प्रियंका कुमारी, जमशेदपुर.
माँ नौ दुर्गा (दोहे)
माँ भवानी कृपा करें, जीवन भव से पार।
हो भक्तिमय उपासना, बरसे कृपा अपार।।
शैलसुता माँ आ गयी, लेकर पावन प्रेम।
मन से कर आराधना, होता जीवन क्षेम।।
नव मात ब्रह्मचारिणी, दूजा है अवतार।
कर जोड़ हम विनय करें, देती नेह अपार।।
चंद्रघंटा शांति प्रिय, तीजा रुप अवतार।
माँ अम्बे सब दुख हरे, बरसे करुणा धार।।
माँ कुष्मांडा आ रहीं, शक्ति अक्षय अमेय।
चौथे रुप की वंदना , मिलती शक्ति अजेय।।
पंचम माता स्कंद हैं, प्रेम पूर्ण वात्सल्य।
माँ ममता बरसा रही, करे सदा मांगल्य।।
छठवाँ रुप कात्यायनी, करे सदा कल्याण।
शोक दुख का नाश करे, माँ ही औषधि बाण।।
शुंभ निशुंभ संहारिणी,माँ सप्तम अवतार।
कालरात्रि भय नाशिनी, भरती शक्ति अपार ।।
माँ गौरी रुप आठवाँ, देती तन मन प्राण ।
शक्ति श्रद्धा वरदान दे, करती जन कल्याण।।
सिद्धिदात्री प्रकृति नवम, सिद्धि भरा भण्डार।
भक्त जीवन सुखी करे, दे सुखमय संसार।।
नौ दुर्गा आराधना, जीवन होता पार।
सभी दुखों की है दवा, अम्बे माँ आधार।।