चाईबासा/जमशेदपुर.
नेशनल असेसमेंट एक्रेडिश कॉउन्सिल के द्वारा शनिवार को कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) को B ग्रेड प्रदान कर दिया गया. अब विश्वविद्यलय को राष्ट्रीय पहचान मिल गई है. केयू को नए अपील के बाद पुनः एसेसमेंट किए जाने के बाद 2.13 सीजीपीए (कम्युलेटिव ग्रेड पॉइन्ट एवरेज ) की मार्क्स दी गयी ही. सीमित संसाधनों वाले विश्वविद्यालय के सभी पदाधिकारियों शिक्षकों और छात्र छात्राओं में इस बात से बेहद खुशी है. अगले पांच वर्षों के लिए विश्वविद्यालय इस ग्रेडिंग का उपयोग करते हुए उच्च शिक्षा के लिए कई बुलंदियों को छुएगा. शिक्षण समेत कई संसाधन भी इस ग्रेडिंग के माध्यम से केयू को उपलब्ध हो सकेगी. विवि को बी ग्रेड मिलने को लेकर अधिकारियों, शिक्षकों, स्टाफ और छात्रों में काफी खुशी है. सभी ने हर्ष व्यक्त करते हुए इसे कोल्हान विवि के चौतरफा विकास के लिए सुखद संदेश बताया है.
ये हुई प्रक्रिया जिसके बाद मिली ग्रेडिंग
दो बार केयू को नैक के द्वारा C ग्रेड का सर्टिफिकेट मिला था. जिसके बाद केयू के पदाधिकारियों की टीम जिसमे नैक के कॉर्डिनेटर डॉ पीके पाणी, आईक्यूसी कॉर्डिनेटर डॉ एसके गोराई व टीम के अन्य सदस्यों ने इसपर मंथन किया और नैक के इस निर्णय पर फिर से अपील करने का निर्णय लिया. आवेदन से पहले पूर्व भेजे गए रिपोर्ट में व्यापक संशोधन किए गए. 60 हज़ार की फीस देकर बैंगलोर में फिर से संशोधित रिपोर्ट नैक को उपलब्ध कराया गया. जिसके बाद नैक से केयू को B ग्रेड प्रदान किया गया.
इन्हें किया गया संशोधित सूची में शामिल
छात्रों के लेक्चर अटेंड करने की रिपोर्ट, लाइब्रेरी से संबंधित जानकारी, आउटसोर्स के द्वारा जो ऑनलाइन एक्टिविटी केयू में संचालित की जाती है उसकी रिपोर्ट, साइकिल स्टैंड समेत पॉल्युशन फ्री वातावरण, आंतरिक क्वालिटी कंट्रोल. समेत पूर्व प्रस्तुत किए गए कई आंकड़ों को भी संशोधित किया गया.
दर्शनशास्त्र विभाग द्वारा राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार आयोजित करना भी हुआ प्रभावी
कोल्हान विवि में पहली बार राष्ट्रीय स्तर का सेमिनार का आयोजन किया गया था. दर्शनशास्त्र विभागध्यक्ष डॉ दीपांजय श्रीवास्तव के नेतृत्च में आयोजित इस संगोष्ठी में देश के सात अलग अलग राज्य के शिक्षकों ने हिस्सा लिया और अपना व्याख्यान दिया था. यह तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी, आदिवासी दर्शन संस्कृति एवं परंपरा जो कि स्नातकोत्तर दर्शनशास्त्र विभाग एवं भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सौजन्य से आयोजित किया गया था. नैक ग्रेडिंग में विभिन्न कार्यों के तौर पर यह भी प्रभावी साबित हुआ. मानव संसाधन विभाग के अधिन संचालित आईसीपीआर द्वारा (भारतीय दार्शनिक परिषद) इस सेमिनार के लिए सात लाख रुपए फंडिंग भी कराया था.
वहीं दर्शनशास्त्र विभागध्यक्ष डॉ दीपांजय श्रीवास्तव द्वारा लिखी गई किताब ”गांधी दर्शन, शिक्षा एंव संस्कृति” और कई शोध भी नैक टीम को प्रभावी किया. डॉ दीपांजय ने अपनी लिखी पुस्तक तत्कालीन कुलपति और निरीक्षण में आयी नैक टीम को भेंट स्वरूप दिया था.