- गणित, विज्ञान, जीव विज्ञान, सोलर एनर्जी, बाढ़ रहित हाईड्रोलिक सिस्टम घर के माॅडल से लेकर हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा पर आधारित मॉडल का बच्चों ने किया प्रदर्शन
जमशेदपुर.
रचनात्मक और कलात्मक कार्य बच्चों के अंदर के ज्ञान को बाहर लाने, उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने के साथ भविष्य की राह को दिखाता है. कुछ ऐसे ही उद्देश्य से आज छोटा गोविंदपुर स्थित विवेक विद्यालय में कक्षा यूकेजी से लेकर छह तक के बच्चों द्वारा बनायी मॉडल प्रदर्शनी कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर राजकीय मध्य विद्यालय बिरसानगर के प्रधानाध्यापक एसके ठाकुर, वीआर मीडिया एंड प्रोडक्शन के निर्देशक सह पत्रकार विकास श्रीवास्तव और दैनिक भास्कर के फोटो जर्नलिस्ट मो रफीक मौजूद थे. अतिथियों ने प्रदर्शित मॉडल को देखा और बच्चों ने अपने अपने मॉडल के बारे में बखूबी बताया कि उनका मॉडल किस विषय पर बनाया गया है और वह किस तरह काम करता है. बच्चों के आत्मविश्वास को देख अतिथि काफी प्रभावित हुए. अतिथियों ने बच्चों के साथ प्राइमरी सेक्शन के शिक्षिक, शिक्षिकाएं और टीम में शामिल सभी सदस्यों के प्रयास के प्रशंसा की और भविष्य में ऐसे कार्यक्रम के आयोजन होते रहने की सलाह दी.
विद्यालय के प्राचार्य अवधेश सिंह ने सभी का संबोधन करते हुए कहा कि यह विवेक विद्यालय की परंपरा रही है कि यहां किताबी ज्ञान के साथ साथ कई अन्य विधियों द्वारा बच्चों को पठन पाठन के लिए प्रेरित किया जाता है और मॉडल प्रदर्शनी उनमें से एक है. उन्होंने प्रदर्शनी का निरीक्षण करते हुए बच्चों से उनके द्वारा बनाए गए मॉडलों के बारे में जानकारी ली. अंत में उन्होंने प्राथमिक विभाग के शिक्षकों तथा बच्चों एवं कार्यक्रम के दौरान उपस्थित उनके अभिभावकों को इस प्रदर्शनी का आयोजन करने के लिए और अपना सहियोंग देने के लिए धन्यवाद दिया और सभी के उज्जवल भविष्य की मंगल कामना की. इस कार्यक्रम में विद्यालय की आंतरिक एडमिनिस्ट्रेटर पारुल, एडमिनिस्ट्रेटर बीसी महतो अन्य उपस्थित थे.
भविष्य की राह दिखाता हाईड्रोलिक सिस्टम हाउस मॉडल
कक्षा छह (सी) के विद्यार्थी ऋतुराज द्वीवेदी ने बेकार सिरिंज और स्लाइन की पाइप के माध्यम से हाइड्रोलिक सिस्टम हाउस का मॉडल बनाया था. बच्चें ने मॉडल के माध्यम यह प्रस्तुत किया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में इस तरह के घर को बनाया जा सकता है. बाढ़ आने पर घर हाइड्रोलिक सिस्टम से ऊपर की ओर उठ जाएगा और बाढ़ का पानी घर में नहीं प्रवेश करेगा. इससे जान माल के नुकसान से बचाव हो सकता है. मालूम हो कि देश में हाइड्रोलिक सिस्टम घर का उठाने का कार्य काफी तेजी से बढ़ा है. पुराने मकानों को भूमि तल से उठाने का यह कार्य होता है. ऐसे में बच्चें द्वारा बनाया मॉडल भविष्य के नए मकान के विकल्प को खोलता है. अगर घर निर्माण के दौरान ही उसे हाइड्रोलिक सिस्टम लगा दिया जाए, तो बाढ़ जैसी आपदा से बचा जा सकता है.
हिंदी, संस्कृत और अंग्रेजी भाषा का विकास क्रम और व्याकरण पर तैयार मॉडल आकर्षक
प्रदर्शनी में एक से बढ़ एक मॉडल बच्चों ने बनाए और प्रदर्शित किए थे. कक्षा यूकेजी के बच्चों ने रंग, फल, सब्जी पर आधारित बेहतरीन मॉडल बनाए थे. फलों व सब्जियों के माध्यम से रंगों की पहचान कैसे करें. ऐसे मॉडल वाकई में प्राइमरी सेक्शन खास जब बच्चों को विकास क्रम शुरू होता है, तो उनकी जानकारी के लिए बहुत जरूरी हो जाता है. प्रदर्शनी में भाषाई उत्पत्ती, विकास क्रम और व्याकरण पर आधारित आकर्षक मॉडल बनाए गए थे.
बच्चों ने मॉडल के माध्यम से संस्कृत, हिंदी भाषा की उत्पत्ती और उसके उपयोग, मुहावरे, विलोम शब्द कैसे पहचाने जैसे आकर्षक मॉडल बनाए थे. कक्षा छह (ए) की छात्रा मानसी कुमारी ने भाषा की उत्पत्ती की शानदार व्याख्या की. अंग्रेजी के व्याकरण, नाउन के विभिन्न प्रकार को कैसे पहचाने और आसान तरीके से समझने पर आधारित मॉडल कार्यक्रम में सबसे ज्यादा आकर्षक रहा. मॉडल के बारे में चौथी (सी) की छात्रा भाग्यश्री द्वारा उसके बारे में बताने के तरीके से सभी काफी प्रभावित हुए.
अभिभावक भी हुए शामिल
कार्यक्रम का उदघाटन अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर किया. वहीं स्कूल की ओर अतिथियों का स्वागत पुष्पगुच्छ देकर किया गया. मॉडल प्रदर्शनी कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावक भी शामिल हुए. अभिभावक अपने बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडल उनके प्रदर्शन करने को देख काफी खुश थे.
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