जमशेदपुर.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी के इग्नू केंद्र (LSC -32051) में बारह दिवसीय कार्यशाला के चौथे दिन प्रथम सत्र की शुरुआत सामूहिक प्रार्थना सभा के द्वारा की गई. इग्नू की बी एड प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर डॉ त्रिपुरा झा ने राष्ट्र के विभिन्न प्रांतों से उपस्थित शिक्षार्थियों को भारत की संस्कृतिक विशिष्टता की जानकारी देते हुए पिछले सत्र की प्रतिपुष्टि प्रस्तुत की. छात्रों को लघु समूह में विभाजित कर उन्हें इकाई योजना तैयार करने के दिशा निर्देश दिए व प्रथम सत्र के लिए विभिन्न विषयों के शिक्षाशास्त्री ने (विषय विशेषज्ञ) शिक्षण विषय से स्वचयनित शीर्षक पर एक संकल्पना मानचित्र विकसित कराया. विभिन्न विषयों में पांच ई प्रतिमान पर आधारित पाठ योजना को विकसित करने के लिए विविध युक्तियों पर विस्तार से चर्चा किया.
कार्यशाला के द्वितीय सत्र के दौरान विभिन्न शिक्षण विषयों में पाठ योजनाएं तैयार करवाई गई. यह सत्र शिक्षाशास्त्रीय विषयों के आधार पर पांच समानांतर सत्रों में संचालित किये गये. कार्यशाला के तीसरे सत्र में तदानुभूति के बारे में समझ विकसित करने के साथ-साथ बच्चों से तदानुभूति ( किसी अन्य व्यक्ति की भावनाओं को उनके दृष्टिकोण से समझने की क्षमता) पूर्वक व्यवहार करने के कौशलो को विकसित करने पर विस्तार से चर्चा की गई. उदाहरण के लिए एक सामान्य कक्षाकक्ष में अशक्त बच्चा जो अपने सहपाठियों द्वारा तंग किया जाता है तो उनके आत्मसम्मान की रक्षा कैसे की जाय, इस पर मार्गदर्शन प्रदान किया गया.
चौथे व अंतिम सत्र में श्रव्य दृश्य कार्यक्रमों के अंतर्गत स्त्रोतविद् ने पीपीटी द्वारा व्याख्यान दिया. साथ ही, सत्र के अंत में संसाधन सेवी की सहायता से शिक्षार्थियों ने गुणवत्ता के अनुरूप एवं शैक्षणिक दृष्टि से उपयोगी श्रव्य दृश्य कार्यक्रमों के सॉफ्ट कॉपी तैयार किए. सभी सत्र में संसाधन सेवी के रूप में नेहा सुरुचि मिंज, डॉ मोनिका उप्पल, डॉ सुचित्रा बेहरा, डॉ संजय भुईया, समिउल्लाह अंसारी एवं अंजनी कुमारी ने अपना अतुल्य योगदान दिया.