- जमशेदपुर के बर्मामांइस स्थित टीएसटीआई 2014 से युवाओं कर रहा कुशल रुप से तैयार
- वर्तमान में 327 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं
- 228 लड़के और 99 लड़कियां ले रही अलग अलग ट्रेड में ट्रेनिंग
- 582 विद्यार्थी इस संस्थान से अब तक कर चुके हैं डिप्लोमा कार्यक्रम
- शत प्रतिशत है प्लेसमेंट, 571 को मिला विभिन्न कंपनियों में रोजगार, 8 ने चुना उच्च शिक्षा की राह, तीन बन गये इंटरप्रेन्याेर
जमशेदपुर.
21वीं सदी कौशल युग है. अगर आपके हाथ में हुनर है और तकनीकी रुप से आप कुशल है, तो आपके लिए न तो रोजगार की कमी है और न ही स्वरोजगार की. कोई बड़ी कंपनी हो या छोटा सा वर्कशॉप, मॉल हो या मुहल्ले में चलने वाली छोटी सी दुकान. हर जगह काम के अनुसार तकनीक जानकार की जरूरत पड़ रही है. कुछ नहीं तो कंप्यूटर पर वर्ड, एक्सल, टाइपिंग जैसी जानकारी भी आपको एक अच्छा रोजगार दिला सकती है. यही कारण है कि सरकार के साथ शिक्षण संस्थानों का स्किल डेवलपमेंट कोर्स पर ज्यादा फोकस है. जहां एक ओर सरकार कौशल विकास केंद्र के माध्यम से हर हाथ को कुशल बना कर रोजगार स्वरोजगार देने का प्रयास कर रही है.
वहीं टाटा स्टील जैसी कॉरपोरेट कंपनी भी इस क्षेत्र में बड़े उदाहरण प्रस्तुत कर रही है. इसी में एक है टाटा स्टील और टाटा स्टील फाउंडेशन की ओर से जमशेदपुर के बर्मामाइंस में संचालित टाटा स्टील टेक्नीकल इंस्टिट्यूट. 2014 में शुरू हुए इस तकनीकी संस्थान ने 10वीं/12वीं पास विद्यार्थियों को एक नया अवसर दिया. अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और नेट्टूर के साथ टेक्निकल ट्रेनिंग फाउंडेशन (एनटीटीएफ), बैंगलोर अपने प्रशिक्षण भागीदार के रूप में, टीएसटीआई ने झारखंड के प्रमुख तकनीकी डिप्लोमा कॉलेजों में से एक के रूप में अपनी प्रतिष्ठा अर्जित की है.
मीडिया विजिट में दी गयी संस्थान की पूर्ण जानकारी, बताई गयी उपलब्धिया
टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन की ओर से सोमवार को संस्थान का मीडिया विजिट कराया गया. इस दौरान संस्थान की शुरूआत, वहां कराई जा रही पढ़ाई, कोर्स, एक्सट्रा एक्टिविटी, प्लेसमेंट के संबंध में प्रिंसिपल वेद प्रकाश और ब्रिजकिशोर सिंह ने पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी. वहीं संस्थान के 13 अगल अलग प्रयोगशालाओं का भी विजिट कराया गया. यहां पढ़ने वाले विद्यार्थियों को उन्हीं सभी मशीनों से प्रशिक्षण दिया जाता है, जो कंपनियों में उनके जॉब के अनुसार उपयोग लाए जाते हैं. मीडिया विजिट के दौरान टाटा स्टील कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन की हेड रुणा राजीव कुमार और अमित गुप्ता उपस्थित रहे.
बडी कान्सेप्ट हो रहा सफल, कमजाेरों के मेधावी दोस्त बन कर रहे मदद
टीएसटीई में पढ़ाने का तरीको बिल्कुल भिन्न है. यहां से हर विद्यार्थी विशेष गुण लेकर निकले और प्रशिक्षण की हर बारिकी को वह समझ सके इसके लिए अनोखे पहल भी किए जाते है. इसी में से एक है माय बडी (My Bady) यानी मेरा दोस्त. इसमें एक ही क्लास के मेधावी छात्र को उन छात्रों को बडी बनाया जाता है जो थोड़े कमजोर होते है. बडी उनकी मदद करता है और हर डाउट को दोस्ताने अंदाज में दूर करता है. इसमें बडी की जिम्मेदारी भी तय की जाती है कि वह अपने बडी के हर डाउट को दूर करते हुए उसे इस स्तर पर ले आये कि किसी से पीछे न रह जाए. इस पहल से कमजोर और मेधावी दोनों ही विद्यार्थी को फायदा हो रहा है.
