जमशेदुपर.
जमशेदपुर के पेंशनर कल्याण भवन, पुराना कोर्ट में जनवादी लेखक संघ की ओर से आज प्रेमचंद जयंती समारोह मनाया गया. स्वागत भाषण देते हुए डॉ लता मानकर ने प्रेमचंद को मेहनतकशों का मसीहा कहा. काशीनाथ प्रजापति ने बल्ली सिंह चीमा का लिखा गीत गाकर एक क्रांतिकारी माहौल बना दिया. प्रेमचंद की कहानी ‘ब्रह्मस्वांग’ का पाठ ज्योत्सना अस्थाना और वरुण प्रभात ने किया, जिसे खूब सराहना मिली. आलेख पाठ की प्रस्तुति डॉ संध्या सिन्हा और अजय मेहताब ने किया जिसका विषय था प्रेमचंद और स्त्री विमर्श.
जीवंत हो उठी प्रेमचंद्र की कहानियां
इस बाबत धनिया, झुनिया, बुधिया, सिलिया, मालती अन्य कई स्त्री पात्र जीवंत हो उठे. दिए गए विषय ‘आज के परिवेश में लेखन की चुनौतियां’ पर प्राध्यापक सुधीर सुमन ने निराला को याद करते हुए राम की शक्ति पूजा का स्मरण किया और कहा कि अन्याय जिधर है शक्ति उधर. आज मेहनतकशों को एकजुट होकर शक्ति जाग्रत करने की जरूरत है. शैलेंद्र अस्थाना ने वर्तमान परिवेश निराशावादी और षड्यंत्रकारी बताया. उन्होंने आज लेखकों को यथास्थितिवादी और गैरआंदोलनकारी बताया. कामरेड शशि कुमार ने विशिष्ट लहजे में आज के संक्रमण काल को चेतना शून्य कहा एवम झूठा राष्ट्रवादी काल बताया. अध्यक्ष अशोक शुभदर्शी ने वक्तव्य में प्रेमचंद को किसानों और मेहनतकशो का पक्षधर कहा और जलेस प्रलेस जसम से जुडे साहित्यिक-सांस्कृतिक जन की प्रशंसा की. सुरेश दत्त पांडे प्रणय ने धन्यवादग्यापन की औपचारिकता बखूबी निभाई जबकि कार्यक्रम का सरस संचालन डॉ उदय हयात ने किया. इस अवसर पर राजदेव सिन्हा, कैलाश गाजीपुरी, विमल किशोर विमल, संजय स्नेही, जेपी सिंह, नजीर अहमद नजीर, जीवेश तिवारी और अन्य उपस्थित थे.