- 3 से 5 नवंबर तक रहेगी प्रदर्शनी
- पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों की कला प्रदर्शनी का होगा आयोजन, सीएम हेमंत सोरेन 3 नवंबर को करेंगे उद्घाटन
- सरकारी स्कूल और कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय की बच्चियों के हुनर और आंतरिक प्रतिभा का होगा मंच
- पूर्वी सिंहभूम के पोटका केजीबीवी की बच्चियां दिखाएंगी लाइव परफॉरमेंस
रांची/जमशेदपुर.
सरकारी स्कूल मे पढ़ने वाले बच्चों को हमेशा से कम आंका गया है. एक्स्ट्रा activity के नाम पर बड़े और निजी विद्यालय के बच्चों को पहली पंक्ति मे रखा जाता है, बावजूद हर मौके पर सरकारी स्कूल के बच्चे अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा ही लेते हैं भले ही संख्या कम हो. सरकारी स्कूल मे छुपी ऐसी ही प्रतिभा को बाहर लाने, उन्हें मंच देने और उन्हें उड़ान देने के मकसद से झारखंड सरकार के साक्षरता और शिक्षा विभाग की ओर से राजधानी रांची के आड्रे हाउस शुक्रवार से अगले 3 दिनों तक विभिन्न तरह की कलाकृतियों और आर्ट एंड क्राफ्ट की प्रदर्शनी लगाई जा रही है. सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे बच्चों के द्वारा बनाई गई चीजों की प्रदर्शनी होगी. इसे चाइल्ड आर्टिस्ट ऐग्जीबिशन नाम दिया गया है. इसमें राज्य के 24 जिलों के लगभग 100 से अधिक श्रेणियों में बनाई गई उत्कृष्ट कलाकृतियां रहेंगी.
रांची के ऑड्रे हाउस में पहली बार सरकारी स्कूलों के बच्चों की कला प्रदर्शनी लगने जा रहा है. सीएम हेमंत सोरेन 3 नवंबर को इस प्रदर्शनी का उद्घाटन करेंगे. इस प्रदर्शनी में झारखंड के सभी जिलों से बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे.
3 से 5 नवंबर तक आयोजित इस कला प्रदर्शनी सह बिक्री कार्यक्रम में राज्य के सभी 24 जिलों के बच्चों द्वारा बनाई गई लगभग 1000 कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी. ऑड्रे हाउस में प्रदर्शित कलाकृतियों में टेराकोटा कलाकृतियां, लकड़ी की कलाकृतियां, कैनवास आदि पर आकर्षक पेंटिंग, मिट्टी के मुखौटे, बांस की कलाकृतियां, टॉय मेकिंग आदि शामिल हैं.
50 रुपये से 6000 तक की हैं कलाकृतियां:
ऑड्रे हाउस ऑडिटोरियम में 3-5 नवंबर तक आयोजित इस कला प्रदर्शनी में 100 से अधिक श्रेणियों में बच्चों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां हैं. झारखंड की सभ्यता संस्कृति को दर्शाती यह कलाकृति जीवंतता भरपूर है. इस तीन दिवसीय कला प्रदर्शनी में बच्चों द्वारा बनाई गई कलाकृतियां भी बेची जाएंगी. बिक्री से प्राप्त धनराशि बच्चों और स्कूल के शिक्षकों को दी जाएगी. इस कला प्रदर्शनी में 50 रुपये से लेकर 6000 रुपये तक की कई कलाकृतियां हैं. शिक्षा सचिव के रवि कुमार ने जानकारी देते हुए कहा कि इस कला प्रदर्शनी का उद्देश्य अर्निंग फॉर लर्निंग है ताकि बच्चे आत्मनिर्भर बन सकें और भविष्य में इसे अपने रोजगार से जोड़कर भी करियर बना सकें.