- सरकारी और हिंदी माध्यम के स्कूल के बच्चों की अंग्रेजी सुन कर प्रभावित हुए राज्यपाल
- अंग्रेजी में पूछा मुझे हिंदी नहीं आती, ट्रांसलेटर की जरूरत पढ़ेगी क्या? बच्चों ने कहा ”NO SIR”
जमशेदपुर.
तनाव किसके जीवन में नहीं है. सफलता के लिए तनाव भी जरूरी है. बगैर तनाव के काम का महत्व नहीं पता चलता है. बशर्ते तनाव का स्तर नकारात्मक दिशा में न बढ़े. यह बातें झारखंड प्रदेश के राज्यपाल सीपी राधाकृष्ण आज यानी बुधवार को जमशेदपुर के कदमा स्थित उत्क्रमित प्लस टू टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल में एक कार्यक्रम के दौरान बच्चों संग संवाद के दौरान कही. जमशेदपुर में विभिन्न कार्यक्रम में शिकरत करने आए राज्यपाल दोपहर को टाटा वर्कर्स यूनियन प्लस टू स्कूल पहुंचे. यहां उन्होंने बच्चों के साथ संवाद किया और उनके सवालों का जवाब भी दिया. इसी दौरान उन्होंने एक विद्यार्थी के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि वे अपने जीवन में कई लोगों से प्रभावित हुए है. लेकिन इसमें सबसे पहला स्थान उनकी मां का है जिसने उन्हें हर परिस्थिति और मुश्किल में खड़ा होना और आगे बढ़ना सीखाया है. उनमें देशभक्ति, अध्यात्म एवं समाज सेवा की भावना विकसित हुई. वहीं उन्हें राजनीति में अपना आदर्श लोकनायक जयप्रकाश (जेपी) नारायण को बताया और वर्तमान में अपना आदर्श देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बताया. उन्होंने कहा कि एक व्यक्ति जो चाय वाला कहलाता है और अपनी मेहनत से देश ही नहीं दुनिया के लोगों के दिलों पर अपनी राजनीति ताकत से राज कर रहा है. राज्यपाल ने प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की तारीफ करते हुए कहा कि पहले की अपेक्षा अपने देश की तस्वीर बदली है.
एक बच्ची के सवाल पर उन्होंने बताया कि स्कूल कैसा है यह मायने नहीं रखता है बल्कि आप किस तरह से शिक्षा ग्रहण करते हैं यह जरूरी है. उन्होंने बताया कि वे तमिल माध्यम के स्कूल से पढ़े और आज इस मुकाम तक पहुंचे है. काेयंबतूर से दो बार सांसद रहे और वर्तमान में झारखंड का राज्यपाल तक का सफर. वर्तमान में तीन तमिल देश के अलग अलग राज्य के राज्यपाल है. उन्होंने यह बताया कि उनके एक साथी तेलंगाना के राज्यपाल हैं और एक सीनियर नागालैंड के राज्यपाल है. एक बच्ची ने सवाल पूछा कि वे परीक्षा की तैयारी कैसे करते थे और क्या उन्हें घबराहट (एनजाइटी) होती थी? इस पर उन्होंने काफी सरलता से जवाब दिया कि शिक्षकों द्वारा पढ़ाए गए अध्याय और नोट्स को आप सही और उचित तरीके से अभ्यास करते हैं तो कभी भी कोई घबराहट नहीं होगी. उन्होंने अपने ही कार्यक्रम का उदाहरण देते हुए कहा कि आज राज्यपाल का कार्यक्रम यहां हो रहा है. इसके लिए पूरी तैयारी की गई है कि, लेकिन इसमें घबराने वाली बात क्या है राज्यपाल आएंगे, रास्ते स्कूल, टायलेट सबकुछ साफ सुथरा रखना है, कार्यक्रम को बेहतर ढंग से करना है. यह तो रोजाना का काम है, लेकिन महज राज्यपाल का नाम जुड़ गया, तो घबराहट होने लगी होगी कि सब कुछ ठीक होना चाहिए, लेकिन इसे ही काफी सहजता से रोजाना का काम समझ के किया जाए, तो काफी समस्या नहीं होगी, परीक्षा को भी इसी तरह लेना चाहिए, इससे आपके कभी भी घबराहट नहीं होगी और सफलता मिलेगी.
और जमीन पर बैठ गए राज्यपाल, बजने लगी तालियां
कार्यक्रम के अंत में जाते वक्त फोटो सेशन के लिए सारे बच्चे टीचर इकट्ठा हुए और राज्यपाल को बीच में जगह देने के लिए बुलाया गया, सभी जगह बना ही रहे थे, कि राज्यपाल सीपी राधाकृष्णा बिल्कुल आगे बढ़े और बच्चों के साथ नीचे जमीन पर बैठ गए. राज्यपाल के इस तरह जमीन पर बैठने से सभी अवाक रह गए, वहीं बच्चों और शिक्षकों में काफी खुशी देखी गयी. बच्चों ने तालियां बजा कर उनके इस कदम की सराहना की.
राज्यपाल से बच्चों के सवाल
बीना सिंह, कक्षा 11वीं – आपने अपने स्कूली जीवन में कौन से प्रोजेक्ट पर काम किया?
राज्यपाल के जवाब – स्कूल लीडर रहा, काफी अभाव में पढ़ाई हुई है. अभी के तरह स्कूल नहीं थे. छत थी, लेकिन दीवारें नहीं थी. लेकिन पढ़ाई में कोई कमी नहीं थी. मुझे अपने स्कूल और शिक्षा पर गर्व है, मैंने किसी अंग्रेजी माध्यम के स्कूल से पढ़ाई नहीं की है तमिल माध्यम से पढ़ा और दो बार सांसद और वर्तमान में झारखंड का राज्यपाल हूं. मेरे अन्य दो साथी भी जो तमिल हैं वे भी राज्यपाल हैं. सांसद रहते हुए मैंने अपने स्कूल के साथ अपने संसदीय क्षेत्र के 35 स्कूलों को बेहतर भवन निर्माण के लिए 10-10 लाख रुपऐ दिए थे.
