सेंट्रल डेस्क, कैंपस बूम.
आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय अपनी प्रमुख योजना अटल मिशन फॉर रिजुवेनेशन एंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन (एएमआरयूटी) के तहत एक प्रगतिशील पहल “महिलाओं के लिए पानी, पानी के लिए महिलाएं अभियान” को शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है. इस योजना में मंत्रालय के राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) की भी भागीदारी है. ओडिशा अर्बन एकेडमी इसकी ‘नॉलेज पार्टनर’ है. इस जल दिवाली”अभियान की शुरुआत सात नवंबर से हुई है जो नौ नवंबर तक जारी रहेगा.
इस अभियान का उद्देश्य जल शासन प्रणाली में महिलाओं को शामिल करने के लिए एक मंच प्रदान करना है. उन्हें अपने-अपने शहरों में जल उपचार संयंत्रों (डब्ल्यूटीपी) के दौरे के माध्यम से जल उपचार प्रक्रियाओं के बारे में प्रत्यक्ष जानकारी प्रदान की जाएगी. संयंत्रों के दौरों से उन्हें घरों में स्वच्छ और सुरक्षित पेयजल पहुंचाने में प्रयुक्त महत्वपूर्ण प्रक्रियाओं को स्पष्ट रूप से देखने का अवसर मिलेगा. इसके अलावा, महिलाओं को जल गुणवत्ता परीक्षण प्रोटोकॉल के बारे में जानकारी उपलब्ध होगी जो यह सुनिश्चित करती है कि नागरिकों को अपेक्षित गुणवत्ता का जल उपलब्ध हो. इस अभियान का व्यापक लक्ष्य जल बुनियादी ढांचे के प्रति महिलाओं में स्वामित्व और अपनेपन की भावना को विकसित करना है.
भारत में 3,000 से अधिक जल उपचार संयंत्र हैं, जिनकी निर्मित जल उपचार क्षमता 65,000 एमएलडी से अधिक और परिचालन क्षमता 55,000 एमएलडी से अधिक है. इस अभियान के दौरान, महिला स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) 550 से अधिक जल उपचार संयंत्रों का दौरा करेंगे, जिनकी संयुक्त परिचालन क्षमता 20,000 एमएलडी (देश की कुल क्षमता की 35 प्रतिशत से अधिक) से अधिक है.
घरेलू जल प्रबंधन में महिलाओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहती हैं. महिलाओं को जल उपचार और बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी प्रदान करके महिलाओं को सशक्त बनाकर, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय का लक्ष्य उनके घरों के लिए सुरक्षित और स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करने के बारे में उनकी क्षमता को बढ़ाना है. इस अभियान का उद्देश्य पारंपरिक रूप से पुरुषों के प्रभुत्व वाले क्षेत्रों में समावेशिता और विविधता को बढ़ावा देकर लैंगिक समानता के मुद्दों को हल करना है.
“महिलाओं के लिए जल, जल के लिए महिलाएं अभियान”, ‘’जल दिवाली” के पहले चरण में राष्ट्रव्यापी रूप से 15,000 से अधिक स्वयं सहायता समूह महिलाओं की अपेक्षित भागीदारी के साथ सभी राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों (आदर्श आचार संहिता के तहत 5 राज्यों को छोड़कर) की भागीदारी रहेगी.
इस अभियान के प्रमुख क्षेत्र
- महिलाओं को जल उपचार संयंत्रों और जल परीक्षण सुविधाओं की कार्यप्रणाली से परिचित कराना
- महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा निर्मित स्मृति चिन्हों और वस्तुओं के माध्यम से महिलाओं की समावेशिता और भागीदारी को बढ़ावा देना
- महिलाओं को अमृत योजना और जल बुनियादी ढांचे के बारे में जानकारी देना और शिक्षित करना
इस अभियान के अपेक्षित परिणामों में जल उपचार के बारे में जागरूकता और जानकारी में वृद्धि करना, स्वामित्व और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाना, समावेशिता को बढ़ावा देना, स्वयं सहायता समूहों का सशक्तिकरण, सकारात्मक सामुदायिक प्रभाव और भविष्य की पहल के लिए मॉडल शामिल हैं.
‘अमृत’ (एएमआरयूटी) और एनयूएलएम से राज्य और शहर के अधिकारी डब्ल्यूटीपी की पहचान करके इन यात्राओं को सुविधाजनक बनाएंगे. आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ने सभी राज्य और शहर के अधिकारियों से इस पहल में सक्रिय रूप से भाग लेने और इसका समर्थन करने का आह्वान किया है. यह पहल ‘अमृत’ के तहत जल बुनियादी ढांचे के महत्वपूर्ण क्षेत्र में महिलाओं को शामिल करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है.
साभार : पीआईबी