जमशेदपुर.
28 लेखिकाओं के संघर्ष की गाथा पर आधारित पुस्तक ‘आरोहण’ का हुआ विमोचन 28 अक्टूबर को अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत,महिला आयाम, झारखंड प्रांत के बैनर तले तुलसी भवन के प्रयाग कक्ष में संपन्न हुआ. उन 28 महिला लेखिकाओं में पत्रकार अन्नी अमृता भी शामिल हैं जो अब लेखन की दुनिया में प्रवेश कर चुकी हैं. उनकी दो पुस्तकें (ये क्या है, मैं इंदिरा बनना चाहती हूं) पिछले दो सालों में प्रकाशित हो चुकी हैं.
हर पुस्तक की अपनी एक यात्रा होती है, पर पुस्तक लिखते समय लेखिका की भी अपनी एक यात्रा होती है और इसी यात्रा के उतार-चढ़ाव, अच्छे-बुरे अनुभव और संघर्ष की कथा कहती है पुस्तक “आरोहण”. इसमें जमशेदपुर शहर की 28 महिला लेखिकाओं ने अपनी लेखकीय यात्रा को साझा कर इस पुस्तक के प्रति अपना प्रेम दिखाया है.
किताब ‘आरोहण’ के बारे में
इस पुस्तक की संपादिका शिक्षाविद सह साहित्यकार डॉक्टर अनीता शर्मा और डॉक्टर कल्याणी कबीर हैं.
विमोचन कार्यक्रम में खास तौर पर पहुंची पद्मश्री छुटनी देवी
प्रयाग कक्ष, तुलसी भवन में इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पद्मश्री छुटनी महतो बतौर मुख्य अतिथि पहुंची. मुख्य वक्ता के रूप डॉक्टर मुदिता चंद्रा, (शिक्षाविद , साहित्यकार) शिवाजी क्रांति,( एबीजीपी प्रान्त संगठन मंत्री , पूर्व प्रचारक ) प्रतिष्ठित रंगकर्मी सह एबीजीपी पूर्वी सिंहभूम की उपाध्यक्ष श्रीमती कृष्णा सिन्हा मौजूद रहीं.वहीं मंचासीन दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश(साहित्यकार, पूर्व संपादक , प्रभात खबर ) ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की.
भारतीय परंपरा के अनुसार द्वार पर तिलक लगाकर सभी अतिथियों का स्वागत किया गया.कार्यक्रम का आरंभ भारत माता और स्वामी विवेकानंद के चित्र पर पुष्पित कर और दीप प्रज्वलित कर किया गया. उसके बाद एबीजीपी के प्रचार टोली की सदस्या डाॅली परिहार ने भारत माता की वंदना प्रस्तुत की. उसके बाद सभी मंचासीन अतिथियों के कर कमलों से “आरोहण” पुस्तक का विमोचन किया गया.
डायन प्रथा के खिलाफ काम करनेवाली पद्मश्री छुटनी महतो ने अपने संघर्ष की कहानी साझा करते हुए बताया कि कैसे उन्हें डायन कहकर ससुराल से मारपीट कर निकाल दिया गया था. उसके बाद भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी.शिक्षाविद डॉ मुदिता चंद्रा ने पुस्तक पर बोलते हुए कहा कि उन्हें सभी 28 लेखिकाओं की गाथा अनूठी लगी. वरिष्ठ साहित्यकार श्री दिनेश्वर प्रसाद सिंह दिनेश जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि ऐसी पुस्तक की परिकल्पना के लिए डाॅ कल्याणी कबीर और डाॅ अनीता शर्मा की जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है.उन्होंने सलाह दी कि आरोहण-2भी जारी होनी चाहिए जिसमें एन सभी लेखिकाओं को शामिल किया जाए जो छूट गईं हैं.
एबीजीपी प्रान्त संगठन मंत्री शिवाजी क्रांति ने भी इस परिकल्पना की तारीफ की.
कार्यक्रम का संचालन डॉक्टर अनिता शर्मा ने किया और स्वागत भाषण डॉक्टर कल्याणी कबीर ने दिया. वहीं धन्यवाद ज्ञापन कृष्णा सिन्हा ने दिया.
कार्यक्रम को सफल बनाने में अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत के कोषाध्यक्ष चंद्रनाथ बनर्जी, पूर्वी सिंहभूम अध्यक्ष पप्पू सिंह, महिला आयाम प्रमुख सरिता सिंह, रवि प्रकाश सिंह, अंकेश, रोशन , वेंकटेश, रूनू यादव इत्यादि की भूमिका सराहनीय रही. कार्यक्रम में संजय मिश्रा – संपादक प्रभात खबर, समाजसेवी मंजू ठाकुर, शिक्षाविद सह साहित्यकार डॉ रागिनी भूषण , डाॅ पूनम सहाय और समाजसेवी चंदन जायसवाल की भी गरिमामयी उपस्थिति रही. इस पुस्तक विमोचन में महिला आयाम ग्राहक पंचायत के सदस्यों के साथ सभी महिला लेखिकाओं की भी उपस्थिति रही.
इस पुस्तक में इन लेखिकाओं की लेखकीय यात्रा की गाथा है
डॉ आशा गुप्ता ‘श्रेया’,ऐंजिल उपाध्याय,माधुरी मिश्रा ,डॉ अनिता शर्मा, डॉ कल्याणी कबीर, आरती श्रीवास्तव विपुला, ममता सिंह, नीता सागर चौधरी, निवेदिता श्रीवास्तव, उपासना सिन्हा, डॉ अनिता निधि,सरिता सिंह’, सरोज सिंह परमार, सुखबीर कौर, पद्मा प्रसाद ‘ विन्देश्वरी’, अन्नी अमृता, डॉ सुनीता बेदी,सुष्मिता मिश्रा, रीना सिन्हा, मंजू भारद्वाज ‘कृष्ण प्रिया’, सुनीता सुचारी, ममता कर्ण,बबली मीरा, वीणा कुमारी नंदिनी,रीना गुप्ता श्रुति, डॉली परिहार,आरती शर्मा, अभिलाषा कुमारी.