झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ ने किया विरोध, आवश्यकता आधारित प्राध्यापकों के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने वाला निर्णय बताया
जमशेदपुर.
झारखंड राज्य विश्वविद्यालय संविदा शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश कुमार पांडेय ने एक विज्ञप्ति जारी कर कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति और महाविद्यालय के प्राचार्यों के बीच हुई बैठक के बाद आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों को गर्मी छुट्टी में ऑनलाइन कक्षा के नियम और शर्तों का विरोध किया है. राकेश पांडेय ने कहा कि सरकार के संकल्प के अनुसार आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों को उचित मान सम्मान की बात कही गई है, लेकिन यह निर्णय उनकी प्रतिष्ठा को धुमिल करने वाला है. इस निर्णय के अनुसार एक घंटे के कक्षा की रिकॉर्डिंग कर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय के वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय न सिर्फ अव्यवहारिक है अपितु हास्यास्पद भी है. निर्णय लेने में शामिल लोगों को शायद पता नहीं होगा कि एक घंटे के वीडियो को अपलोड करने में कितना समय लगता है और कितनी परेशानी होती है? साथ ही यह कहना कि प्राचार्य चाहें तो ननटीचिंग कार्य को कराकर दो घंटे के बदले एक कक्षा दे सकते हैं. निर्णय लेने वालों को संकल्प फिर से पढ़ना चाहि. उसमें स्पष्ट लिखा गया है कि प्राचार्य यह सुनिश्चित करें कि इनको प्रत्येक महीने 57700 रु मिले. तो फिर चाहने की बात कहाँ से आई.
राकेश पांडेय ने कहा कि अगर विश्वविद्यालय और महाविद्यालय आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापकों को उचित मान सम्मान और संकल्प के तहत कही गयी बातों के अनुरूप प्रत्येक महीने 57700 रुपये नहीं मिलेगा तो संघ इस मामले को लेकर महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति झारखंड से मिलकर इसके समाधान की बात करेगा.
एक घंटे की कक्षा का वीडियो रिकार्डिंग कराकर वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्णय को आवश्यकता आधारित सहायक प्राध्यापक नहीं मानेंगे. क्योंकि यह निर्णय अव्यवहारिक है |