जमशेदपुर.
डॉ उदय हयात की भोजपुरी गजल गीत संग्रह ‘बार के दीअरी दहा दिहिला’ का लोकार्पण पेंशनर कल्याण समाज साकची में अरविंद विद्रोही, प्रदीप भोजपुरिया, मनोकामना सिंह, पूर्व कमिश्नर मोहन राय के अध्यक्ष मंडल में लोकार्पित हुई. जलेस अध्यक्ष अशोक शुभदर्शी ने बधाई संदेश मे कहा कि उदय हयात ने इस पुस्तक में भोजपुरी समाज की श्रम संस्कृति को उभारा है.
समीक्षक दिव्येन्दु त्रिपाठी ने उदय हयात के बिम्ब योजना एवं मध्य वर्गीय चेतना की प्रशंसा की. भोजपुरी भइया प्रदीप सिह ने प्रशंसा करते हुए कहा कि उदय हयात ने अपने गंवई संस्कार को गजल और गीत में ढाला है, जो सुख देता है. इस बाबत उन्होंने भोजपुरी समाज में महिला सम्मान की भी बात की.
मुख्य अतिथि अरविंद विद्रोही ने पुस्तक प्रकाशन पर हर्ष व्यक्त किया एवं हयात की रचनाओं को आम लोग से जुडा बताया. पुस्तक की कुछ रचनाओं को वरुण प्रभात एवं डॉ लता मानकर ने दर्शकों के समक्ष प्रस्तुत किया.
गोविन्दपुर से आए मनोकामना सिंह ने अपने वक्तव्य में भोजपुरी गजलकारों को याद करते हुए पुस्तक के शीर्षक, गीत आदि की सराहना की.
कार्यक्रम की संचालिका निवेदिता श्रीवास्तव गार्गी की वाक्पटुता और ओजस्विता ने श्रोताओ को मुत्तासिर किया. मौके पर डॉ अमर सिंह, पशुपति, पलक राज, पीयूषराज, साइन्टिफिक ऐकेडमी के शिक्षक, ज्योत्सना अस्थाना, शैलेन्द्र अस्थाना, विमल किशोर, जेपी पांडे, रमेश हंसमुख एवं अन्य उपस्थित थे. धन्यवाद ज्ञापन कवि सुरेश दत्त पांडे प्रणय ने दी.