- इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में करियर की संभावना
Central Desk, Campus Boom.
12वीं के बाद विद्यार्थियों के सामने करियर को लेकर बड़ी चिंता होती है. 12वीं के बाद वे कौन सा कोर्स करें, जिससे उन्हें जॉब मिल सके, यह सवाल विद्यार्थियों के सबसे महत्वपूर्ण होता है. क्योंकि वे यहीं से अपने करियर की आधार रखते है. कई विद्यार्थी स्नातक के बाद से ही जॉब में आने की योजना रखते हैं. इंजीनियरिंग, मेडिकल, बैंकिंग, सरकारी नौकरी तैयारी के अलावा भी ऐसे दर्जनों कोर्स हैं जिसके करने के बाद विद्यार्थियों को आसानी से जॉब मिल सकता है या वे खुद का व्यवसाय भी शुरू कर सकते हैं. ऐसे कोर्स स्नातक स्तर पर वोकेशनल कोर्स की श्रेणी में आते हैं. कैंपस बूम आज से करियर सीरीज की शुरूआत कर रहा है. 12वीं के बाद जॉब ऑरिएंटेड कोर्स की विस्तृत जानकारी इस सीरीज में दी जा जाएगी. आज के इस पहले अंक में पढ़िए इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में करियर की संभावना.
इंटीरियर डिजाइनिंग एक ऐसा क्षेत्र है जाे पिछले कुछ वर्षों से बहुत ज्यादा प्रचलित है. वर्तमान में जिस तरह से घर, ऑफिस, होटल, रेस्टूरेंट, दुकान, मॉल को सजाने संवारने का शौक बढ़ा है. इससे इस क्षेत्र के जानकारों की मांग भी बढ़ी है. इंटीरियर डिजाइनर महज कमरों को सजाने संवारने की योजना नहीं देते हैं बल्कि वह हर बिंदु पर अपनी विशेषज्ञता प्रस्तुत करते है. उसमें वास्तु भी शामिल है. बेड, मेज, सोफा, सजाने की वस्तु हर कुछ क्या, कहां और कैसे रखना, लगाना है वे सब तय करते हैं. बड़े बड़े कॉरपोरेट हाउस में इंटीरियर की जहां मांग हैं वहीं कई ऐसे लोग हैं जो अपने घर के एक कमरे, यहां तक कि रसोई घर के लिए भी इंटिरियर डिजाइनर की सलाह लेते हैं.
रचनात्मक सोच वालों के लिए हैं अच्छा स्कोप
कुछ अलग सोच रखने वाले यानी रचनात्मक सोच रखने वाले जिसे हम क्रिएटिविटी भी करते हैं, ऐसे लोगों के लिए इंटीरियर डिजाइनिंग का क्षेत्र काफी अच्छा है. घर और घर के कमरे में हर कोई सजावट करता है, लेकिन इंटीरियर डिजाइनर उसे भी अपनी रचनात्मकता से ऐसा संवार देते है जिससे घर, कमरा, ऑफिस, दुकान मॉल न केवल सुंदर लगने लगता है बल्कि वह आपने जीवन के लिए शुभ, शांति, स्वास्थ्य और व्यवसाय के लिए लाभकारी हो जाता है.
कम्यूनिकेशन स्किल हो बेहतर
यह एक ऐसा क्षेत्र हैं जहां आपको हर तरह के क्लाइंट मिलेंगे. इसलिए आपमें बातचीत करने, सामने वाली की भावनाओं को समझने का हुनर होना चाहिए. यह क्षेत्र में वह आसानी से सफल हो सकता है जिनका कम्यूनिकेशन स्किल बेहतर होगा. बातों से लोगों का दिल जीत लेना ही इस क्षेत्र में सफलता की पहली सीढ़ी है. एक इंटीरियर डिजाइनर को यह सुनिश्चित करने के लिए स्पष्ट रूप से संवाद करने में सक्षम होना चाहिए कि हर किसी को एक परियोजना के बारे में सूचित किया जाए और उस पर काम किया जाए.
ठोस प्लानिंग, समय प्रबंधन है जरूरी
एक इंटीरियर डिजाइनर आंशिक रूप से रचनात्मक, आंशिक रूप से प्रोजेक्ट मैनेजर होता है. भूमिका में योजनाएं तैयार करना, समयसीमा का समन्वय करना और बजट का प्रबंधन करने के साथ-साथ कस्टमर, कॉन्ट्रेक्टर और प्रोजेक्ट स्टेकहाेल्डर के साथ सहयोग करना शामिल है. एक इंटीरियर डिजाइनर के पास ठोस प्लानिंग होनी चाहिए साथ ही समय प्रबंधन बहुत जरूरी है. वह अपने काम को सही समय पर पूरा कर के दे, इससे ही वह बाजार में टिक पाएगा.
अपडेट रहना बहुत जरूरी
एक इंटीरियर डिजाइनर को मार्केट व डिमांड के अनुसार अपडेट रहने की बहुत जरूरत है. इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में बाजार में क्या कुछ नया है, इसकी पूरी जानकारी उसके पास होनी चाहिए. जैसे क्या अपडेट है, क्या नया प्रोडक्ट आया है, क्या कीमत है, क्या क्वालिटी है, उसकी क्या लाइफ है, वह क्यों और किस तरह जरूरी है? वह प्रोडक्ट कौन कंपनी बनाती है, कैसे मंगाएंगे? अपडेट रहना इस क्षेत्र की सबसे बड़ी मांग है. तब ही आप अपने कस्टमर, क्लाइंट को संतुष्ट कर पाएंगे.
