जमशेदपुर.
आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ पब्लिक स्कूल में प्रख्यात साहित्य रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती बड़े धूमधाम से मनायी गयी. इस अवसर पर विद्यालय के सभागार में रविंद्र नाथ के चित्र पर विद्यालय के चेयरमैन सुखदेव महतो, अकादमिक निदेशक दिलीप कुमार महतो, प्रधानाचार्य संजय कुमार सिंह और समस्त शिक्षक शिक्षिकाओं ने माल्यार्पण कर पुष्प अर्पित किये. छात्रों ने रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा लिखी गयी कविता व नाटकों का मंचन बखूबी किया. साथ ही उनके जीवन पर प्रकाश डाला.
चेयरमैन ने समस्त छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि रविंद्र नाथ ठाकुर बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. उन्होंने साहित्य के कई क्षेत्रों में अपनी पहचान बनायी. वे केवल संगीतकार, नाटककार, निबंधकार ही नहीं बल्कि साहित्य की कई विधाओं में निपुण थे. उन्होंने राष्ट्र को राष्ट्रगान की सौगात दी साथ ही बांग्लादेश का राष्ट्रगान आमार सोनार बांग्ला भी इन्हीं की कृति है. उन्होंने कहा एक महान विभूति थे कवि गुरु रविंद्रनाथ टैगोर.
वही प्रधानाचार्य ने रविंद्र नाथ टैगोर की जीवनी पर प्रकाश डाला. कहा कि यूं तो 7 मई 1861 ईस्वी में रविंद्र नाथ का जन्म हुआ था, लेकिन पंचांग के अनुसार प्रत्येक बैशाख के 25वे दिन उनकी जयंती मनायी जाती है, इसलिए इस वर्ष 9 मई को जयंती का आयोजन किया गया. उन्होंने बताया कि रविंद्र नाथ टैगोर भारत के दूसरे व्यक्ति थे जिन्होंने विश्व धर्म संसद को दो बार संबोधित किया. उनकी लोकप्रिय काव्य रचना गीतांजलि के लिए वर्ष 1913 में उन्हें साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया. ब्रिटिश सरकार ने उन्हें सर की उपाधि दी लेकिन जलियांवाला बाग कांड 1919 के बाद उन्होंने इस उपाधि को वापस कर दिया गया था.
समर कैंप के दूसरे दिन भी बच्चों ने दिखाई अपनी रचनात्मकता
समर कैंप के दूसरे दिन बच्चों ने प्रातः कालीन योगा के साथ शिविर को सुचारू ढंग से प्रारंभ किया. आज विद्यालय के सभागार में सभी बच्चों ने रविंद्र नाथ टैगोर की जयंती धूमधाम से मनायी. शिविर के कार्यक्रम में कक्षा एक से चतुर्थ वर्ग के छात्र छात्राओं को विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों को कैसे बनाया जाए उसके गुर सिखाये गये. जैसे गंगा मिट्टी से तरह-तरह की आकृतियां अन्य. कक्षा पांचवीं से आठवीं के छात्र छात्राओं के लिए उंगलियों पर चित्रकारी करना ग्लास व मग में तरह-तरह के चित्रकारी करना, तर्क कौशल का विकास एवं रिजनिंग का समाधान अन्य खेल और कार्यक्रम का आकर्षण रहा.