- इस वर्ष महज जैक से 10वीं बोर्ड की परीक्षा में 21 हजार से ज्यादा बच्चे हुए पास
- जिले में प्लस टू स्कूलों-कॉलेज (सरकारी) की संख्या करीब 35
- प्रत्येक कॉलेज में दो सौ सीट पर भी होगा दाखिला, तो 7.5 हजार बच्चे को ही मिलेगा मौका
- कुछ प्राइवेट इंटर कॉलेजों में बच्चे दाखिला लेंगे. कुल मिलाकर 15 हजार भी बच्चों का दाखिला नहीं हो पायेगा, ऐसे में मैट्रिक पास बच्चे कहां जाएंगे?
जमशेदपुर.
नई शिक्षा नीति को लेकर विश्वविद्यालयों में इंटरमीडिएट की पढ़ाई नहीं हो सकती है. इसके लिए प्लस टू स्कूल या इंटर कॉलेज में व्यवस्था करनी है. हालांकि अब तक न तो विवि के पास स्पष्ट आदेश है और न ही कॉलेजों को विवि की ओर से कोई स्पष्ट निर्देश दिया गया है. पूर्व से जिन कॉलेजों में इंटर की पढ़ाई हो रही है वह इस असमंजस में हैं कि दाखिला प्रक्रिया आरंभ करे या न करे. अगर दाखिला प्रक्रिया शुरू होती है और दाखिले पर रोक लगा दी जाती है, तो भारी समस्या और छात्रों का विरोध का सामना करना पड़ सकता है. दूसरी ओर कोल्हान विवि के प्रवक्ता ने पूर्व ही बयान जारी कर यह कहा दिया है कि इंटरमीडिएट का मामला विवि से संबंधित नहीं है. इसलिए वे इस संबंध में कोई जानकारी साझा नहीं कर सकते है. विवि के प्रवक्ता के इस बयान से और भी असमंजस की स्थिति उत्पन्न हो गयी है.
हजारों बच्चे रह जायेंगे दाखिला विहीन, क्या होगा भविष्य
दूसरी ओर जिले में महज 35 सरकारी स्कूलों में प्लस टू, इंटर की पढ़ाई की सुविधा है. अगर एक कॉलेज में 200 सीटें भी होगी, तो महज 7.5 हजार बच्चों का दाखिला हो पायेगा. वहीं प्राइवेट इंटर कॉलेजों जिनकी संख्या सरकारी से भी कम है ऐसा इसलिए क्योंकि अब तक डिग्री कॉलेजों में ही इंटर की पढ़ाई होती थी. जो कुछ हैं वहां भी यह मान ले कि छह से सात हजार बच्चों का दाखिला हो पायेगा, तो भी सात हजार से ज्यादा बच्चे दाखिला विहीन रह जायेंगे. ऐसे में उनके भविष्य का क्या होगा, इसका जिम्मेदार कौन होगा.
जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में इंटरमीडिएट की पढ़ाई बंद करने की घोषणा के साथ ही 36 शिक्षक हुए बेरोजगार, डीसी से नौकरी बचाने की लगा
जमशेदपुर विश्वविद्यालय में संचालित इंटर कॉलेज में अनुबंध पर बहाल किये गये 36 शिक्षकों को कॉलेज प्रबंधन की ओर से दो टूक जवाब दे दिया गया है कि वे अपना रास्ता देख लें. इंटर की पढ़ाई बंद हो चुकी है. दूसरे जगह कहीं पर व्यवस्था हो सके तो देख लेने जैसी बात उनके समक्ष आ खड़ी हुई है. अचानक सड़क पर आने के बाद अनुबंध पर बहाल शिक्षकों को जब कुछ नहीं सूझा तब वह शनिवार को सीधे डीसी कार्यालय में पहुंच गयी. शिक्षकों का कहना था कि अब तो वह बिल्कुल ही बेरोजगार हो गयी हैं. विश्वविद्यालय के फैसले के बाद वह अब दाने-दाने को मोहताज हो जायेंगी. उनके लिये किसी तरह की वैकल्पिक व्यवस्था की जानी चाहिए. मालूम हो कि जब तक जमशेदपुर वीमेंस कॉलेज था तब तक यह इंटरमीडिएट की पढ़ाई हो रही थी लेकिन अब यह जमशेदपुर वीमेंस यूनिवर्सिटी में अपग्रेड हो गया है. यूनिवर्सिटी का कहना है कि देश के किसी भी विश्वविद्यालय में इंटर की पढ़ाई नहीं होती है तो जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय में कैसे हो सकती है. उनकी मानें तो नई शिक्षा नीति के तहत विश्वविद्यालयों व कालेजों से हर हाल में प्लस टू को अलग करना है इसी के आलोक में विश्वविद्यालय ने इंटरमीडिएट को बंद करने का फैसला लिया है.
शिक्षकों का सवाल
शिक्षकों ने सवाल किया कि वीमेंस विवि में इंटर की पढ़ाई क्यों नहीं की जा सकती है. उनकी मांग है कि वीमेंस विवि में पूर्व की तरह इंटर की पढ़ाई जारी रखी जाये. क्योंकि अचानक इंटर की पढ़ाई बंद कर दिए जाने से इंटर के शिक्षक कहां जाएंगे.