जमशेदपुर.
कोल्हान विश्वविद्यालय चाईबासा की गलती का खामियाजा हजारों विद्यार्थियों को भुगतना पड़ेगा विश्वविद्यालय की ओर से जारी उनकी डिग्री को अमान्य किया जा रहा है. इससे विद्यार्थियों की मुश्किलें बढ़ने लगी है. विश्वविद्यालय की इस गलती के कारण कोई नौकरी पाने से वंचित रह सकता है तो किसी की नौकरी भी जा सकती है.
दो की जगह कराई गई एक विषय की पढ़ाई
चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम प्रणाली के तहत झारखंड बिहार राज्य में सर्वप्रथम अपने वाला विश्वविद्यालय में कोल्हन विश्वविद्यालय भी सम्मिलित था. लेकिन विश्वविद्यालय ने विषय चयन में गलती कर दी इस वजह से विद्यार्थियों को जहां दो जेनेरिक पेपर (GE elective) की पढ़ाई करनी थी वहां सिर्फ एक ही विषय पढ़कर विद्यार्थियों को उत्तीर्ण होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया गया.
ऐसा हुआ गलती का एहसास
सत्र 2017- 2020 , 2018-2021 एवं 2019 -2022 से नई प्रणाली के तहत कोल्हान विश्वविद्यालय में स्नातक में नामांकन लिया गया था. यूजीसी नियम के तहत इन 3 वर्षों में दो जेनेरिक पेपर पढ़ना अनिवार्य था भूल वश एक ही जेनेरिक पेपर के विषयों को चारों सेमेस्टर में पढ़ाया गया विश्वविद्यालय को इस केस की जानकारी तब हुई जब विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा में फॉर्म भरने से रोका गया तथा दो जेनेरिक पेपर नहीं होने के कारण फॉर्म भरने की पात्रता से वंचित किया गया.
1.प्रतियोगी परीक्षाओं का फॉर्म भरने से किया जा रहा वंचित
2.सर्टिफिकेट अमान्य हो जाने से कई लोगों की जा सकती है नौकरी
3.जेनेरिक विषय के लिए विशेष परीक्षा आयोजित करने का मांग
कोल्हान विश्वविद्यालय छोड़कर झारखंड के अन्य विश्वविद्यालय में हो रही विशेष जेनेरिक पेपर की परीक्षा आयोजित हो रही है।
उपरोक्त विषय की मांग को लेकर कोल्हान छात्र संघ के प्रतिनिधिमंडल कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति मनोज कुमार के पास पहुंचे उन्होंने इस विषय पर जल्द समाधान निकालने की बात कही. छात्र नेताओं ने कहा की अगर विश्वविद्यालय इस समस्या का जल्द से जल्द निदान करे नही तो छात्र संघ उग्र आंदोलन करने को बाध्य होगी.
मुख्य रूप से मौके पर मौजूद कोल्हन विश्वविद्यालय छात्र संघ सचिव सुबोध महाकुड़, उपसचिव बिरेंद्र कुमार, सूरज ओझा, अनंत कुमार, विद्युत शव, रवींद्रनाथ कुमार, अभिषेक साहू, अभिजीत बेरा, बदल दास अन्य छात्र छात्राएं मौजूद थे.