- प्रिंटिंग प्रेस से गड़बड़ी का दिया हवाला
- परीक्षा नियंत्रक ने कहा काफी आसान अंग्रेजी के सवाल थे
चाईबासा/जमशेदपुर.
हिंदी को बढ़ावा देने के लिए देश में हिंदी दिवस मनाया जाता है. हिंदी में तरह तरह की प्रतियोगिताएं होती है. अब तो आईआईटी, एनआईटी जैसे इंजीनियरिंग संस्थान में हिंदी में पढ़ाई आरंभ हो चुकी है. लेकिन कोल्हान विश्वविद्यालय में अंग्रेजी का बोलबाला है. बोलबाला भी ऐसा कि परीक्षा प्रश्न पत्र के पूरे के पूरे सवाल अंग्रेजी में छाप दिए गए. अंग्रेजी के साथ हिंदी में सवाल का विकल्प ही हटा दिया गया. ऐसा स्नातक सेमेस्टर प्रथम की परीक्षा ईवीएस (एनवाॅयरनमेंट साइंस) के प्रश्न पत्र में हुआ है. गुरुवार को कोल्हान विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों में स्नातक प्रथम सेमेस्टर के इनॉवरनमेंटल साइंस की परीक्षा थी. परीक्षा का प्रश्न पत्र जैसे ही विद्यार्थियों के हाथों में मिला, उनके होश उड़ गए. क्योंकि प्रश्न पत्र पूरी तरह से अंग्रेजी में था. प्रश्न पत्र देखते ही विद्यार्थियों की घबराहट बढ़ गयी. वे ड्यूटी में तैनात शिक्षकों से शिकायत किए. कॉलेजों में अफरा तफरी मच गयी. पहले कॉलेज के शिक्षकों ने भी देखा कि कहीं गलती से तो ऐसा नहीं हुआ है, लेकिन बाद में पाया कि पूरा का पूरा प्रश्न पत्र अंग्रेजी में है. कई जगह विद्यार्थियों ने इसको लेकर हंगामा भी किया. कोल्हान के विभिन्न महाविद्यालयों में 20 हजार से ज्यादा विद्यार्थी स्नातक सेमेस्टर प्रथम की परीक्षा दे रहे हैं.
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अब जब इस संबंध में कैंपस बूम ने कोल्हान विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक अजय चौधरी से बात की, तो उन्होंने इस बात को काफी सरलता से लिया और कहा कि कहीं कोई दिक्कत नहीं हुई, बल्कि उन्होंने यह भी कह दिया कि बहुत आसान अंग्रेजी थे, जो पढ़ने समझने में किसी विद्यार्थी को कोई दिक्कत नहीं हुई. फोन पर हुई बात पर उन्होंने बताया कि चाईबासा के दो सेंटर पर वे खुद गए थे, जहां विद्यार्थियों ने कोई शिकायत नहीं की. उन्होंने बताया कि जहां थोड़ी बहुत दिक्कत हुई, तो वहां के विद्यार्थियों को शिक्षकों ने अंग्रेजी का हिंदी ट्रांसलेट कर के सवाल बता दिया गया. यह पूछने पर कि क्या यह गलती नहीं है, तो उन्होंने कहा कि प्रिंटिंग प्रेस से ऐसी गड़बड़ी हुई है. क्या हिंदी को हटाने का प्रयास चल रहा है? इस सवाल पर उन्होंने जवाब दिया कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. लेकिन जब यह पूछा गया कि प्रश्न पत्र से पूरी तरह से हिंदी को हटा देना क्या गलत नहीं है? इसे उन्होंने काफी हल्के में लिया. उन्होंने यह भी कहा कि काफी आसान अंग्रेजी थे. आसान अंग्रेजी में सवाल थे, इस जवाब का मतलब क्या यह होता है कि कोल्हान विवि में अंग्रेजी का बोलबाला हो गया है. दूसरी बात जब सवाल आसान ही थे, तो ट्रांसलेट करने की नौबत क्या है. सवाल यह उठता है कि एक जिम्मेदार व्यक्ति इस तरह से कैसे इस तरह की बड़ी गड़बड़ी को टाल सकता है.
हिंदी माध्यम के बच्चे, सवालों की हिंदी ही पूछते रह गए
हिंदी माध्यम के बच्चों के हाथों में पूरी तरह से अंग्रेजी के प्रश्न पत्र मिलते ही उनके होश उड़ गए. वे परेशान हो गए. पहले तो उनका समय शिक्षकों के साथ विमर्श में ही चला गया. उसके बाद वे हिंदी के प्रश्न पत्र मिलने का भी इंतेजार किए, कोई मदद नहीं मिलने पर परीक्षार्थियों ने शिक्षकों से हिंदी में सवालों को समझा और उसका उत्तर दिया. ऐसे में यह समझा जा सकता है कि विद्यार्थियों का ध्यान कितना टूटा होगा और समय की बर्बादी और घबराहट में उनकी परीक्षा कैसी गयी होगी. अंकों में कमी का खामियाजा कौन भुगतेगा? इसका जवाब विवि के जिम्मेदारों के पास नहीं है.