- 18 वर्ष आयु पूरा होने या वर्ष 2024 अक्टूबर में जिन विद्यार्थियों का उम्र 18 पूरा हो रहा हो उनका भरवाना है फॉर्म छह
- उपलब्ध कराए गए लिस्ट में शामिल विद्यार्थियों को कहीं से भी ढूंढ़ कर लाने का फरमान
- घर घर जाकर पता लगाने और फॉर्म भरवाने का दिया गया निर्देश
- कॉलेजों में वर्तमान में इंटर पंजीयन का कार्य भी चल रहा, शिक्षक परेशान, क्लास ले, पंजीयन को पूरा कराए या वोटर्स को खोजे
- विद्यार्थियों को नहीं खोज पाने और फॉर्म छह भरवाने में हो रही देरी को लेकर कई कॉलेज को जारी हुआ शोकॉज
जमशेदपुर.
झारखंड के कॉलेज प्रबंधन और शिक्षकों के इन दिनों पसीने छूट रहे हैं. शिक्षको की ड्यूटी विद्यार्थियों को ढूंढ़ने में लगा दी गई है. शिक्षक विद्यार्थियों को इसलिए नहीं ढूंढ़ रहें कि उन्हें कॉलेज में दाखिला कराना है या उन्हें पढ़ाना है, बल्कि मास्टर साहब विद्यार्थियों को वोटर बनाने के लिए ढूंढ़ रहे हैं. अब ऐसे में मास्टर साहब को घर घर भी जाना पड़ रहा, अब ऐसे में पसीना छूटना तो लाजमी है, ऊपर से काम में ढीलाई और शिथिलता को लेकर कॉलेज को शोकॉज भी जारी किया जा रहा है. ऐसे में शिक्षक भारी दबाव महसूस कर रहे है.
लोकतंत्र के महान पर्व चुनाव में 18 वर्ष पूरा हो चुके विद्यार्थी अपने मताधिकार का प्रयोग कर एक सशक्त जनप्रतिनिधि और सरकार चुन सके जो उनकी शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ की चिंता करने वाला हो, मास्टर साहब को इसलिए ऐसे विद्यार्थियों को ढूंढ़ने की ड्यूटी पर लगा दिया गया है. विद्यार्थियों को नहीं ढूंढ़ पाने और फॉर्म छह भरवाने में हो रही देरी होने को लेकर पूर्वी सिंहभूम के कई इंटर और डिग्री कॉलेजों को शोकॉज दिया गया है. दरअसल निर्वाचन आयोग के निर्देश पर सभी 18 वर्ष आयु पूरा कर चुके युवाओं या जिनकी आयु वर्ष 2024 के अक्टूर में 18 पूरी हो रही वैसे युवाओं से फॉर्म छह भरवाना है. इन युवाओं को मतदाता सूची में शामिल करने और मतदाता पत्र बनवाने की योजना से यह विशेष अभियान शुरू किया गया है. इसके लिए राज्यभर के इंटर कॉलेज और डिग्री कॉलेजों में संचालित इंटर कॉलेजों को भी जिम्मेदारी सौंपी गई है. क्योंकि 17 से 18 वर्ष आयु के युवा इंटरमीडिएट के ही विद्यार्थी हो सकते हैं.
कहीं से भी ढूंढ़ कर लाने का सख्त निर्देश
कॉलेज और शिक्षकों के 18 वर्ष पूरा कर चुके ऐसे विद्यार्थियों की सूची भी दी गई है जिसमें से सैकड़ों पास होकर कहीं और जा चुके है. अगर उसी कॉलेज में पढ़ भी रहे हैं, तो वह ट्रेस नहीं हो पा रहे हैं. क्योंकि कॉलेजों में ऐसा कोई सिस्टम नहीं है जहां विद्यार्थियों का कोई डेटाबेस हो और उनका नाम या डिफॉल्टर सर्च करने से उनकी विस्तृत जानकारी मिल जाए. आदेश में कहा गया है कि किसी भी हाल में ऐसे विद्यार्थियों को ढूंढ़ निकालना है, भले ही उनके घर क्यों न जाना पड़े.
इंटर में पंजीयन का चल रहा काम
शिक्षकों के साथ बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. वर्तमान में कॉलेजों में इंटरमीडिएट के पंजीयन का काम चल रहा है. ऐसे में क्लास के अलावा पंजीयन में शिक्षकों की भूमिका वेरिफिकेशन से लेकर, विद्यार्थियों से हस्ताक्षर कराने की भी होती है. यह अपने आप में एक बड़ी जिम्मेदारी का काम होता है. ऐसे में फॉर्म छह भरवाने की जिम्मेदारी, वह भी उसमें से अधिकतर स्टूडेंट्स जो ट्रेसलेस है, उन्हें ढूंढ़ने की समस्या है.
संस्थानों को मिल रहा शोकॉज
फॉर्म छह भरवाने के लिए जारी निर्देश के बाद इसके लेकर लगातार जिला स्तर से मॉनिटरिंग की जा रही है. वहीं काम में शिथिलता को देखते हुए नोटिस, शोकॉज भी जारी किया गया है. वर्तमान में छह शैक्षणिक संस्थानों को शोकॉज जारी करते हुए फॉर्म छह भरवाने में हो रही देरी और खबरा प्रदर्शन को लेकर स्पष्टीकरण मांगा गया है. इसमें केंद्रीय विद्यालय टाटानगर, श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंटर कॉलेज खासमहल, लाल बहादुर शास्त्री मेमोरियल कॉलेज करनडीह, उच्च विद्यालय वीणापानी धानचटानी, शहीद निर्मल महतो उच्च विद्यालय और आरएमईएफ लिटिल हाई स्कूल, पुरीहासा शामिल है. स्कूलों को यह नोटिस प्रखंड संसाधन केंद्र जमशेदपुर की ओर से जारी किया गया है.
क्या है फॉर्म छह
पहली बार मतदाता या किसी एक निर्वाचन-क्षेत्र से किसी अन्य एक निर्वाचन-क्षेत्र में स्थानांतरण के कारण निर्वाचक नामावली में नाम को सम्मिलित करने के लिए आवेदन पत्र है.