- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2030 तक भारत को बाल विवाह मुक्त करने का लिया संकल्प
- जमशेदपुर के आदर्श सेवा संस्थान के साथ देश भर के 250 गैर सरकारी संगठन जुड़े मुहिम से
जमशेदपुर.
भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में गैरसरकारी संगठन आदर्श सेवा संस्थान ने पूर्वी सिंहभूम जिले में बाल विवाह के खिलाफ 138 जागरूकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए. इस दौरान मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीड़िताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित 2460 लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली और जागरूकता के प्रसार के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी की. इसी बीच बाल विवाह की पीड़िता एक किशोरी जो अब बालिग हो चुकी है वह मुहिम को धार देने के लिए आगे आई है.
संतोषी मुंडा (19 वर्ष) जिसकी शादी 16 वर्ष की आयु में परिवार वालों ने करा दी थी. शादी के छह माह के अंदर ही वह खुद को प्रताड़ित महसूस करने लगी और उसने ठान लिया कि वह यह सब नहीं सहेगी. अपनी बेहतरी और प्रताड़ना के खिलाफ उसने निडर होकर कदम उठाया और ससुराल से भाग निकली. आज संतोषी बाल विवाह जैसे अभिशाप से लड़ने और इस लड़ाई को धार देने के लिए आगे आई है. आदर्श सेवा संस्थान में आयोजित प्रेसवार्ता के दौरान संतोषी मुंडा ने केवल आप बीती बताई बल्कि उसने बताया कि वे अपनी जैसी हर लड़की की आवाज बनेगी, वहीं गलत राज पर निकल रही नाबालिक बच्चियों को भी वह जागरूक करने का काम करेगी.
माता पिता का नहीं मिला साथ
संतोषी जिस अन्याय के खिलाफ निडरता के साथ ससुराल से भाग निकली थी, उसे उस वक्त काफी झटका लगा जब उसके माता ने भी नकार दिया. ऐसे वक्त में कई विकट परिस्थितियों को सामना करते हुए संतोषी चाइल्ड लाइन के पास पहुंची एवं चाइल्डलाइन के द्वारा संरक्षण दिया गया.
समाज सेवा संकाय से कर रही स्नातक की पढ़ाई
16 वर्ष की आयु में बाल विवाह की शिकार हुई संतोषी आज 19 वर्ष की हो गई है. काफी संघर्ष के बाद अलग अलग लोग और संस्थाओं की मदद के बाद संतोषी ने न केवल मैट्रिक की परीक्षा पूरी कर बल्कि आज वह जिला के ही सोना देवी यूनिवर्सिटी से समाज सेवा संकाय से स्नातक कर रही है. संतोषी का सपना और संकल्प बस एक ही है अपनी जैसी बच्चियों को न्याय दिलाना और गलत राज पर भटक रही बच्चियों को रास्ता दिखाना. इसलिए वह समाज सेवा से जुड़े कोर्स की पढ़ाई कर रही है. बकौल संतोषी मेरे जीवन का उद्देश्य पीड़ित मानवता की सेवा है.
भटक रही बच्चियों को राह दिखाना है: संतोषी
ससुराल से निकलने के बाद जिन परिस्थितियों से संतोषी गुजरी उससे उसने बहुत कुछ सीखा और सामने से कई सच्चाई को देखा. आदर्श सेवा संस्थान से जुड़ने के बाद उसके सामने अलग अलग तरह के बाल विवाह के आने वाले मामले को भी देखा. जिसमें बच्चियों द्वारा खुद से ही भाग कर शादी करने के मामले को भी देखा. संतोषी ने कहा कि पहले तो परिवार वाले अपनी पारिवारिक, सामाजिक और आर्थिक परिस्थिति के कारण बच्चियों की शादी कम उम्र में कर देते थे. लेकिन वर्तमान में कई बच्चियां खुद से ही कम उम्र में शादी कर ले रही है, जिसका बुरा परिणाम उनके साथ हो रहा है. संतोषी ऐसी बच्चियों को सही राह और दिशा देने का काम भी करेगी.
