जमशेदपुर.
जिला के सभी कोटी के उच्च विद्यालय व आवासीय विद्यालयों में स्काउट एंड गाइड के पंजीयन कराने और शुल्क के नाम पर पिछले चार वित्तीय वर्ष का शुल्क प्रतिवर्ष के हिसाब से चार हजार रुपए वसूली का मामला अब खुल कर सामने आ गया है. जिला शिक्षा अधीक्षक के स्तर से इसमें जांच शुरू कर दी गयी है. इसकी जानकारी जिला शिक्षा विभाग के शिक्षकों के साथ बनाए गए एक ऑफिसियल वाट्सग्रुप के माध्यम से सामने आयी है. मालूम हो कि जिला के एकाद स्कूलों को छोड़ किसी भी सरकारी उच्च विद्यालयों में स्काउट एंड गाइड की न तो सुविधा है न अलग से यूनिट है और न ही कोई एक्टिविटी होती है. बावजूद इसके वर्षों से प्रति विद्यार्थी 5 से 10 रुपए की शुल्क वसूली होती आ रही है. इस बार भी एक चिट्टी जिला शिक्षा विभाग की ओर से जिला के सभी कोटी के उच्च विद्यालयों व आवासीय विद्यालयों को पत्र निर्गत करते हुए वर्ष 2020-21 से लेकर 2023-24 यानी चार वर्षों के लिए शुल्क जमा करने का आदेश दिया गया. इसमें अधिकतर स्कूल प्रबंधन ने किसी तरह से रुपए की व्यवस्था कर आदेश में जारी एकाउंट नंबर में पैसा जमा करा दिया. लेकिन यह बात तब सामने आयी जब इसमें कोरोना काल वर्ष का भी शुल्क मांगा गया है और दूसरी ओर इस वक्त के 10वीं या 12वीं में पढ़ने वाले विद्यार्थी पास होकर स्कूल से निकल चुके हैं. ऐसे में उनका शुल्क कौन देगा? इस असमंजस में कुछ स्कूल कमेटी ने बैठक बुलाई और बातें बाहर आ गई अन्यथा, शिक्षा विभाग और विवाद के दौर में चल रहे भारत स्काउट एंड गाइड (पूर्वी सिंहभूम) के नाम पर वसूली होती रहती. जिला शिक्षा अधीक्षक ने ऑफिसियल वाट्सएप ग्रुप में लिखा है कि चिट्टी की छानबीन चल रही है.
कैंपस बूम ने उठाया था मामला
इस खबर को कैंपस बूम ने पांच अक्टूबर को ”स्काउट एंड गाइड का संचालन ही नहीं, चार साल का मांगा गया शुल्क, असमंजस में गुरुजी और स्कूल प्रबंधन” शीर्षक से खबर पोस्ट किया था. खबर लिखने के दौरान कैंपस बूम ने जिला के डीएसई, डीईओ से मोबाइल फोन पर बात करने का प्रयास किया था, लेकिन रिंग होने के बावजूद कोई जवाब नहीं मिला था. लेकिन खबर पोस्ट होते ही, वह शिक्षकों और अन्य ग्रुप में फॉरवॉर्ड होता गया और बात ऊपर तक पहुंच गयी. वहीं खबर भारत स्काउट एंड गाइड, झारखंड सरकार रांची के पदाधिकारितों तक पहुंचा और उन्होंने तत्काल संज्ञान लेते हुए शुल्क वूसली को गलत ठहराया. हालांकि संस्था द्वारा शुल्क वसूली की जानकारी मिलने पर सितंबर में ही जिला शिक्षा विभाग को पत्राचार के माध्यम से उसे गलत ठहराया था.
जिस अधिकारी के नाम पर शुल्क वसूली का आदेश, संस्था ने उसे 2020 में फर्जी बताया था
जिला शिक्षा पदाधिकारी, पूर्वी सिंहभूम, जमशेदपुर की ओर से 8 मई 2023 को जिस पत्राचार के माध्यम से स्कूलों को स्काउट एंड गाइड का शुल्क जमा करने का निर्देश दिया गया हैं और पत्र में जिला संगठन आयुक्त नरेश कुमार, जिला मुख्यालय आम बागान, स्काउट एंड गाइड से संपर्क करने को कहा था. उस नरेशन कुमार को भारत स्काउट एंड गाइड, झारखंड राज्य के सचिव श्रीमोहन सिंह ने सेवामुक्त और फर्जी व्यक्ति बताया है. सबसे बड़ी बात है कि राज्य पदाधिकारियों की ओर से इसकी सूचना लगातार शिक्षा विभाग, निदेशक, सभी क्षेत्रीय उप शिक्षा निदेशक, जिला शिक्षा पदाधिकारी को वर्ष 2020 में दी जा चुकी है.
इस वर्ष भी शुल्क वसूली की जानकारी मिलने पर भारत स्काउट एंड गाइड ने सितंबर 2023 में ही पत्राचार कर इसे गलत ठहराया था. बावजूद इसके सभी स्कूलों से शुल्क वसूली कर ली गयी.
नोट : कैंपस बूम किसी भी संस्था या व्यक्ति को फर्जी या गलत साबित नहीं कर रहा है. वर्तमान और पूर्व में लिखे पत्र में लिखी बातों के आधार पर यह खबर बनाई जा रही है. खबर की पारदर्शिता बनी रहे इसलिए पोस्ट के साथ पत्र की कॉपी को लगाया गया है.