कैथरिन, 11वीं – परीक्षा के प्रेसर को आप कैसे मैनेज करते थे? क्या आपको घबराहट होती थी?
राज्यपाल के जवाब – इसमें कोई बड़ी बात नहीं है. आप पढ़ाई निरंतर करें और परीक्षा को कोई नई बात, नया कमा न समझे. उन्होंने अपने आगमन का उदाहरण दिया. उन्होंने बताया कि आप और स्कूल जो काम राेज करते हैं वही आज भी किए, लेकिन केवल राज्यपाल का उसमें नाम जुड़ गया, तो वही रोज का काम आपके लिए एक स्ट्रेस और प्रेसर का कारण बन जाता है, जबकि ऐसा नहीं सोचेंगे, तो वह भी यानी परीक्षा के दौरान भी कोई स्ट्रेस या प्रेसर नहीं होगा.
संपूर्णा सिंह, कक्षा 11वीं – आपको अगर तनाव होता है, तो आप उससे कैसे निपटते हैं?
राज्यपाल के जवाब – तनाव किसे नहीं है, जिसे तनाव नहीं है उसे भगवान पर भरोसा नहीं है. हर सफलता के लिए तनाव का होना जरूरी है. सफलता के लिए तनाव भी जरूरी है. बगैर तनाव के काम का महत्व नहीं पता चलता है. बशर्ते तनाव का स्तर नकारात्मक दिशा में न बढ़े.
सकुंतला, कक्षा 12वीं – विद्यार्थियों को आप क्या संदेश देना चाहेंगे?
राज्यपाल के जवाब – इसका जवाब पहले भी दे चुका है. फिर से दुहरा रहा हूं. कभी हार न माने, निरंतर प्रयास करे. लगातार प्रयास से ही सफलता मिलती है.
निहारिका कुमारी, 12वीं – आपके जीवन का आदर्श कौन है?
राज्यपाल के जवाब – काफी मुश्किल सवाल पूछ लिया. इसका जवाब काफी कठीन है. मेरी जिंदगी में पहली प्रेरणा मां से मिली और उनमें देशभक्ति, अध्यात्म एवं समाज सेवा की भावना विकसित हुई. राजनीति में मेरे आदर्श लाेकनायक जय प्रकाश नाराण रहे और वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. मैं मोदी जी की नीति और कार्यों से काफी प्रभावित हूं.
अचानक बना कार्यक्रम लेकिन शानदार रहा अभिनंदन
स्कूल में राज्यपाल के आगमन की एक दिन पूर्व सारी तैयारी की गयी थी. लेकिन स्कूल, शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन ने काफी कम समय में भी राज्यपाल का शानदार ढंग से स्वागत किया जिसकी राज्यपाल ने स्वयं तारीफ की. राज्यपाल के स्कूल आगमन को लेकर विद्यार्थियों में काफी उत्साह था.
अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस के मौके पर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन बलून उड़ाकर सभी को बधाई प्रेसित किया. वहीं बच्चों ने झारखंडी परंपरा में जोहार का संबोधन करते हुए बुके देकर राज्यपाल का अभिनंदन किया. कार्यक्रम में शामिल होने के पूर्व राज्यपाल ने स्कूल की बागवानी में पौधरोपण भी किए. एनसीसी के बच्चों ने सलामी दी.
मंच से स्कूल के प्राचार्य के कार्यों की सराहना की
कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल को टाटा वर्कर्स यूनियन स्कूल के संबंध में बनाए गए एक पावर प्वाइंट प्रजेंटेशन और तीन मीनट का वीडियो क्लीप दिखाया गया. जिसे देख कर राज्यपाल काफी प्रभावित हुए. इसके लिए उन्हें मंच से स्कूल की प्रचार्या सेतेंग केरकेट्टा की खूब प्रसंशाा की. कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रपति शिक्षक सम्मान से सम्मानित स्कूल की शिक्षिका शिप्रा मिश्रा ने किया.
चंद्रयान का लगा मॉडल, देख हुए प्रभावित
चंद्रयान 3 से संबंधित मॉडल स्कूली बच्चों ने लगाया था. इसमें टाटा वर्कर्स यूनियन के अलावा अन्य स्कूल के बच्चों ने भी अपना मॉडल प्रदर्शित किया था जिसे देखकर राज्यपाल काफी प्रभावित हुए और बच्चों की खूब सराहना की. बेहतर मॉडल के लिए अलग अलग स्कूल से तीन बच्चों को जिसमें अंजली कुमारी, विवेक और अयंक शामिल है, को पुरस्कृत किया गया.
बच्चों के बीच जाकर बांटी टॉफियां, खिल उठे चेहरे
राज्यपाल अपने साथ ढेर सारी टॉफी लेकर आये थे. उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद एक एक बच्चों को अपने हाथों से टॉफियां दी. मंच से वे बच्चों के बीच टाफी लेकर पहुंच गए. इससे बच्चों की खुशी देखते ही बन रही थी. यही नहीं उन्होंने टॉफी शिक्षक, शिक्षिकाओं और पत्रकारों को भी दिया.
ये रहे उपस्थित
कार्यक्रम में डीडीसी मनीष कुमार, एसएसपी किशोर कौशल, एसडीओ पीयूष सिन्हा, डीईओ निर्मा बरेलिया, डीएसई निशू कुमारी, गोलमुरी सदर सीडीपीओ दुर्गेश नंदनी व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे.