- कृषि, मत्सय और पर्यटन कोर्स के लिए हुआ समझौता
- नैतिक शिक्षा भी जरूर दें विवि, विद्यार्थी जॉब सीकर नहीं जाॅब क्रिएटर बने : एसएसपी
जमशेदपुर.
किसी भी कोर्स की पढ़ाई हो, लेकिन इंस्टीट्यूशन के लिए यह जरूरी है कि वे विद्यार्थियों को कोर्स के साथ नैतिक शिक्षा जरूर दें. विद्यार्थियों में परिवार, समाज व देश के प्रति संवेदनशील, जिम्मेदार व नैतिक जिम्मेदारी निर्वहन करने की क्षमता का विकास कैसे हो यह जरूर सोचना यह चाहिए. यह बातें आज बिस्टुपुर के एक होटल में सोना देवी विश्वविद्यालय (एसडीयू) के लोगो और वेबसाइट लांचिंग कार्यक्रम के दौरान जिला के एसएसपी प्रभात कुमार बतौर सम्मानितअतिथि के तौर पर बोल रहे थे. साथ ही उन्होंने कोर्स की पढ़ाई के साथ नैतिक शिक्षा पर भी फोकस करने को कहा. वर्तमान स्थिति में चल रहे पारिवारिक कलह, झगड़ों व विवादों का उदाहरण देते हुए कहा कि विद्यार्थियों में ऐसी शिक्षा का संचार कीजिए जिससे वे अपनी नैतिक व पारिवारिक जिम्मेदारी को भी निभा सके. एसएसपी ने कहा कि आज शिक्षा का व्यवसायिककरण हो गया है. वहीं शिक्षा के स्तर में गिरावट आई है. बकौल प्रभात कुमार मुझे विश्वास है सोना देवी विश्वविद्यालय झारखंड में शिक्षा जगत में एक नया आयाम स्थापित करेगा, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं को बेहतर शिक्षा के साथ रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे. उन्होंने कहा विवि प्रबंधन इस बात पर जरूर केंद्रित करें कि यहां के विद्यार्थी जॉब खोजने वाले नहीं बल्कि जॉब देने वाले बने.
सोना देवी विवि पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला में तैयार किया गया है. आज ऑफिशियल लोगो और वेबसाइट लांच किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भारत में रॉयल थाई महावाणिज्यदूत अचरापन यवप्रपास उपस्थित थी. इस अवसर उन्होंने कहा कि झारखंड में खनिज संपदा और जंगल यहां के विकास के लिए महत्वपूर्ण स्रोत है. यहां कृषि और मत्सय पालन के क्षेत्र में काफी संभावनाएं है. उन्होंने कहा कि थाईलैंड में कृषि एवं मत्सय पालन के क्षेत्र में लगातार नए नए अनुसंधान किए जा रहे है. जिसका लाभ भी मिल रहा है. अचरापन यवप्रपास ने कहा कि सोना देवी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को आने वाले दिनों अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर मिलेगा जिससे संपूर्ण विकास होगा.
वीसी डॉ लिपि घोष ने कहा कि एसडीयू झारखंड का पहला और एक मात्र विश्वविद्यालय है. जिसके स्थापना के साथ ही विभिन्न कोर्स के लिए अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय के साथ समझौता हुआ है. इस समझौता के अंतर्गत स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत थाईलैंड, म्यांमार, नेपाल सहित अन्य देशों के विभिन्न विश्वविद्यालयों के छात्र सोना देवी विश्वविद्यालय में अध्ययन और रिसर्च के लिए आयेंगे वहीं सोना देवी विश्वविद्यालय के छात्र भी इन देश के विश्वविद्यालों में अध्ययन और रिसर्च के लिए जायेंगे. आज कृषि, मत्स्य पालन और पर्यटन कोर्स के लिए थाईलैंड सरकार के साथ समझौता पर हस्ताक्षर किया गया.
विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो (डॉ) लिपि घोष ने विश्वविद्यालय के भविष्य की योजनाओं के साथ ही गुणवतपूर्ण रोजगारपरक शिक्षा के मानक को स्थापित करने के लिए प्रारंभ से किये जा रहे प्रयासों की चर्चा की. उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता विद्यार्थियों को विश्वस्तरीय शिक्षा प्रदान करने की है. इसके लिए लगातार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न देशों के साथ समझौता किया जा रहा है ताकि स्थानीय विद्यार्थियों को ग्लोबल एक्सपोजर मिल सके. हम शिक्षा के साथ अपनी सांस्कृतिक विरासत को आगे बढ़ाने का प्रयास करेंगे.
चेयरमैन प्रभाकर सिंह सोना देवी विश्वविद्यालय की स्थापना के उद्देश्य और प्रबंधन की सोच को बताया. उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य प्रतिभावान और मेधावी विद्यार्थियो को शिक्षा के साथ ही रोजगार के लिए बेहतर मंच प्रदान करना है. अंत में धन्यवाद ज्ञापन विश्वविद्य़ालय की रजिस्ट्रार डॉ.निर्मला शुक्ला ने किया.
मालूम हो कि विश्वविद्यालय की स्थापना वर्ष 2023 में झारखंड सरकार द्वारा विश्वविद्यालय अधिनियम के पारित होने और यूजीसी से मान्यता मिलने के साथ की गयी है. विश्वविद्यालय 25 एकड़ भूमि में फैला हुआ है. विश्वविद्यालय परिसर में प्रशासनिक भवन, कक्षाओं और प्रयोगशालाओं के साथ तैयार है. विश्वविद्यालय देश के पूर्वी क्षेत्र में अकादमिक उत्कृष्टता के केंद्र के रूप में विश्वविद्यालय की स्थापना को सुनिश्चित करने के लिए प्रबंधन प्रतिबद्ध है. सोना देवी विश्वविद्यालय में नर्सिंग, फार्मेसी, पैरामेडिकल, कृषि, मत्स्य पालन, बीबीए, एमबीए, मानविकी और सामाजिक विज्ञान, बी.टेक, आईटी और कंप्यूटर प्रोग्राम में यूजी और पीजी पाठ्यक्रम प्रदान करेगा.