- जैक द्वारा सीट घटाने से शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों के वेतन में भी हो सकती है कटौती
- झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट अनुबंध शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी मोर्चा जताई चिंता
जमशेदपुर.
झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) रांची ने राज्य के अंगीभूत सभी डिग्री कॉलेजों में संचालित इंटरमीडिएट में सत्र 2024-26 के लिए दाखिला की अनुमति दे दी है. हालांकि जैक ने सीटों की संख्या को कम कर दिया है. पूर्व में जहां इंटर में सीटों की संख्या 512 थी, उसे घटना कर 384 कर दी गई है. ऐसा आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स तीनों संकाय के लिए किया गया है. जहां एक ओर इंटर में दाखिला की अनुमति बढ़ाने से खुशी है, वहीं समायोजन की मांग कर रहे इंटर के शिक्षक शिक्षकेत्तर कर्मचारियों में निराशा भी है. डिग्री कॉलेजों से इंटर की पढ़ाई बंद होने की बात से नौकरी खतरे में जान जहां एक ओर शिक्षक, शिक्षकेत्तर कर्मचारी समायोजन की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं, वहीं दूसरी ओर अब सीट घटाने से मानदेय में कटौती की आशंका से चिंता बढ़ गई है.
प्रेस विज्ञप्ति जारी कर रखी अपनी समस्या
झारखंड अधिविद्य परिषद रांची द्वारा शिक्षा सत्र 2024-26 के लिए इंटरमीडिएट के 11वीं कक्षा में नामांकन के लिए सीटों की संख्या जारी की गई है. झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट अनुबंध शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी मोर्चा ने सरकार और परिषद के इस कदम का स्वागत किया है लेकिन साथ यह भी कहा है कि परिषद द्वारा अंगीभूत डिग्री महाविद्यालयों के लिए प्रत्येक संकाय (आर्ट्स, साइंस, कॉमर्स) में 384-384-384 सीट की व्यवस्था की गई है जो अपर्याप्त है और अव्यवहारिक है. मोर्चा सरकार से आग्रह और मांग करता है कि पूर्व की भांति सीटों की संख्या को रहने दिया जाए जैसा कि पिछले वर्ष तक था. क्योंकि सरकार ने ही यह व्यवस्था की थी. झारखंड अंगीभूत महाविद्यालय इंटरमीडिएट अनुबंध शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारी मोर्चा की अध्यक्ष शालिनी पांडेय और महासचिव रामानुज पांडेय ने संयुक्त रूप से विज्ञप्ति जारी कर अपनी बातें रखी है.
सीट घटाने से क्या पड़ेगा पड़ेगा असर
अंगीभूत डिग्री महाविद्यालय में जो भी बच्चे इंटर में नामांकन लेंगे, उनके नामांकन शुल्क से जो राशि महाविद्यालय को प्राप्त होगी उसी राशि से अंगीभूत डिग्री महाविद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक और शिक्षकेत्तर कर्मचारियों को मानदेय भुगतान किया जाएगा. यदि पूर्व की भांति व्यवस्था नहीं की जाती है तो शिक्षक और कर्मचारियों को पूर्ण मानदेय देना मुश्किल हो जाएगा और जीवकोपार्जन के लिए भी कठिनाई उत्पन्न हो जाएगी. मोर्चा ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से सरकार से मांग किया है कि पूर्व की भांति व्यवस्था को बनाए रखा जाए और यदि ऐसी व्यवस्था नहीं बनाई जाती है तो मानदेय मद में सरकार कुछ राशि निर्गत करें. जिन विद्यालयों में भी इंटर की शिक्षा को महाविद्यालयों से अलग करते हुए ले जाया जा रहा है उन विद्यालयों में शिक्षक और कर्मचारियों का भी समायोजन करने की मांग की गई है.