- जिले में पिछले डेढ़ साल में 445 बाल विवाह रुकवाने वाले गैरसरकारी संगठन आदर्श सी संस्थान ने कहा, इस अभियान से बाल विवाह के खात्मे की लड़ाई को मिलेगी गति
- रैली में बाल विवाह पीड़िताओं, सरकारी अफसरों, पंचायत प्रतिनिधियों व शिक्षकों सहित बड़ी संख्या में शामिल आम लोगों ने ली बाल विवाह के खिलाफ शपथ
- विवाह संपन्न कराने वाले पंडितों व मौलवियों समेत धार्मिक नेताओं हलवाइयों, बैंड बाजा वालों सहित सभी हितधारकों ने किया अभियान का समर्थन
- आदर्श सेवा संस्थान बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए काम कर रहे 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन है
भारत सरकार के ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ के आह्वान के समर्थन में गैरसरकारी संगठन आदर्श सेवा संस्थान ने पूर्वी सिंहभूम जिले में बाल विवाह के खिलाफ 138 जागरूकता व शपथ ग्रहण कार्यक्रमों का आयोजन किया जिसमें समाज के हर तबके के लोग शामिल हुए. इस दौरान मशाल जुलूस और कैंडल मार्च में बाल विवाह पीड़िताओं, महिलाओं, बच्चों व पुरुषों सहित 2460 लोगों ने बाल विवाह के खिलाफ शपथ ली और जागरूकता के प्रसार के लिए विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भागीदारी की. इस दौरान पुरोहितों, मौलवियों, हलवाइयों, रसोइयों, सजावट, बैंड बाजा वालों व शादी का कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों जैसे विवाह से जुड़े सभी हितधारकों ने शपथ ली कि वे बाल विवाह संपन्न कराने में किसी भी तरह से भागीदारी नहीं करेंगे और इसकी सूचना तत्काल संबंधित अधिकारियों को देंगे. आदर्श सेवा संस्थान 250 से भी अधिक अग्रणी गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (जेआरसी) का सहयोगी है जो जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए काम कर रहा है. आदर्श सेवा संस्थान एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन ने स्थानीय प्रशासन के साथ सहयोग व समन्वय से कानूनी हस्तक्षेपों और परिवारों एवं समुदायों को समझा-बुझा कर अकेले 2023-24 में ही जिले में 445 बाल विवाह रुकवाए हैं.
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री अन्नपूर्णा देवी द्वारा शुरू किए गए ‘बाल विवाह मुक्त भारत’ अभियान का पुरजोर समर्थन करते हुए गैरसरकारी संगठन आदर्श सेवा संस्थान के लक्खी दास ने कहा, “यह अभियान हमारे विकसित भारत के सपने को पूरा करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है. देश की बच्चियों को शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाए बिना हम इस सपने को पूरा नहीं कर सकते और बाल विवाह इसमें सबसे बड़ी बाधा है. बाल विवाह की रोकथाम के लिए सभी पक्षों को साथ लेकर चलने और बचाव-संरक्षण एवं अभियोजन नीति पर अमल के मंत्रालय के इस फैसले का हम स्वागत करते हैं. ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ का सहयोगी संगठन होने के नाते हम पहले से ही इस रणनीति पर काम करते आ रहे हैं. हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हमने इस जिले में जो अभियान शुरू किया था, वह अब राष्ट्रव्यापी अभियान बन गया है.”
इस राष्ट्रव्यापी अभियान का समर्थन करते हुए जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) के संस्थापक भुवन ऋभु ने कहा, “हमने जब यह अभियान शुरू किया था तो यह समस्या को उसकी जड़ से मिटाने के लिए बाल विवाह की ऊंची दर वाले राज्यों पर केंद्रित एक लक्षित प्रयास था. एक सुविचारित दृष्टि और रणनीति के साथ शुरू हुआ यह अभियान अब राष्ट्रव्यापी शक्ल ले चुका है और आज देश सदियों से देश में जड़ें जमाए बैठी इस कुप्रथा के खात्मे के लिए एकजुट है. जिसने भी भारत की बेटियों की पुकार सुनी, उनकी आवाज उठाई और बाल विवाह मुक्त भविष्य के सपने की ओर बढ़ने में मदद की, हम उन सभी को धन्यवाद देते हैं.” आदर्श सेवा संस्थान 250 से भी ज्यादा गैरसरकारी संगठनों के देशव्यापी गठबंधन ‘जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन’ (जेआरसी) का सहयोगी संगठन है जो देश में बाल सुरक्षा तंत्र को मजबूती प्रदान करने व बाल अधिकारों के सुरक्षा व संरक्षण के प्रोत्साहन के लिए कार्य कर रहे हैं.