मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा डिग्री कॉलेज में इंटरमीडिएट के दाखिला के निर्देश के छह दिन बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव ने जारी की अधिसूचना
अधिसूचना के आधार में कॉलेजों ने जारी किया दाखिला का नोटिस
नोटिस जारी करने के चंद घंटे बाद ही अपरिहार्य कारणों से दाखिला को रोका, अगली तारीख की घोषणा की कहीं गयी बात
जमशेदपुर.
झारखंड में शिक्षा की लचर व्यवस्था यूं ही नहीं है. नई शिक्षा नीति 2020 को लेकर डिग्री कॉलजों में इंटरमीडिएट में दाखिला बंद करने को लेकर हो रही समस्या को देखते हुए राज्य के मुखिया करीब डेढ़ माह बाद दाखिला लेने का निर्देश राज्य के सारे विवि, महाविद्यालय और शिक्षा विभाग को देते हैं. मुख्यमंत्री के निर्देश के छह दिन बाद स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के सचिव तब अधिसूचना जारी करते हैं ज़ब निर्देश के बाद भी कॉलजों में दाखिला नहीं होने की खबरें मीडिया में प्रकाशित होती है. छह दिन के बाद अधिसूचना जारी होने के बाद आज केयू के जमशेदपुर कोऑपरेटिव कॉलेज, एलबीएसएम कॉलेज समेत राज्य के अन्य विवि के भी कई कॉलेज दाखिला का नोटिस जारी कर सात जुलाई से प्रक्रिया आरम्भ होने की जानकारी देते हैं जिसकी कॉपी मीडिया में अतिआवश्यक बोल भेजी जाती है. लेकिन चंद घंटे बाद ही नोटिस को वापस ले लिया जाता है और दाखिला प्रक्रिया आरंभ नहीं करने की जानकारी फिर दी जाती है. मीडिया द्वारा पूछने पर बताया जाता है कि सर्वर यानी कंप्यूटर, कॉलेज के वेबसाईट व अन्य सिस्टम में तकनीकी गड़बड़ी का हवाला देकर अपरिहार्य कारणों से फिलहाल दाखिला नहीं होने की जानकारी मीडिया के वाट्सअप ग्रुप में साझा की जाती है.
ऐसे में ये समझा जा सकता है कि कॉलेज, विवि, शिक्षा विभाग विद्यार्थियों के भविष्य को लेकर कितना गंभीर है. कैसी और क्या तैयारी है. क्यों असमंजस की स्थिति है. एक दूसरे के बीच कितनी संवादहिंता है? इन सभी सवालों के जवाब में भी जिम्मेदार कुछ नहीं कहेंगे.
इसलिए बैकफुट पर आये कॉलेज
दरसल कोल्हान विवि के कुछ कॉलेज दाखिला लेने की नोटिस राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना के आधार पर जारी कर दिये. वही कुछ कॉलजों ने ऐसा नहीं किया. कॉलेज के प्रिंसिपलों की आपस में ज़ब बात हुई तो वे एकमत नहीं हुए, ऐसे में वे कॉलजों भी दाखिला लेने से फिलहाल पीछे हट गये हैं जो नोटिस जारी कर दिये थे. अंदर की बात ये है कि कोल्हान विवि में वीसी प्रभारी हैं. उनके द्वारा कोई नोटिस दी नहीं गयी है. राज्य सरकार की अधिसूचना के आलोक में जिला शिक्षा विभाग को स्थानीय स्तर पर अधिसूचना जारी करना चाहिए था जो नहीं किया गया. इसलिए कॉलेज प्रशासन पीछे हट गये हैं. सूत्रों के अनुसार कॉलेज के प्रिंसिपल ज़ब इस असमंजस को दूर करने के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी से बात किये तो उनके द्वारा कहां गया कि बैठक कर नोटिस जारी कर दिया जायेगा. अब इस बात से समझा जा सकता है कि शिक्षा विभाग का अपने ही मुख्यालय, कॉलेज का अपने ही विवि प्रशासन और इन दोनों के बीच संवादहिंता है.