स्केचिंग का नॉलेज जरूरी है
स्केचिंग कौशल एक इंटीरियर डिजाइनर को किसी परियोजना या अवधारणा के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध होने से पहले अपने ग्राहकों के साथ तेजी से विचारों को प्रदर्शित करने और तलाशने में सक्षम बनाता है.
कंप्यूटर-एडेड डिजाइन (सीएडी) हो जानकारी तो बहुत अच्छा
कंप्यूटर-एडेड डिजाइन (सीएडी) इंटीरियर डिजाइनरों को किसी प्रोजेक्ट के लिए अपना दृष्टिकोण आसानी से बनाने, बढ़ाने और साझा करने की अनुमति देता है. यह समय की मांग है. आप भी अपना समय बचा सकते है. कंप्यूटर के माध्यम से ही आप इंटीरियर की स्केचिंग कर के प्रभावित कर सकते हैं.
इंटीरियर डिजाइनर बनने के लिए करें ये कोर्स
अगर आप 12वीं पास कर चुके हैं तो आप आसानी से ये कोर्स कर सकते हैं. कोर्स पूरा होने के बाद आप किसी भी इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में काम कर रही कंपनी में इंटर्नशिप करें. कई बार इंटर्न के दौरान ही काम सीखने के बाद कोर्स के बाद इंटीरियर डिज़ाइन कंपनी में नौकरी कर सकते हैं. इंटीरियर डिज़ाइनर के असिस्टेंट के रूप में काम करें. अपनी स्किल को जितना हो सके बेहतर बनाएं. इस क्षेत्र में क्रिएटिविटी की जरूरत होती है, आप जितना अच्छा काम करेंगे आपके लिए उतने ही रास्ते खुलते जाएंगे. आज कल हर घर ऑफिस, कैफे सभी बेहद ही खूबसूरत तरीके से डिजाइन किया जाता है. दिन पर दिन इनकी डिमांड बढ़ती ही जाती है.
आर्किटेक्ट व इंजीनियर के साथ समन्वय बनाकर करना है मुख्य रोल
इंटीरियर डिजाइनर का मेन काम प्लानिंग करना है एक नया खूबसूरत डिजाइन बनाना है. घर ऑफिश बिल्डिंग की सजावट का काम करना होता है. इंटीरियर डिजाइनर को कॉन्ट्रैक्टर, आर्किटेक्ट व इंजीनियर समेत अनेक पेशे के लोगों के साथ मिलकर काम करना होता है. ताकि वह यह तय कर सके कि डिजाइनिंग का काम अच्छे से हो रहा है. इंटीरियर डिजाइनर की सलाह की भी कीमत होती है. आज-कल हर कोई अपने घर को सजाकर रखना पसंद करते हैं.
12वीं के बाद स्नातक स्तरीय (ग्रेजुएट) काेर्स
- बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स इन इंटीरियर डिजाइन
- बैचलर ऑफ अप्लाइड साइंस (इंटीरियर आर्किटेक्चर)
- बैचलर ऑफ इन्वायरमेंटल डिजाइन स्टडीज
- बैचलर ऑफ इंटीरियर डिजाइन (ऑनर्स)
- बीए (ऑनर्स) इंटीरियर एंड स्पेशल डिजाइन
- बी एससी (ऑनर्स) इंटीरियर आर्किटेक्चर एंड प्रॉपर्टी डवलपमेंट
- बैचलर ऑफ डिजाइन इन इंटीरियर आर्किटेक्चर (ऑनर्स)
- बैचलर ऑफ डिजाइन-इंटीरियर डिजाइन एंड इन्वायरमेंट्स
- बैचलर ऑफ साइंस इन होम फर्निशिंग मर्चन्डाइज़िंग
- बैचलर ऑफ बिल्ट इन्वायरमेंट (इंटीरियर आर्किटेक्चर)
- बी एससी (ऑनर्स) आर्किटेक्चरल टेक्नोलॉजी एंड डिज़ाइन
- ऑनर्स बैचलर ऑफ क्राफ्ट एंड डिज़ाइन (फर्नीचर)
देश के इन संस्थानों में होती है पढ़ाई
- स्कूल ऑफ़ इंटीरियर डिज़ाइन, अहमदाबाद
- इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीरियर डिजाइनर्स, नई दिल्ली
- जे.जे. स्कूल ऑफ़ आर्ट्स. मुंबई
- एमआईटी इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन, पुणे
- नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीरियर एंड फैशन टेक्नोलॉजी, भुवनेश्वर
- जवाहर लाल नेहरू टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी, हैदराबाद
- चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी, मेरठ
- नागपुर विश्वविद्यालय, रविंद्रनाथ टैगोर मार्ग, नागपुर
नौकरी के साथ खुद भी खोल सकते हैं फर्म
यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां आपको बड़ी बड़ी कंपनी में नौकरी मिलने के साथ खुद का बिजनेस शुरू करने का रास्ता देती है. भारत में वर्तमान में अनेकों इंटीरियर डिजाइनिंग के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनिया है, जो मोटी रकम वाले पैकेज पर नौकरी देती है. भारत के अलावा विदेशी कंपनियां भी हैं, जो जॉब देती है. इसके अलावा इस कोर्स को करने वाला चाहे तो किसी भी शहर में अपना खुद का ऑफिस खोल सकता है. अपना खुद का फर्म बना कर बिजनेस शुरू कर सकता है. शुरूआती दौर में छोटे छोटे क्लाइंट के साथ काम कर के बाजार में अपनी जगह बना सकते हैं. इस क्षेत्र में कमाई फिक्स नहीं है. यह आपके काम और बाजार पर निर्भर करता है. आप खुद का काम कर के भी महीने का लाखों रुपए आसानी से कमा सकते हैं.
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