आशाओं के साथ आगे बढ़ने और सकारात्मक सोच के साथ मानवतावादी विचार को रखा सामने
जमशेदपुर.
कैंपस बूम के कैंपस इवेंट के आज के इस अंक में छात्र प्रबिन राणा द्वारा लिखी दो खूबसूरत कविता पोस्ट किया जा रहा है. कविता के शब्द, उसके वाक्य और अर्थ का तारतम्य इतना बेहतरीन है कि पढ़ने से एक परिपक्व कवि द्वारा लिखी कविता लगती है. “मैं सागर में एक बूंद सही” शीर्षक कविता के माध्यम से प्रबिन ने एक व्यक्ति के महत्व को दर्शाते हुए उसके मानवतावादी चेहरे को सामने रखा है. कविता के अंतिम पक्ति कवि की पूरी भावना को सामने रख देते हैं. वह ईश्वर से कामना करता है कि उसे इतनी शक्ति दे कि वह सभी की मदद कर सके. वहीं दूसरी कविता “जो बीत गये फिर कहां मिले” शीर्षक में सकारात्मक सोच को सामने रखते हुए आशाओं की उड़ान भरने की बात कही है.
पढ़िए दोनों कविता
Name – Prabin Rana
Class – VIII B
School – Vivek Vidyalaya, Chota Govindpur, Jamshedpur