जमशेदपुर.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी से इंटर अलग होने और वर्तमान बिस्टुपुर कैंपस में ही इंटर कॉलेज के लिए अलग से जगह देकर कॉलेज संचालित करने की पहल से अन्य डिग्री कॉलेजों में भी इंटर की पढ़ाई बंद न कर के अलग से व्यवस्था देने की संभावना बन रही है. मालूम हो कि नई शिक्षा नीति 2020 के तहत डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई को बंद करने का नियम है. इस वर्ष ही दाखिला प्रक्रिया को लेकर काफी बवाल मचा रहा, छात्रों और शिक्षकों की मांग के बाद इंटरमीडिएट कॉलेज की पूर्ण व्यवस्था होने तक दाखिला जारी रखने का आदेश झारखंड सराकर ने दिया था जिसके बाद सत्र 2023-25 के लिए दाखिला लिया गया. लेकिन उम्मीद है 2024 से नया दाखिला नहीं लिया जाएगा. इसी बीच जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी से इंटरमीडिएट को अलग करने के फैसले के साथ वर्तमान कैंपस में इंटर कॉलेज के लिए जगह देने की घोषणा से राज्य के 62 अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में संचालित इंटरमीडिएट को लेकर भी यह मांग उठने लगी है कि जिन कॉलेजों में पर्याप्त जमीन हैं वहां भी इंटरमीडिएट कॉलेज की अलग से स्थापना होनी चाहिए.
मंत्री बन्ना गुप्ता से मिला प्रतिनिधि मंडल
इंटरमीडिएट शिक्षकों का एक प्रतिनिधि मंडल रविवार को बिस्टुपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता से मिल कर यह मांग रखा कि उनके समायोजन पर सरकार उचित पहल करे. मालूम हो कि डिग्री कॉलेजों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद होने से सबसे ज्यादा समस्या उन शिक्षकों के साथ होने वाली हैं जो वर्षों से कम वेतन में भी इंटर की पढ़ाई कराने में अपनी सेवा दे रहे हैं. चुकी सारे शिक्षक संविदा पर कार्यरत हैं, और ऐसे में जब पढ़ाई ही बंद हो जाएगी, तो इन शिक्षकों का क्या होगा? इसको लेकर सरकार के पास कोई ठोस योजना नहीं है. शिक्षकों की मांग है कि इंटरमीडिएट की पढ़ाई जहां भी शुरू कराई जाएगी जिन प्लस टू स्कूल या इंटर कॉलेज की स्थापना होती है तो वहां उनका समायोजन किया जाए. मंत्री बन्ना गुप्ता ने शिक्षकों की मांग को गंभीरता से लिया और कहा कि वे इस मुद्दे पर वे मुख्यमंत्री से सीधे बात करेंगे और निश्चित रुप से हल निकालेंगे.
डिग्री कॉलेज में ही इंटर कॉलेज खोलने का दिया गया सुझाव
मंत्री बन्ना गुप्ता से मिलने पहुंचे प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने सुझाव दिया कि राज्य के 62 अंगीभूत डिग्री कॉलेजों में ऐसे कई कॉलेज हैं जिनके पास पर्याप्त भूमि है. अगर उन कॉलेजों में जगह उपलब्ध करा दी जाए तो इंटर कॉलेज की अलग से स्थापना हो सकती है. इससे दोहरा लाभ होगा. पहला कि जो छात्र उक्त कॉलेज के नाम पर इंटर में दाखिला के लिए आते है, उस क्षेत्र के विद्यार्थियों को दूसरी जगह जाने की समस्या से निजात मिलेगा. दूसरी ओर नौकरी जाने की पसोपेश में फंसे संविदा पर कार्यरत इंटरमीडिएट के शिक्षिक, कर्मचारियों को बगैर किसी समस्या के समायोज की प्रक्रिया भी हो जाएगी. मंत्री ने मिलने के दौरान कोल्हान विवि की पूर्व वीसी डॉ शुक्ला मोहंती भी मौजूद थी.
इस वर्ष दाखिला को लेकर मंत्री बन्ना ने की थी पहल
मालूम हो कि इस वर्ष जब राज्य भर के डिग्री कॉलेजों ने नई शिक्षा नीति का हवाला देते हुए इंटरमीडिएट का दाखिला रोक दिया, तो शिक्षक और विद्यार्थियों के सामने बड़ी समस्या खड़ी हो गयी. चुकी इंटर में आने वाले विद्यार्थी पहली बार कॉलेज आते हैं, इसलिए वे दाखिला नहीं होने की जानकारी होने से लौट जाते थे और अपनी बात कहीं नहीं रख पा रहे थे, फ्रेशर स्टूडेंट होने के कारण वे संगठित भी नहीं थे. ऐसे में अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई और दाखिला के लिए भटक रहे हजारों विद्यार्थियों के भविष्य को बचाने का बीड़ा खुद इंटरमीडिएट के शिक्षकों ने उठाया. राज्यभर में मांग, प्रदर्शन, घेराव करना आरंभ किया. प्रतिनिधि मंडल इस दौरान मंत्री बन्ना गुप्ता से भी मिला था. मामले में मंत्री ने गंभीरता से लेते हुए पहल किए जिसका नतीजा रहा कि मुख्यमंत्री ने तत्काल आदेश निकालते हुए इंटरमीडिएट में दाखिला लेने का आदेश सभी विवि व उनक अधिन संचालित डिग्री कॉलेजों को दिया था. इसलिए इस बार भी शिक्षिकों को मंत्री बन्ना गुप्ता के आश्वासन पर विश्वास है.
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