष्टमी पर भजन संध्या का भी आयोजन किया गया. बताया जाता है कि श्रीकृष्ण ने भाद्रपद माह की कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मध्य रात्रि में अत्याचारी कंस का विनाश करने के लिए मथुरा के कारागार में जन्म लिया था. द्वापर युग में मथुरा में भोजबंशी राजा उग्रसेन मथुरा का शासक था, क्योंकि भगवान स्वयं इस दिन पृथ्वी पर आविर्भाव हुए थे. इस दिन को कृष्ण जन्माष्टमी के रूप में मनाते हैं.
धार्मिक मान्यता है कि ऐसे संयोग में भगवान श्रीकृष्ण की विधि-विधान पूर्वक पूजा करने से उनकी विशेष कृपा प्राप्त होती है. उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. भगवान कृष्ण की पूजा अर्चना करने से सभी तरह की दुखों का अंत हो जाता है. ऐसे में जन्माष्टमी के दिन व्रत रखते हुए भगवान श्रीकृष्ण की बाल स्वरूप की आराधना करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है.
इस अवसर पर समाज के लोगों के अलावा आसपास स्थित विभिन्न समुदाय व वर्ग के लोगों ने पूजार्चना की. समाज के लोगों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए प्रसाद का व्यवस्था किया गया था. इस अवसर पर सदगोप समाज के भवानी शंकर घोष, जन्मेजय करण, मिंटू पाल, रंजीत कुमार वाला, सुमन कल्याण मंडल, आदित्य प्रधान, आदित्य करण, दिलीप कुमार कुईला , सीवाँत घोष, आशुतोष मैति , हेमकांत भुइयाँ ,कृष्ण दुलाल घोष, काली किंकर घोष, मनोज कुईला, बुब्लू पात्र,भवशंकर बांसुरी, मृणाल कांति घोष, विष्णु पद घोष, पुलिन कुईला, काबलू शाव,अशोक नायक, सहिवाल कांति पात्र आदि लोग मौजूद थे.