- प्रोजेक्ट ‘परख: पढ़ाई और खेल’
- 147 हाई स्कूल में आयोजित हुई साप्ताहिक परीक्षा, बच्चों ने बड़े उत्साह से लिया भाग
जमशेदपुर.
शिक्षा और विद्यार्थियों के स्तर को बढ़ाने के लिए अच्छी पहल की गयी है. प्रोजेक्ट ‘परख: पढ़ाई और खेल’ के माध्यम से बच्चों प्रत्येक विषयों की गहरी समझ बढ़ाना उद्देश्य है. उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम के दिशा-निर्देशानुसार उप विकास आयुक्त मनीष कुमार की पहल से जिले के सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू किए गए प्रोजेक्ट ‘परख: पढ़ाई और खेल’ के तहत जिला के 147 उच्च विद्यालयों में गणित विषय की साप्ताहिक परीक्षा आयोजित हुई. कुल नामांकित करीब 14 हजार बच्चों में से 80 प्रतिशत बच्चे परीक्षा में बैठे. परीक्षा को लेकर बच्चों में काफी उत्साह देखा गया. परीक्षा के बाद बच्चों का रिजल्ट भी घोषित किया गया. मालूम हो कि प्रश्नपत्र का पैटर्न स्कूल की वार्षिक परीक्षा को ध्यान में रखकर कुशल शिक्षकों की टीम द्वारा तैयार किया गया था. साथ ही टेस्ट के पश्चात शिक्षकों द्वारा बच्चों को प्रश्न पत्र का पैटर्न व सही उत्तर बताया गया. कई स्कूलों में बच्चों ने अच्छा प्रदर्शन किया वहीं जिन बच्चों के नंबर कम आये उन्हें संबंधित विषय के शिक्षकों द्वारा उनकी गलतियों से अवगत कराते हुए आगे और इसमें सुधार के लिए प्रेरित किया गया.
उप विकास आयुक्त ने बच्चों से किया संवाद, उज्ज्वल भविष्य की दी शुभकामनाएं
उप विकास आयुक्त मनीष कुमार ने शहरी क्षेत्र के जमशेदपुर बालिका प्लस टू उच्च विद्यालय साकची, पीपुल्स अकादमी प्लस टू उच्च विद्यालय न्यू बाराद्वारी, हरिजन उच्च विद्यालय, भालूबासा के परीक्षा केंद्रों का निरीक्षण कर बच्चों में उत्साह भरा. मौके पर जिला शिक्षा पदाधिकारी निर्मला बरेलिया व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे. उप विकास आयुक्त ने इतने कम समय में साप्ताहिक परीक्षा को लेकर की गई तैयारियों पर संतोष व्यक्त किया. उन्होंने बच्चों के साथ संवाद में कहा कि सरकारी स्कूल के बच्चे अपने आप को कभी किसी से कमतर नहीं समझें. सरकार आपको सुविधायें दे रही उसका लाभ उठायें, पहले भी आप लोगों ने बेहतर किया है जरूरत है उसमें और निखार लाने की. उन्होंने कहा कि परीक्षा को लेकर मन में बैठे किसी तरह के डर को भगाने, बोर्ड परीक्षा की तैयारी को सही दिशा देने के उद्देश्य से साप्ताहिक परीक्षा आयोजित की जा रही. कम नंबर आये तो अगली बार के लिए और मेहनत करें, हौंसला नहीं खोयें. विषयों को समझने में जहां किसी तरह का दिक्कत हो अपने शिक्षकों से एक बार नहीं बार-बार पूछें. साथ ही उन्होंने बच्चों को नियत समय पर स्कूल आने, स्कूल ड्रेस में आने, अनुशासन में रहने, स्कूल परिसर को साफ-स्वच्छ बनाये रखने, प्रतिदिन कम से कम दो घंटा सेल्फ स्टडी करने और खेल कूद की गतिविधियों में भी बढ़-चढ़कर भाग लेने के लिए प्रेरित किया.