हर एक स्टूडेंट को नयी जानकारी हासिल करने और सभी से शेयर करने का लक्ष्य
यह पहल भी संस्थान की अनोखी है. यह अलग सेशन के तौर पर तैयार किया गया है. जहां विद्यार्थियों को कोर्स से अलग भिन्न विषय, टूल्स, तकनीक, डिवाइस की जानकारी साझा करने का टास्क दिया जाता है. यह टास्क हर स्टूडेंट को करना होता है. प्रिंसिपल ने उदाहरण के तौर बताया कि ब्लू टूथ की उत्पत्ती कैसे हुई, वह क्या काम करता है. उसके संबंध में पूरी विस्तृत जानकारी देनी होती है. इस तरह से 327 विद्यार्थी है, तो संस्थान छोड़ने के दौरान उनके पास कोर्स के अलावे 327 नई ऐसी जानकारी होगी जिसके लिए उन्होंने कोई कोर्स नहीं किया. प्रिंसिपल वेद प्रकाश ने बताया कि यह जानकारी विद्यार्थियों को जॉब के लिए प्लेसमेंट के दौरान साक्षात्कार के दाैरान काफी काम आता है और उनके आत्मविश्वास को बढ़ाता है.
आकर्षक है रोबोट, कोबोट और थ्री डी प्रिंटर
संस्थान में कोबोट भी है. इसकी हैंडलिंग, प्रोग्रामिंग भी विद्यार्थियों को पढ़ाई जाती है. क्योंकि आज के समय में सभी कंपनियों में कोबोट का इस्तेमाल होता है. ऑटोमोबाइल सेक्टर हो या स्टील निर्माण करने वाली कंपनी, कोबोट और रोबोट का इस्तेमाल हो रहा है. जॉब में परफेक्शन, क्वालिटी बढ़ जाती है. इलेक्ट्रिकल प्रयोगशाला भी काफी आकर्षक रहा. जो राज्य के किसी भी आईटीआई या डिप्लोमा कराने वाले संस्थान से बेहतर है. इसी के साथ इस संस्थान में थ्री डी प्रिंटर है जो चंद सेकेंड में किसी भी वस्तु पर एक निश्चित आकार में काट देता है.
TSTI को एक COBOT (सहयोगी रोबोट), और एक प्रोग्रामेबल लॉजिक कंट्रोलर (PLC) आधारित मल्टी-प्रोसेस कंट्रोल सिस्टम है. टीएसटीआई बुनियादी ढांचे में परिसर में विश्व स्तरीय कौशल-विकास प्रयोगशालाएं शामिल हैं, जिसमें एक स्वचालन प्रयोगशाला, कार्यशाला कक्ष, 3 डी प्रिंटर और एप्लाइड साइंस, इंटरनेट-ऑफ-थिंग्स (आईओटी), ग्राफिक्स, इंस्ट्रुमेंटेशन, नवीकरणीय ऊर्जा और पावर के लिए अलग प्रयोगशालाएं शामिल हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स. संस्थान फैनुक नियंत्रकों, सभी प्रकार के एसी और डीसी ड्राइव, इलेक्ट्रिकल पावर ट्रेनर किट (ईपीटीके) के उत्पादन, ट्रांसमिशन और वितरण और इंटरनेट कनेक्टिविटी के साथ एक स्मार्ट क्लासरूम पैनल बोर्ड के साथ रोबोटिक्स का व्यापक उपयोग भी करता है. उद्योग 4.0 के अनुरूप एक मॉड्यूलर विनिर्माण प्रणाली खरीद के अधीन है.
जाने संस्थान के बारे में
छात्रों की संख्या: टीएसटीआई में कुल 327 छात्र हैं जिनमें से 228 लड़के और 99 लड़कियां हैं।
टीएसटीआई में मूल्य सृजन करने वाली तकनीकी प्रशिक्षण और संस्कृति निर्माण विधियां निम्नलिखित चार पहलुओं पर आधारित है.
