- सरायकेला खरसवां जिला प्रशासन ने जेजे एक्ट और पोक्सो एक्ट के तहत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का किया आयोजन
- उपायुक्त और पुलिस अधीक्षक के संयुक्त अध्यक्षता में प्रशिक्षण कार्यशाला का हुआ आयोजन
- पुलिस उपाधिक्षक मुख्यालय और डालसा सचिव ने जेजे एक्ट और पोक्सो एक्ट के बारे मे सभी पुलिस पदाधिकारी को दी जानकारी
सरायकेला.
सरायकेला खरसवां जिला समहारणालय सभागार मे बाल कल्याण पुलिस पदाधिकारियों का एक दिवसीय उन्मुखीकरण सह प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित किया गया. इस कार्यशाला का विधिवत शुभारंभ उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला और पुलिस अधीक्षक डॉ विमल कुमार नें द्वीप प्रज्वलित कर किया. कार्यशाला मे उप विकास आयुक्त प्रवीण कुमार गागराई, पुलिस उपाधिक्षक चंदन कुमार वत्स, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी शिप्रा सिन्हा और अन्य सभी संबंधित पदाधिकारी पुलिस पदाधिकारी उपस्थित रहें. बैठक के दौरान पुलिस उपाधिक्षक मुख्यालय के द्वारा जेजे एक्ट और डालसा सचिव कांति प्रसाद के द्वारा पोक्सो एक्ट के बारे मे विस्तृत जानकारी दी गई.
बैठक को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यशाला में समय का सदुपयोग करते हुए एक्ट के प्रवधान को समझे ताकि बच्चों की मदद की जा सकें. उपायुक्त नें कहा बच्चों के द्वारा की जा रही अपराध और बच्चों पर हो रहे अत्याचार पर बाल अधिकार अधिनियम के तहत प्रोटोकोल फॉलो करे.
वहीं पुलिस अधीक्षक ने कहा कि बच्चे समाज की अगली पीढ़ी होते है, इनके साथ संवेदनशील होकर सेंसेटिव पुलिसिंग का उदाहरण प्रस्तुत करे ताकि बच्चे में डर नहीं हो और बच्चों को विश्वास रहे कि पुलिस हमारी मदद करेगी.
जेजे एक्ट व पोक्सो एक्ट पर जानकारी देते हुए बताया गया कि यौन शोषण व बच्चों के साथ छेड़छाड़ की घटनाओं पर पूर्ण अंकुश लगाने के लिए सरकार द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं. हमें अपने बच्चों को अच्छे व बुरे स्पर्श की पहचान परिवार से ही सिखानी चाहिए. उन्होंने कहा कि 18 वर्ष से कम उम्र के लड़के व लड़कियां इस कानून की मदद ले सकते हैं. बच्चे हमारे देश की अमूल्य संपत्ति है. बच्चों के साथ कोई उत्पीड़न होने पर एफआईआर दर्ज करवाए. कार्यशाला में पुलिस उपाधिक्षक ने जेजे एक्ट के प्रवधान, एक्ट पर लगाए जाने वाली धाराओं, संम्प्रेक्षण गृह/विशेष गृह/ सुरक्षित स्थान/ बाल गृह अन्य के बारे मे विस्तृत जानकारी साझा किया.
कार्यक्रम में सभी को जिला बाल संरक्षण अधिकारी द्वारा चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर 1098 की जानकारी दी गई और कहा गया कि बच्चों के संबंध में कोई भी घटना घटित होने पर बाल कल्याण समिति, जिला बाल संरक्षण इकाई और चाइल्ड हैल्पलाइन नंबर 1098 पर संपर्क करके सूचना दी जा सकती है.
वहीं डालसा सचिव ने पोक्सो अधिनियम 2012 पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें इस तरह के मामले दर्ज होने के बाद मामलों से कैसे निपटा जाना चाहिए. इसकी प्रक्रिया पर गहन चर्चा की गई. उन्होंने बताया कि सीडब्ल्यूसी बोर्ड के सदस्यों की अनुशंसा पर डालसा द्वारा कानूनी सहायता, मुआवजा और सहायता प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा कि एफआईआर और मेडिकल रिपोर्ट जमा होने के बाद अदालत में अंतरिम मुआवजे के लिए आवेदन किया जा सकता है.
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