- पढ़ाई सबके लिए जरूरी विषय पर आधारित नाटक का बच्चियों ने किया मंचन
- 24 जून से 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस तक चलेगा अभियान
- चाइल्ड राइट एंड यू (क्राई) झारखंड समेत देश के 22 राज्यों में सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर चला रही है अभियान
जमशेदपुर.
हर बालिका की 12वीं तक की शिक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से आदर्श सेवा संस्थान, जमशेदपुर ने क्राई (चाइल्ड राइट एंड यू) के साथ मिलकर राष्ट्रव्यापी अभियान #पूरी पढ़ाई देश की भलाई की शुरुआत हरी झंडी दिखाकर की. लड़कियों की शिक्षा के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण बदलने और जागरूकता के लिए सात सप्ताह का राष्ट्रव्यापी अभियान ‘पूरी पढ़ाई देश की भलाई सोमवार को झारखंड में भी लॉन्च किया गया.
इस लांचिंग कार्यक्रम में सोनारी-कदमा के झुग्गी-बस्तियों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र की कार्यकर्ताएं, विद्यालय के शिक्षक, सहिया, महिला मंडल, किशोर-किशोरी सहित लगभग 160 लोगों ने भागीदारी निभाई. लांचिंग कार्यक्रम की शुरुआत रामजनम नगर, कदमा के बच्चों द्वारा बालिका शिक्षा पर आधारित नुक्कड़ नाटक के प्रदर्शन से हुई. पढ़ाई सबके लिए जरूरी है विषय पर आधारित नाटक की प्रस्तुति से बच्चियों के लिए पढ़ाई क्यों जरूरी है इसका संदेश दिया.
कार्यक्रम के दौरान जमशेदपुर की वरिष्ठ समाजसेवी अंजली बोस ने बच्चों को संबोधित किया और उन्हें अपनी पढ़ाई पूरी करने और आगे बढ़ने के लिए आशीर्वाद भी दिया. पत्रकार सह प्रेस क्लब ऑफ जमशेदपुर के महासचिव विकास श्रीवास्तव ने बालिकाओं को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए प्रोत्साहित किया और राष्ट्रव्यापी अभियान #पूरी पढ़ाई देश की भलाई के सफलता की कामना भी की. मौके पर आदर्श सेव संस्थान से लक्खी दास, उषा महतो व अन्य लोग मौजूद रहे. कार्यक्रम के अंत में उपस्थित सभी स्टेकहोल्डर ने हरी झंडी दिखाकर जन-जागरूकता अभियान की शुरुआत की.
अगले दो दिनों तक 23 बस्तियों में चलेगा दीवार लेखन अभियान
इस सात सप्ताह के कार्यक्रम में आदर्श सेवा संस्थान अपने कार्य क्षेत्र सोनारी-कदमा की 23 झुग्गी-बस्तियों में 25 व 26 जून 2024 को बाल संगठन (बच्चों का संगठन) के सहयोग से दीवार लेखन करेगी. इन दो दिनों में लगभग 200 दीवाल में लड़कियों की पूरी पढ़ाई को लेकर जन-जागरूकता के स्लोगन लिखे जाएंगे. उसके बाद संस्थान अपने क्षेत्र के ड्रॉप आउट/विद्यालय से बाहर बालिकाओं को चिन्हित कर विद्यालय के सहयोग से उनका दाखिला नजदिकी विद्यालय/आवासीय विद्यालय में करेगी. साथ ही, 18 वर्ष तक की बालिकाओं और उसके परिवार को सरकारी योजनाओं से जोड़कर लड़कियों की पूरी पढ़ाई को सुनिश्चित करने का प्रयास करेगी. साथ ही, इस बस्तियों में आज तक अपनी पूरी पढ़ाई करने वाली लड़कियों को चिन्हित कर समुदाय में सम्मानित करने का प्रयास करेगी. ताकि समुदाय में लड़कियों की पूरी पढ़ाई के प्रति जागरूकता आए.
झारखंड समेत 20 राज्यों में 15 अगस्त चलेगा अभियान
झारखंड के साथ-साथ भारत के 20 राज्यों में सात सप्ताह तक चलने वाले इस राष्ट्रव्यापी अभियान में क्राई अपने साथी संस्थाओं के साथ मिलकर जन जागरूकता रैलियां, हस्ताक्षर अभियान, नुक्कड़ नाटक, दीवार लेखन, दाखिला अभियान और विभिन्न आउटरीच कार्यक्रम आयोजित करेगी. क्राई द्वारा इसी डेटाबेस का गहन विश्लेषण करने पर और भी चिंताजनक तथ्य प्रकाश में आए हैं. एडजसटेड नेट एनरोलमेंट रेट (एएनईआर) के आधार पर की गई गणना दर्शाती है कि संबंधित आयु वर्ग की प्रत्येक तीन बालिकाओं में से एक (35%) माध्यमिक स्तर पर विद्यालय से बाहर है. इसके अतिरिक्त, इसी आयु वर्ग की प्रत्येक आठ छात्राओं में से एक (12.25%) अपनी शिक्षा अधूरी छोड़ देती है, परिणामस्वरूप वे माध्यमिक शिक्षा पूर्ण करने में असफल रहती है.
झारखंड में क्राई के जमीनी अनुभवों से यह प्रतीत होता है कि बालिकाओं की शैक्षिक यात्रा में अनेक बाधाएं व्याप्त हैं. इनमें सामाजिक-आर्थिक विषमताएं, रूढ़िवादी सांस्कृतिक मान्यताएं, लैंगिक विभेद, बाल विवाह की प्रथा, शैक्षिक संस्थानों में अपर्याप्त सुविधाएं, विद्यालयों की दूरस्थ स्थिति एवं सुरक्षा संबंधी चिंताएं प्रमुख हैं. ये समस्याएं उच्च माध्यमिक शिक्षा के पूर्णता में गंभीर अवरोध उत्पन्न करती हैं. इन बाधाओं के परिणामस्वरूप न केवल स्कूल ड्रॉपआउट की दर को बढ़ाती है, परिणाम स्वरुप ये छात्राओं को अन्य गंभीर खतरों के प्रति भी अतिसंवेदनशील बना देती. इनमें बाल श्रम, अल्पवयस्क आयु मे विवाह, किशोरावस्था में गर्भधारण, दुर्व्यवहार, शोषण एवं बाल तस्करी जैसी ज्वलंत समस्याएं सम्मिलित हैं.
इन मुद्दों से सीधे निपटने के लिए, क्राई ने ‘पूरी पढ़ाई देश की भलाई’ अभियान न शुरू किया है, जो 24 जून से शुरू होकर 15 अगस्त, भारत के स्वतंत्रता दिवस तक चलेगा. यह अभियान शिक्षा ना में में लैंगिक असमानताओं को दूर करने के लिए सभी हितधारकों को शामिल करने का प्रयास करता है.
क्राई और उसके साझेदार संगठन अपने परिचालन क्षेत्रों में प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षा में लड़कियों के नामांकन और प्रतिधारण को बढ़ाने का प्रयास करेंगे. क्राई का लक्ष्य बच्चों और उनके परिवारों, शिक्षकों, समुदाय के सदस्यों, प्रभावशाली व्यक्तियों, राज्य अधिकारियों, विभिन्न शैक्षिक स्तरों के छात्रों, मीडिया हाउस, कॉरपोरेट्स और आम जनता के साथ जुड़कर व्यापक जागरूकता पैदा करना है.