- रूढ़िवादी सोच को बदलने और खेल में पितृ सत्ता को समाप्त करने की पहल
- खेल में करियर की अपार संभावना, बेहतर रहता शारीरिक स्वास्थ्य
जमशेदपुर.
सामाजिक संस्था यूथ यूनिटी फॉर वॉलंटरी एक्शन (युवा) के तत्वावधान में पोटका प्रखंड में बाल विवाह, जबरन विवाह, जल्द विवाह को रोकने का अभियान चल रहा है. इस कार्यक्रम के तहत जाहातू फ़ुटबॉल मैदान में गर्ल्स फर्स्ट फंड कार्यक्रम के तहत फुटबॉल कोच का प्रशिक्षण दिया गया. इस प्रशिक्षण में पोटका प्रखंड के हेंसलबिल पंचायत के जाहातू गांव की किशोरियों ने भाग लिया. इस कार्यक्रम की लीडर किशोरी उर्मिला भूमिज ने प्रशिक्षक के रूप में किशोरियों को प्रशिक्षण दिय.
किशोरियों को फुटबॉल सिखाने का उद्देश्य है कि किशोरियां बाहर निकले और खेल के माध्यम से समझें कि किस प्रकार खेल को जेंडर के आधार पर विभाजित किया गया है कि ये लड़कियों का खेल है और ये लड़कों का खेल है. समाज की रूढ़िवादी सोच के कारण किशोरियों को बाहर निकलने नहीं दिया जाता है. किशोरियों को कमजोर समझा जाता है. किशोरियां बाहर निकलेगी तो अपने पसंद के लड़के के साथ चली जायेगी और बिगड़ जाएगी. यही सोच को बदलने के लिए किशोरियां फुटबॉल खेल रही हैं और पितृसत्ता को चुनौती दे रही है.
किशोरियां नेतृत्व लेकर अपने गांव की किशोरियों को प्रेरित कर रही है और अपने समाज में अपनी अलग पहचान बना रही है. सीमा भूमिज किशोरियों को फुटबॉल कैसे खेलते है इसको सिखाया और प्रतिदिन अभ्यास करने के लिए बोला गया. आज के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में युवा के कार्यकर्ता ज्योति हेंब्रम, किरण सरदार, अबंती सरदार और चंद्रकला मुंडा ने सहयोग किया.