राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के धातुकर्म एवं अभियांत्रिकी विभाग के छात्रों द्वारा विशेषज्ञ संवाद – 4 का हुआ आयोजन
जमशेदपुर.
हमारा जीवन जीने का तरीका, खान-पान, रहन-सहन, आसन, प्राणायाम, ध्यान और सोचने का तरीका हमारे जीवन के तनाव व अवसाद को कम कर सकता है. यह बातें डिप्टी जनरल मैनेजर आईडीबीआई बैंक, योग विशेषज्ञ, मोटिवेशनल वक्ता अर्चना कुमारी ठाकुर ने राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जमशेदपुर के धातुकर्म एवं अभियांत्रिकी विभाग के छात्रों द्वारा आयोजित विशेषज्ञ संवाद – 4 के मुख्य अतिथि के रुप में आज कही. एक उदाहरण देते हुए अर्चना ने बताया कि दो भाईयों को पिताजी ने गिफ्ट दिया. बड़ा भाई गिफ्ट खोला उसके पसंद का गिफ्ट था. वह बहुत खुश हुआ. उसके छोट भाई ने गिफ्ट खोला, उसका भी गिफ्ट उसके पसंद का था वह भी बहुत खुश हुआ. लेकिन बड़ा भाई उदास हो गया क्योंकि उसके छोटे भई का गिफ्ट उसके गिफ्ट से महंगा था. सोचने के तरीके के कारण कुछ क्षण पहले की खुशी उदासी में बदल गयी. हम सफलता का जश्न तो मनाते हैं हमें असफलता को स्वीकारना भी सिखना होगा. कार्यक्रम में अर्चना ठाकुर ने विद्यार्थियों से तनाव, अवसाद एवं परीक्षा के डर को कैसे दूर करें इन सभी बातों पर बातचीत की एवं उनसे उबरने के उपायों पर चर्चा करके विद्यार्थियों को अपने अनुभव से लाभांवित किया. उन्होंने अनुलोम विलोम, नाड़ी शोधन एवं सूक्ष्म योग पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही उन्होंने विभिन्न समस्याओं के निदान के लिए अपने सुझाव भी छात्रों के समक्ष प्रस्तुत किये.
कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हुए विभागाध्यक्ष डॉ रंजीत प्रसाद ने अर्चना कुमारी ठाकुर के बारे मे जानकारी साझा की. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर गौतम सूत्रधार ने कहा कि मन, बुद्धि, चित और शरीर पर नियंत्रण कर मन पर नियंत्रण किया जा सकता है जो प्रति दिन के अभ्यास से आ सकता है.
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप- प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ. मुख्य अतिथि को प्रतीक चिन्ह भेंटकर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के अंत में डॉ बिनोद कुमार सिंह प्रोफेसर मेटलर्जी विभाग ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया. कार्यक्रम के दौरान डॉ रंजीत प्रसाद विभाग्ध्यक्ष् मेटलर्जी विभाग, डॉ रामकृष्ण , डॉ अनुश्री दत्ता, डॉ बिनोद कुमार सिंह, प्रथम वर्ष के छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे.