जमशेदपुर.
जमशेदपुर के करनडीह स्थित लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज के वर्चुअल रूम में आज एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. “रेगुलेशन एंड इंप्लीमेंटेशन ऑफ एनईपी 2020 करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क” विषय पर आयोजित कार्यशाला के मुख्य अतिथि और मुख्य वक्ता कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा के वित्त पदाधिकारी सह समन्वयक डॉ पीके पाणी थे. कार्यशाला की अध्यक्षता प्राचार्य डॉ एके झा ने की.
प्रैक्टिकल और नन प्रैक्टिकल सब्जेक्ट के लिए घंटे पर एक क्रेडिट तय
रेगुलेशन एंड इंप्लीमेंटेशन ऑफ एनईपी 2020 करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क के संदर्भ में डॉ पीके पाणी ने विस्तारपूर्वक जानकारी पीपीटी के माध्यम से वहां उपस्थित शिक्षक और विद्यार्थियों को दिया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के अथक प्रयास से झारखंड स्टेट यूनिवर्सिटी में एनईपी लागू किया गया. जिसमें यूजी चार साल का कोर्स होगा. उन्होंने कहा कि एक एकेडमिक ईयर में दो सेमेस्टर होंगे अर्थात चार साल के कार्यक्रम में कुल आठ सेमेस्टर होंगे. उन्होंने कहा कि नन प्रैक्टिकल सब्जेक्ट में एक क्रेडिट का तात्पर्य 15 घंटे से जबकि प्रैक्टिकल सब्जेक्ट में एक क्रेडिट का तात्पर्य 30 घंटे से है. उन्होंने एबीसीआईडी (एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट) के संदर्भ में भी बच्चों को जानकारी दी. साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से कहा कि अब आप 7.5 सीजीपीए लाने के बाद ही रिसर्च बेस्ड ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त कर सकते हैं.
यूजी के दूसरे सेमेस्टर के 12 में से 9 पेपर में पास होना होगा अनिवार्य
यूजी के विद्यार्थियों को प्रथम वर्ष के दूसरे सेमेस्टर के 12 पेपर में से 9 पेपर में पास होना आवश्यक होगा. उसी तरह द्वितीय वर्ष के चौथे सेमेस्टर में 24 पेपर में से 18 पेपर में पास होना आवश्यक होगा जबकि तीसरे वर्ष के छठे सेमेस्टर में 34 पेपर में से 26 पेपर में पास होना आवश्यक होगा, तब ही विद्यार्थी यूजी अंतिम वर्ष के लिए योग्य होंगे. साथ ही रजिस्ट्रेशन सात वर्ष के लिए ही मान्य होंगे. छात्रों को पूरे शैक्षणिक सत्र में एक बार 5 ग्रेस मार्क्स देकर उत्तीर्ण होने का मौका दिया जायेगा. एक क्रेडिट 25 अंक के बराबर होगा. मेजर और माइनर सब्जेक्ट के लिए 60 – 60 क्लास की जरूरत होगी. दो क्रेडिट वाले विषय के लिए 30 क्लास की जरूरत होगी. एक क्लास एक घंटे का होगा. प्रैक्टिकल क्लास दो घंटे का होगा. इंटर्नल एग्जाम सिर्फ मेजर व माइनर सब्जेक्ट का होगा और अन्य चार से कम क्रेडिट वाले विषय का इंटर्नल नहीं होगा.
कार्यशाला का मंच संचालन डॉ विनय कुमार गुप्ता ने किया और धन्यवाद ज्ञापन डॉ संचिता भुई सेन द्वारा किया गया. इस कार्यशाला में डॉ डीके मित्रा, प्रो पुरुषोत्तम प्रसाद, प्रो संतोष राम, डॉ मौसमी पाल, डॉ अजेय वर्मा, डॉ विजय प्रकाश, प्रो अरविंद पंडित, प्रो विनोद कुमार, डॉ जया कक्षप, प्रो ऋतु, डॉ सुधीर सुमन, डॉ प्रशांत, प्रो मोहन साहू, प्रो प्रमिला किस्कू, डॉ संतोष कुमार, प्रो सलोनी रंजन, डॉ नुपुर रॉय, प्रो बाबू राम सोरेन, प्रो शिप्रा बोइपाई, सीता मुर्मू, सुमित्रा सिंकु, सौरभ वर्मा, मिहिर कुमार डे, वीरेश चंद्र सरदार, पुनीता मिश्रा, ममता मिश्रा, अजीत सिंह, राजेश कुमार, विनय कुमार सहित सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे.