- सेंटर डिकार्बोनाइजेशन, सस्टेनेबल सोर्स से रिसोर्स रिकवरी और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित करेगा
- छात्रों और शिक्षाविदों के लिए शैक्षिक और व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगा
- भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ज्ञान और प्रतिभा के आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा
मुंबई/जमशेदपुर.
टाटा स्टील और ऑस्ट्रेलिया की मोनाश यूनिवर्सिटी ने एनवायरनमेंट और इंटेलिजेंट मैन्युफैक्चरिंग पर सेंटर फॉर इनोवेशन स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं, ताकि डीकार्बोनाइजेशन, सस्टेनेबल सोर्स से रिसोर्स रिकवरी और उन्नत, एडिटिव और डेटा-संचालित मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रौद्योगिकियों जैसी समकालीन वैश्विक चुनौतियों पर सहयोग किया जा सके. यह समझौता ज्ञापन एक मील का पत्थर है जो किसी ऑस्ट्रेलियाई संस्थान के साथ टाटा स्टील के पहले प्रमुख अनुसंधान और विकास सहयोग की शुरुआत का प्रतीक है.
यह सहयोग छात्रों और शिक्षाविदों के लिए शैक्षिक और व्यावसायिक अवसर प्रदान करेगा, जिससे भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच ज्ञान और प्रतिभा के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा. व्यापक स्तर पर, यह साझेदारी ऑस्ट्रेलियाई इनोवेशन इकोसिस्टम को भारत के साथ मजबूत संबंध बनाने में मदद करेगी.
टाटा स्टील के सीईओ और प्रबंध निदेशक टीवी नरेंद्रन ने कहा: “दुनिया में दूसरे सबसे बड़े इस्पात उत्पादक देश के रूप में, वैश्विक इस्पात उद्योग में भारत की भूमिका ने न केवल मात्रा और गुणवत्ता के मामले में, बल्कि दुनिया के पसंदीदा मिश्र धातु के निर्माण के तरीके के मामले में भी काफी प्रगति की है.
भारत में सबसे पुराने इस्पात निर्माता के रूप में, टाटा स्टील ने अधिक सस्टेनेबल विनिर्माण विधियों की दिशा में बदलाव का नेतृत्व करने की जिम्मेदारी अपने ऊपर ली है. आज, हम एक विस्तृत इकोसिस्टम का निर्माण कर रहे हैं जिसमें शिक्षा जगत और स्टार्टअप की दुनिया के भागीदार शामिल हैं. मोनाश विश्वविद्यालय के साथ हमारा समझौता, जो मटेरियल साइंस में एक प्रभावशाली प्रतिष्ठित संस्थान है और अनुसंधान को बाजार के लिए तैयार समाधानों में बदलने की क्षमता रखता है, जो इस इकोसिस्टम में एक अतिरिक्त सुविधा है. हम एक उपयोगी साझेदारी की आशा करते हैं जो नए व्यावसायिक अवसरों के द्वार खोलेगी और हमारे लोगों और पृथ्वी के लाभ के लिए तकनीकी प्रगति को आगे बढ़ाएगी.
मोनाश विश्वविद्यालय के उप कुलपति (एंटरप्राइज तथा एंगेजमेंट) और वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रोफेसर डोरोन बेन-मीर ने कहा: “हमें मटेरियल साइंस और रासायनिक प्रक्रिया अनुसंधान को आगे बढ़ाने के लिए टाटा स्टील के साथ सहयोग करने पर खुशी है. इस कद के वैश्विक उद्योग साझेदार के साथ काम करना महत्वपूर्ण सामग्रियों और प्रौद्योगिकियों के विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह सहयोग उद्योग-संबंधी अनुसंधान और स्केल-अप में मोनाश विश्वविद्यालय की विश्व-प्रसिद्ध विशेषज्ञता पर आधारित होगा.” इंजीनियरिंग संकाय के प्रोफेसर मैनाक मजूमदार और 2डी मटेरियल (एएम2डी) के साथ उन्नत विनिर्माण के लिए एआरसी अनुसंधान केंद्र के निदेशक ने कहा: “सेंटर फॉर इनोवेशन स्थानीय रूप से सोचने, लेकिन वैश्विक रूप से कार्य करने के हमारे मिशन के साथ रणनीतिक रूप से संरेखित है, क्योंकि हम ऑस्ट्रेलिया में विकसित विज्ञान और प्रौद्योगिकी के लिए प्रभाव पैदा करने का प्रयास करते हैं.”
अपनी डीकार्बोनाइजेशन यात्रा के हिस्से के रूप में, टाटा स्टील निरंतर प्रयोग, अनुसंधान में निवेश, तकनीकी नवाचारों और विभिन्न शिक्षाविदों, स्टार्टअप्स और अन्य प्रतिष्ठित संगठनों के साथ सहयोग के माध्यम से अपने सस्टेनेबिलिटी लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए अभिनव तरीकों की तलाश कर रही है. कंपनी ने हाल ही में इंपीरियल कॉलेज लंदन और द हेनरी रॉयस इंस्टीट्यूट के साथ यूके में सेंटर फॉर इनोवेशन स्थापित करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं, जो सस्टेनेबल डिजाइन और विनिर्माण तथा एडवांस मटेरियल पर ध्यान केंद्रित करते हैं.