- कक्षा प्रशिक्षण, छात्रों द्वारा पाठ्यक्रम और ज्ञान साझा करने के अनुरूप शैक्षणिक कार्यक्रम
- व्यावहारिक प्रशिक्षण, नवीन शिक्षण के साथ-साथ व्यावहारिक कक्षाओं को पाठ्यक्रम के अनुरूप बनाना
- तकनीकी संचार सहित शॉप फ्लोर प्रशिक्षण
- स्व-विकास सत्र और व्यवहार प्रशिक्षण, जिसमें इंडक्शन ट्रेनिंग, खेल-उन्मुख शिक्षा और व्यक्तित्व विकास शामिल है
प्रमुख विशेषताएं
- टीएसटीआई ने 2022 में वार्षिक सीटीसी 3.02 लाख तक पहुंचने के साथ योग्य छात्रों के लिए 100 प्रतिशत प्लेसमेंट हासिल किया है.
- उद्योग मानकों को पूरा करने के लिए संस्थान के पाठ्यक्रम की हर छह महीने में समीक्षा की जाती है
- टीएसटीआई में लगभग 30 प्रतिशत छात्राएं हैं.
- छात्र मामलों की देखरेख प्रभारी द्वारा की जाती है जो एक मित्र, एक दार्शनिक या एक मार्गदर्शक की तरह कार्य करता है, जो संस्थान के लोकाचार को विनम्र कौशल और पाठ्येतर गतिविधियों पर जोर देते हैं.
- 65 प्रतिशत पाठ्यक्रम व्यावहारिक कक्षाओं पर केंद्रित है. छात्रों को प्रदान किए गए उपकरणों की गुणवत्ता उत्पादन मानकों के अनुरूप है.
- संस्थान का लक्ष्य ग्रीन शूटिंग हासिल करना है और उसने मामूली विकलांगता वाले एक छात्र को मौजूदा क्षमता में नामांकित करके दिव्यांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) को शामिल करने की पहल की है.
शैक्षणिक सारांश
अब तक 582 छात्रों ने डिप्लोमा कार्यक्रम पूरा किया है, जिनमें से 106 महिला उम्मीदवार हैं. एससी/एसटी समुदायों के 180 छात्रों ने इस पाठ्यक्रम में भाग लिया, जिनमें से 64 छात्राएं थीं जिन्होंने अपना डिप्लोमा पूरा किया. 582 में से 571 योग्य छात्रों को देश भर की विभिन्न कंपनियों में नौकरी मिल गई है. समूह में से आठ छात्रों ने उच्च शिक्षा का विकल्प चुना है, जबकि तीन ने उद्यमिता का विकल्प चुना है.
ये कंपनियां कर रही प्लेसमेंट
टाटा स्टील, एम/एस सेनापति व्हाइटली प्राइवेट लिमिटेड, कंट्रोल डेस्क सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, वेगा कन्वेयर्स प्राइवेट लिमिटेड, माकिनो, श्नाइडर इलेक्ट्रिक, लोहिया, एडवर्ब टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड, सुजुकी मोटर, विराज प्रोफाइल लिमिटेड, मदरसन ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी एंड इंजीनियरिंग, टीआरएल क्रोसाकी, हिंदुस्तान टेलीप्रिंटर्स लिमिटेड, माइक्रोमैटिक्स, टाटा पावर, विस्ट्रॉन इन्फोकॉम मैन्युफैक्चरिंग (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, फोल्ड्स डिजाइन स्टूडियो (टेसेरैक्ट), स्पेशलिटी प्रोडक्ट्स एंड सर्विसेज (इंडिया) एलएलपी, सेंट गोबेन, केपीआईटी, ईस्टर्न ट्रेडलिंक, आरकेएफएल, और वीईसीवी शामिल हैं.
उपलब्धियां
- इंडस्ट्रियल न्यूमेटिक्स के लिए सीआईआई जोनल स्किल प्रतियोगिता में टीएसटीआई ने प्रथम स्थान प्राप्त किया था. इसने इसी क्षेत्र में सीआईआई राष्ट्रीय कार्य कौशल प्रतियोगिता में दूसरा स्थान जीता.
- बेंगलुरु में आयोजित राज्य स्तरीय इंडिया स्किल कम्पटीशन में भी संस्थान ने चौथा रैंक हासिल किया.
- सूरी सेवा फाउंडेशन छात्रवृत्ति ने टीएसटीआई से स्टूडेंट ऑफ द ईयर को एक लाख रुपये की राशि प्रदान की. शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए प्रत्येक कार्यक्रम में छात्रों को पुरस्कार प्रदान किया गया, जिसमें प्रथम और द्वितीय रैंक वालों को क्रमशः 80,000 और 50,000 रु. की राशि प्राप्त हुई. इस छात्रवृत्ति के तहत 2019-21 बैच के कुल पांच प्रशिक्षुओं को सम्मानित किया गया.
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