जमशेदपुर.
आमतौर पर वोकेशनल कोर्स एक विशेष व्यवसाय के लिए छात्राओं को तैयार करने का लक्ष्य रखता है और करियर को उन्नत बनाने में मदद करता है. वर्तमान समय में वोकेशनल कोर्स छात्राओं को बेहतर रोजगार प्रदान करने का आधार है, जिससे वह स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बन सकती हैं. वोकेशनल कोर्स आमतौर पर प्रमाणित करता है कि किसी छात्रा के पास किसी विशेष विषय या उससे जुड़े व्यवसाय में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए आवश्यक कौशल है. छात्रा, जो स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद अपनी रूचि के अनुसार किसी क्षेत्र में एक उज्जवल करियर की तलाश करती हैं, उनके लिए वोकेशनल कोर्स एक बहुत ही अच्छा विकल्प है.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में वोकेशनल कोर्सेज की एक बड़ी और प्रचलित श्रृंखला है. छात्राएं यूनिवर्सिटी से बीबीए, एमबीए, बीसीए, एमसीए, सीएनडी, बीएससी बायोटेक्नोलॉजी, एमएससी बायोटेक्नोलॉजी, लाइब्रेरी साइंस, पत्रकारिता और जनसंचार, एमए इन योगिक साइंस अन्य में नामांकन करवा सकती हैं. सभी तरह के कोर्सेज में नामांकन जारी है. छात्राओं के पास काम को पूरा करने के लिए आवश्यक प्रैक्टिकल स्किल भी होनी चाहिए, जो यूनिवर्सिटी इन कोर्सेज में उपलब्ध कराती है.
अगर छात्राएं किसी कोर्स के बारे में अधिक जानना चाहती हैं तो जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में आकर उस विभाग के फैकल्टी से जानकारी प्राप्त कर सकती हैं और कुछ जानकारी वेबसाइट से प्राप्त कर सकती हैं. ध्यान देने योग्य बात यह है कि सामान्य विषयों की तरह इस बार वोकेशनल कोर्सेज के लिए भी छात्राओं को ऑनलाइन चांसलर पोर्टल के द्वारा आवेदन करना है. पोर्टल पर अपनी रुचि के अनुसार वोकेशनल कोर्स का चयन कर छात्राएं आवेदन कर सकती हैं.
जनजातीय बालिकाओं को स्वावलंबी बनने के लिए वोकेशनल कोर्स एक बेहतर विकल्प : प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता
कुलपति प्रो (डॉ) अंजिला गुप्ता ने इन वोकेशनल कोर्सेज की महत्ता बताते हुए स्पष्ट किया कि “छात्राओं, विशेषकर जनजातीय बालिकाओं को स्वावलंबी बनने के लिए वोकेशनल कोर्स में एडमिशन लेनी चाहिए. करियर के लिए विकल्प देने वाली ये कोर्सेज उन्हें आत्मनिर्भर और सशक्त बनायेंगी. किसी के ऊपर आश्रित नहीं होकर वह अपने पैरों पर खड़ी हो सकती है और वोकेशनल कोर्स के माध्यम से कौशल विकास कर वह अपना व्यापार भी शुरू कर सकती हैं. यह अच्छी बात है कि ऐसे कोर्सेज जमशेदपुर में उपलब्ध हैं जिनके लिए लोग बाहर जाते हैं. दूसरे संस्थानों में शुल्क ज्यादा है लेकिन सरकारी विश्वविद्यालय के कारण ऐसे करियर को बनाने वाले कोर्सेज भी अपेक्षाकृत कम शुल्क में पूरे किए जा सकते हैं. यहां के सामान्य कोर्सेज से इसमें थोडी बहुत ज्यादा फीस अगर है भी, तो भी यूनिवर्सिटी कई प्रकार के स्कॉलरशिप का विकल्प देती है, जिसका अधिकांश छात्राओं को लाभ मिलता है. उदाहरण के लिए झारखंड सरकार की सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना से छात्राओं को 20,000 रुपये की एकमुश्त रकम प्राप्त हो जाती है, जिससे वोकेशनल कोर्स की फीस भी आसानी से दी जा सकती है.
झारखंड सरकार की सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना नामांकन में आर्थिक मददगार
यह एक सुनहरा अवसर है जिससे यूनिवर्सिटी में किसी भी वोकेशनल कोर्स में एडमिशन अभी लिया जा सकता है. क्षेत्र की सभी छात्राओं को इसका भरपूर लाभ उठाना चाहिए. झारखंड सरकार की सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना विद्यालयी स्तर के साथ 18–19 वर्ष पूर्ण कर चुकीं बालिकाओं के लिए भी महाविद्यालयी या विश्वविद्यालयी स्तर पर भी आर्थिक बाधाओं को दूर करने वाली है. पूरी पढ़ाई के लिए कुल 40,000 रुपये है जिसमे से 20,000 रुपये की राशि उच्च शिक्षा के समय एकमुश्त मिलती है. इस कारण, वोकेशनल कोर्सेज में नामांकन लेने पर भी आर्थिक बाधाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा.