- हर्षित वर्मा को 272वां, ऋत्विक वर्मा 520 और कपाली के आतिफ को मिला 819वां रैंक
- चाईबासा के अमन अग्रवाल ने भी सफलता की हासिल मिला 544वां रैंक
- पूर्वी सिंहभूम के डीडीसी मनीष कुमार के बड़े भाई मुनिंद्र कुमार भी हुए सफल
Central Desk, Campus Boom
देश की सबसे कठिन परीक्षा यूपीएससी सिविल सर्विसेज 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. जिन अभ्यर्थियों ने इंटरव्यू दिया था, वे ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर रिजल्ट चेक कर सकते हैं. आयोग की ऑफिशियल वेबसाइट https://upsc.gov.in/ पर रिजल्ट चेक करने का स्टेप्स दिया गया है. इस बार सिविल सर्विसेज की परीक्षा में आदित्य श्रीवास्तव ने टॉप किया है. वहीं, दूसरे स्थान पर अनिमेष प्रधान हैं जबकि तीसरे स्थान पर दोनुरु अनन्या रेड्डी हैं. आयोग की तरफ से कुल 1016 अभ्यर्थियों का फाइनल रूप से चयन किया गया है.
लखनऊ के रहने वाले हैं आदित्य श्रीवास्तव
लखनऊ के रहने वाले और यूपीएससी टॉप करने वाले आदित्य श्रीवास्तव वर्तमान समय में पश्चिम बंगाल में अंडर ट्रेनिंग आईपीएस के पद पर कार्यरत हैं. उनके पिता अजय श्रीवास्तव सेंट्रल ऑडिट डिपार्टमेंट में एएओ के पद पर कार्यरत हैं, जबकि एक छोटी बहन नई दिल्ली से सिविल परीक्षा की तैयारी कर रही है.आदित्य की मां आभा श्रीवास्तव सामान्य घरेलू महिला हैं. आदित्य का बचपन लखनऊ के मवैया इलाके में बीता और शुरुआती पढ़ाई सिटी मोंटेसरी स्कूल (सीएमएस) अलीगंज में हुई. 12वीं पास करने के बाद आदित्य ने आईआईटी कानपुर से बीटेक किया और कुछ दिनों के लिए निजी कंपनियों में नौकरी करने के बाद आईपीएस और अब आईएएस परीक्षा उत्तीर्ण की.
जमशेदपुर की स्वाति ने लहराया परचम
पूर्व थल सैनिक (सीएमपी) संजय शर्मा की पुत्री स्वाति शर्मा ने यूपीएससी की परीक्षा में जमशेदपुर का झंडा लहरा दिया है. भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा में स्वाति शर्मा ने ऑल इंडिया रैंकिंग में 17वां स्थान हासिल किया है. स्वाति ने कहा कि परीक्षा में सफलता को लेकर विश्वास था, लेकिन इतनी बड़ी सफलता की उम्मीद नहीं थी. अपनी सफता का श्रेय स्वाति ने अपने माता-पिता, टाटा स्टील में कार्यरत भाई संजीव शर्मा ने भी काफी मदद की. पूर्व सैनिक सेवा परिषद के सुशील कुमार सिंह, राजीव रंजन सिंह और पूरी टीम ने उनके घर पर जाकर उन्हें बधाई दी.
यूपीएससी की परीक्षा में ऑल इंडिया 17वां रैंक लानेवाली स्वाति शर्मा ने बताया कि पिता सेना में थे, इसलिए आरंभिक पढ़ाई देश के कई हिस्सों में हुई. स्वाति ने मैट्रिक की परीक्षा आर्मी सैकेंडरी स्कूल कोलकाता से पास की. इसके बाद 12वीं की पढ़ाई उन्होंने साकची स्थित टैगोर एकेडमी से पूरी की. इसके बाद 2019 में उन्होंने बिष्टुपुर स्थित जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज से पॉलेटिकल साइंस में एमए किया. स्वाति ने बताया कि टैगोर एकेडमी के शिक्षक जाकिर अख्तर ने उन्हें यूपीएससी एग्जाम के लिए मोटिवेट किया था. उनकी बातों से प्रभावित होकर आगे की पढ़ाई के लिए सभी मार्ग प्रशस्त कर दिये. यह उनका तीसरा प्रयास था. पहले दो प्रयास में उन्होंने जमशेदपुर में ही रहकर पढ़ाई की, परीक्षा दी, लेकिन उनका सलेक्शन नहीं हुआ. इसके बाद उन्होंने तय किया अंतिम प्रयास करना है, लेकिन इसके लिए दिल्ली जाने का फैसला किया. स्वाति शर्मा ने बताया कि उन्होंने जो स्थान हासिल किया है, उसके पीछे एक मूलमंत्र रहा पुरानी गलतियों को दोबारा दोहराना नहीं है. आगे कैसे पढ़ना है, इसके बारे में सोचना है. टॉपर रहे छात्रों ने किस तरह सवालों का हल किया, उनकी पढ़ाई का पैटर्न क्या रहा, किस तरह खुद को बिना दवाब के पढ़ाई में व्यस्त रखना है, यह सीखा और इस पर काम किया, जिंदगी खुद बेहतर बनती गयी.
