- जादूगोड़ा स्थित कांस्टेबल ट्रेनिंग सेंटर (सीटीसी) में चल रहा है उत्पाद विभाग सिपाही बहाली
- हर दिन 15 से 20 अभ्यर्थी हो रहे बेहोशी के शिकार, 4 से 5 ऐसे अभ्यर्थी जिनके नशीली दवा लेने के लक्षण
- केवल हो रहा इलाज, अगर ब्लड जांच हो तो पकड़ में आ सकती है बेहोश या अचेत होने का मुख्य कारण
- इधर जादूगोड़ा में ताकत, अत्यधिक ऊर्जा देने वाले पेय पदार्थ और दवा की मांग बढ़ी
- दौड़ में शामिल गिरीडीह के एक युवक की हो चुकी है मौत
- 22 अगस्त से अभ्यर्थी दौड़ में हो रहे शामिल, 4 सितंबर तक चलेगी बहाली
- हर दिन दो से ढाई हजार अभ्यर्थी हो रहे शामिल
सेंट्रल डेस्क, कैंपस बूम.
पूर्वी सिंहभूम जिले के जादूगोड़ा स्थित कांस्टेबल ट्रेनिंग सेंटर (सीटीसी) स्वासपुर में झारखंड उत्पाद विभाग में सिपाही बहाली की प्रक्रिया चल रही है. सीटीसी को बहाली सेंटर बनाया गया है. 22 अगस्त से यहां राज्य भर से अभ्यर्थी दौड़ में शामिल होने के लिए आ रहा है. हर दिन तकरीबन दो से ढाई हजार अभ्यर्थी इस दौड़ में शामिल हो रहे हैं. दौड़ में शामिल 15 से 20 अभ्यर्थी हर दिन बेहोशी, डिहाइड्रेशन (पानी की कमी) के शिकार और अचेत होकर पहुंच रहे हैं. सबसे आश्चर्य जनक बात ये है कि इसमें 4 से 5 अभ्यर्थी ऐसे भी हैं जिनमें नशीली दवा या अत्यधिक ताकत ऊर्जा देने वाली पेय पदार्थ पीकर दौड़ में शामिल होने की आशंका है. अचेत स्थिति में स्थानीय केंदाडीह स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे कुछ युवकों के इलाज की वीडियो को देखने के बाद उनकी स्थिति का अंदाजा लगाया जा सकता है. वीडियो कैंपस बूम के पाठक ने शेयर किया है. जिसकी सत्यता की जांच के बाद इस वीडियो और जिम्मेदार व्यक्तियों से बातचीत के आधार पर यह खबर प्रकाशित की जा रही है.
डॉक्टर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर दावा किया कि कुछ अभ्यर्थी ले रहे नशीली दवा
हालांकि अभ्यर्थियों के नशीली दवा या पेय पदार्थ लेने की बात इसलिए प्रमाणित नहीं हो पा रही है क्योंकि बेहोशी के बाद नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र केंदाडीह पहुंच रहे अभ्यर्थियों का केवल इलाज कराया जा रहा हैं उनके ब्लड की जांच नहीं हो रही है. इलाज कर रहे डॉक्टरों की माने तो अगर ब्लड जांच कराई जाए तो यह बात निश्चित रूप से सामने आएगी कि कुछ अभ्यर्थी नशीली दवा या पदार्थ खाकर दौड़ में शामिल हो रहे हैं. एक डॉक्टर ने अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर दावा किया कि कुछ अभ्यर्थियों को एंटी डॉट दवा देने के बाद ही वे ठीक हो रहे हैं. एंटी डॉट दवा नशा के आदी या नशीली दवा खाकर बीमार पड़े लोगों को ही दी जाती है.
असामान्य व्यवहार से नशा करने का है शक (देखे इस वीडियो में)
केंदाडीह स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे दौड़ में शामिल बीमार अभ्यर्थियों का इलाज करने वाले एक डॉक्टर ने बताया कि अत्यधिक गर्मी, उमस, धूप के कारण दौड़ में शामिल अभ्यर्थी डिहाइड्रेशन के शिकार हो रहे हैं. ऐसे मरीजों का व्यवहार सामान्य है और उन्हें रेगुलर दवा और डायट देने के बाद वे ठीक हो जा रहे हैं. लेकिन ऐसे कई अभ्यर्थी यहां पहुंच रहे हैं जिनका व्यवहार बिल्कुल अलग है. चिल्लाने, हल्ला करने बल्कि डॉक्टर नर्स पर हाथ उठाने जैसे हरकत भी ऐसे मरीज कर रहे हैं. ऐसे मरीजों कि मानसिक स्थिति भी असामान्य है. दवा देने और इलाज के दौरान वे जोड़ जोड़ से चिल्ला रहे हैं जमीन पर लोट रहे हैं. ऐसे मरीजों की स्थिति उनके असामान्य व्यवहार और एंटी डॉट मेडिसिन देने के बाद ही ठीक होने के मामले उनके नशीली दवा लेकर दौड़ में शामिल होने की आशंका को जाहिर कर रहा है.
जादूगोड़ा क्षेत्र में बढ़ी एक्स्ट्रा एनर्जी ड्रिंक की मांग
स्थानीय दुकान और कुछ पत्रकारों से बातचीत के आधार पर यह जानकारी मिली है कि जादूगोड़ा क्षेत्र में पिछले एक सप्ताह से एनर्जी ड्रिंक की मांग खूब बढ़ी है. जिन दुकानों में कोल्ड ड्रिंक की बिक्री दिन में दस से बीस बोतल मुश्किल से होती थी, वहां रेड बुल जैसे एनर्जी ड्रिंक की मांग खूब बढ़ गई है. वहीं मेडिसिन सेंटर में भी एस्ट्रॉयड आधारित दवाओं की मांग भी खूब बढ़ी है.
पहले ही दिन एक अभ्यर्थी की हो चुकी है मौत
सीटीसी में बहाली के लिए 22 अगस्त को दौड़ की प्रक्रिया आरंभ हुई है. दौड़ के पहले ही दिन गिरीडीह के रहने वाले पिंटू नाम के युवक की मौत हो गई. दस किलोमीटर की दौड़ पिंटू ने निर्धारित समय में पूरी कर ली, लेकिन उसके बाद उसकी तबीयत अचानक खराब हो गई. उसके बाद उसे तत्काल स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, लेकिन उसकी मौत हो गई.
चार सितंबर तक चलेगी बहाली प्रक्रिया
सीटीसी में चल रही बहाली प्रक्रिया चार सितंबर तक चलेगी. इसमें कुल 73 हजार 405 अभ्यर्थी शामिल हाेंगे. जिसमें झारखंड समेत बिहार, यूपी अन्य राज्य के अभ्यर्थी शामिल रहे हैं.
नशीली दवा लेने का कोई प्रमाण नहीं, गर्मी हो सकता है कारण : सीटीसी एसपी
उत्पाद विभाग की यह बहाली प्रक्रिया सीटीसी के एसपी विजय आशीष कुजूर की देखरेख में हो रही है. अभ्यर्थियों के बेहोश होने के मामले में उनसे बात की गई, तो उन्होंने कहा कि इसका कारण अत्यधिक गर्मी हो सकता है. नशीली दवा या पेय पदार्थ लेने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसी कोई बात सामने नहीं है. बकौल एसपी चुकी यह डॉक्टर व इलाज का मामला है, इसलिए वे इस संबंध में कोई जानकारी नहीं दे सकते हैं. हालांकि उन्होंने भी कहा कि अगर जांच हो तभी कुछ प्रमाणित बात कही जा सकती है.