- एलबीएसएम कॉलेज में विश्व आदिवासी दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन, विद्यार्थियों ने दिखाई प्रतिभा
जमशेदपुर.
लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज में रोटरेक्ट क्लब जोहार एलबीएसएम मिडटाउन और कॉलेज के संताली विभाग के तत्वाधान में दो दिवसीय ‘विश्व आदवासी दिवस’ का आयोजन किया गया. भगवान बिरसा मुंडा, सिद्धू कान्हु, तिलका मांझी की तस्वीर पर माल्यार्पण और पुष्पांजलि अर्पित करते हुए कार्यक्रम की शुरुआत हुई. पारंपरिक तरीके से अतिथियों का स्वागत किया गया. डॉ विनय कुमार गुप्ता ने स्वागत भाषण दिया.
समापन समारोह के मुख्य अतिथि कोल्हान विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी डॉ पीके पाणी ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुसार विश्व आदिवासी दिवस हर वर्ष 9 अगस्त को मनाया जाता है. जिसमें हमारे आदिवासियों की संस्कृति, रहन सहन, जीवनयापन को लेकर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम होते हैं. उन्होंने कहा कि इस दिवस पर आदिवासी साहित्य, शोध, पत्रिकाओं के लेखन और प्रकाशन को बढ़ावा देने की जरूरत है. आदिवासी समाज की आठ से ज्यादा जनजातियां दयनीय और अत्यंत पीछड़ी अवस्था में है जिन्हे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक विकास की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए उनकी ओर हाथ बढ़ाने की अत्यंत आवश्यकता है.
मुख्य वक्ता पोटका थाना प्रभारी बिनोद टुडू ने कहा कि आदिवासी अपने संस्कृति को बचाते हुए वैश्वीकरण के दौड़ में पीछे नहीं रहें बल्कि आगे बढ़ें. कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा ने आयोजकों को इसके लिए शुभकमनाएं दी और कहा कि हमारे आदिवासी युवा बच्चे विकास परक, सकारात्मक परिवर्तन के संवाहक बने. इससे झारखंड की संस्कृति समृद्ध होगी.
उन्होंने कहा कि युवा अपने भूमिका को समझे और अपने पहचान पर गर्व करे. इस संदर्भ में इन्होंने डॉ रामदयाल मुंडा के वक्तव्य “जे नाची, से बाची” को उद्धरित करते हुए बताया कि हमारा सामूहिक प्रयास से ही आदिवासी सभ्यता को समृद्ध व संरक्षित किया जा सकता है. उन्होंने यहां पढ़ रहे छात्रों की अनेक उपलब्धियों को गिनाते हुए बताया कि आज की तारीख में यह कॉलेज पूरे कोल्हान विश्वविद्यालय में नामांकन के लिए बेस्ट चॉयस कॉलेज बन चुका है. एक तरफ इन्होंने यहां के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेहतर करने पर बधाई दी तो दूसरी तरफ कॉलेज द्वारा विद्यार्थियों को विविध प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए निशुल्क कोचिंग की बात कही. उन्होंने कहा कि रोटरी क्लब के माध्यम से कॉलेज परिसर में महीने के अंतिम गुरुवार को मेडिकल कैंप में निशुल्क चिकित्सीय जांच की सुविधा करवाई जाएगी.
विशिष्ट अतिथि रोटरी क्लब के डॉ ज्योति कुमार सिंह और महाविद्यालय के पूर्व विद्यार्थी, छात्र नेता, पंचायत सचिव गोपाल हांसदा ने भी आदिवासियों की संस्कृति, जीवन शैली और उनके विकास पर अपने बात को विस्तारपूर्वक रखा. गोपाल हांसदा ने अपनी किताब लो सारेज तिरियो अतिथियों को भेंट की.
इस अवसर पर विभिन्न प्रतियगिताओं जैसे चित्रांकन, निबंध, भाषण और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन हुआ विजेता बच्चो को पुरस्कृत किया गया. चित्रांकन प्रतियोगिता का प्रथम विजेता गंगा केराई, द्वितीय श्यमली समाद और तृतीय जया बीरुली निबंध प्रतियोगिता का प्रथम विजेता सुमी टुडू, द्वितीय आशा तिऊ और तृतीय मेघलाल मार्डी. भाषण प्रतियोगिता के प्रथम विजेता मेघलाल मार्डि, द्वितीय प्रकाश सोरेन और तृतीय कर्मा टुडू. प्रश्नोत्तरी के प्रथम विजेता मेघलाल मार्डि, द्वितीय निशा सुंडी और तृतीय आशा टिऊ. सभी विजेताओं को मेडल और प्रशस्ति पत्र देकर सम्मनित किया गया. इस अवसर पर हो, भूमिज संताली और अन्य जनजाति के छात्रों ने सांस्कतिक नृत्य प्रस्तुत किया.
कार्यक्रम का संचालन प्रो संजीव मुर्मू, मानस सरदार ने और धन्यवाद ज्ञापन डॉ दीपंजय श्रीवास्तव और डॉ सुधीर कुमार ने किया.
इस मौके पर प्रो विनोद कुमार, डॉ विजय प्रकाश, डॉ मौसमी पॉल, डॉ जया कच्छप, प्रो ऋतु, डॉ सुष्मिता धारा, प्रो मोहन, डॉ संतोष कुमार, डॉ प्रशांत, डॉ रानी, सौरव वर्मा, प्रो बाबूराम सोरेन, प्रो शिप्रा बॉयपाई, प्रो लुशी रानी मिश्रा, चंदन जायसवाल, रामनाथ सोरेन, शालू, सागेन बेसरा, विनय कुमार, खुदी मुर्मू सहित सैकड़ों विद्यार्थी उपस्थित रहे.