टाटा स्टील कर्मी के पुत्र हर्षित वर्मा को मिला 272 रैंक
जमशेदपुर के कदमा स्थित प्रकृति विहार में रहने वाले और बीआईटी मेसरा से 2018 में कंप्यूटर इंजीनियरिंग किए हर्षित वर्मा ने यूपीएससी की परीक्षा में 272रैंक हासिल कर शहर का नाम ऊंचा कर दिया है. हर्षिक वर्तमान में बंग्लोर में एक मल्टिनेशनल कंपनी में कार्यरत हैं. हर्षित के पिता समर कुमार टाटा स्टील के सिंटर प्लांट 3 में सीनियर एसोसिएट पद पर कार्यरत है.मां सीमा कुमारी, गृहिणी है. हर्षित की स्कूलिंग कदमा के ही डीबीएमएस स्कूल से हुई है. हर्षित का छोटा भाई सिद्धांत वर्मा, BIT मेसरा से CS इंजीनियरिंग करने के बाद वर्तमान में गुगल , बंग्लोर में कार्यरत है.
लोयोला के छात्र ऋत्विक को यूपीएससी में 520 वीं रैंक
लोयोला स्कूल जमशेदपुर के पूर्व छात्र और स्पर्धा प्रकाशन की प्रकाशक प्रियंका वर्मा के पुत्र ने संघ लोक सेवा आयोग की सिविल सेवा परीक्षा में ऑल इंडिया 520 वीं रैंक हासिल कर जमशेदपुर सहित पूरे झारखंड को गौरवान्वित किया है. ऋत्विक ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई लोयोला स्कूल से करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से भूगोल विषय से स्नातक किया और वे दिल्ली से ही यूपीएससी परीक्षा की तैयारी कर रहे थे. इससे पूर्व ऋत्विक का चयन बीपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में भी हो चुका था. ऋत्विक ने अपनी सफलता का श्रेय स्पर्धा प्रकाशन की पुस्तकों सहित अपनी मां प्रियंका वर्मा और अपने पिता और पूर्व वन क्षेत्र पदाधिकारी एवं स्पर्धा प्रकाशन के निदेशक अजय कुमार के मार्गदर्शन को दिया है.
केपीएस मानगो से पढ़े आतिफ वकार को 819वा रैंक
मानगो के कपाली में रहने वाले आतिफ वकार एकराम अंसारी ने यूपीएससी की परीक्षा में 819वां रैंक हासिल कर सफलता प्राप्त की है. आतिफ की प्रारंभिक शिक्षा मानगो केपीएस और प्लस टू की पढ़ाई बारीडीह जेपीएस स्कूल से की थी. वहीं बीआईटी सिंदगी से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक किया कर नौकरी कर रहे थे. इसी बीच वह काम के साथ यूपीएससी की तैयारी में लगे थे. कड़ी मेहनत से उन्हें सफलता मिली है. आतिफ के पिता खुर्शीद वकार एकराम अंसारी पूर्वी सिंहभूम जिला के बोड़ाम प्रखंड के एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर हैं जबकि माता भी एक कबीरिया मध्य स्कूल से सहायक प्रधानार्चा पद से सेवानिवृत हैं. वकार की दो बहन और एक भाई है. दोनों बहन डॉक्टर है, जबकि भाई बी टेक कर रहा है.
चाईबासा के अमन ने प्राप्त किया 544वां रैंक
चाईबासा के अमन अग्रवाल ने पहले प्रयास में ही सफलता हासिल की. सिविल परीक्षा उत्तीर्ण कर पूरे कोल्हान का नाम रोशन किया है. अमन ने यूपीएससी में 544वां स्थान हासिल किया है. परीक्षा परिणाम आते ही उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई. अमन फिलहाल अपने पूरे परिवार के साथ दिल्ली में ही हैं. अमन की इस सफलता पर उसके ननिहाल जमशेदपुर और रांची में हर्ष का माहौल है.
डीडीसी मनीष कुमार के बड़े भाई मुनींद्र कुमार ने प्राप्त किया 737वां रैंक
पूर्वी सिंहभूम के डीडीसी मनीष कुमार के बड़े भाई मुनींद्र कुमार का यूपीएससी में चयन हो गया है. उन्हें यूपीएससी में 737वां स्थान मिला. मुनींद्र मूल रूप से रांची से पले-बड़े हैं. बीआइटी मेसरा से पढ़ाई के बाद आइआइएम अहमदाबाद एमबीए किया. वर्तमान में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) मुंबई में एजीएम के पद पर पिछले दो सालों से पदस्थापित है. सेबी में नौकरी करने के दौरान खाली समय में यूपीएसइ की तैयारी भी कर रहा था. शांत, मृदुभाषी व मिलनसार स्वभाव के मुनींद्र ने इस सफलता के लिए अपने परिवार, शिक्षक, भगवान को श्रेय दिया है. मुनींद्र ने यह सफलता अंतिम प्रयास में हासिल किया है.