जमशेदपुर.
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई, जिसके बाद बी एड. के छात्राओ द्वारा स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया. कार्यक्रम में रिसोर्सपर्सन ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कई मुद्दों और चुनौतियों पर चर्चा किया.
डॉ मनोज कुमार प्रधान ने कहा कि स्टूडेंट बी एड. के बाद वह चीज भूल जाते हैं जो उन्हें प्रशिक्षण के दौरान सिखाया जाता है जो गलत बात है. आपको अपने काम के प्रति समर्पित रहना चाहिए. ऐसे बहुत लोग है जो सेवानिवृत्ति के बाद भी गरीबों के लिए शिक्षण कार्य किया करते हैं. बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो बिना प्रशिक्षण के भी शिक्षण कार्य कर रहे हैं और वह दावा भी करते हैं कि वह किसी प्रशिक्षित व्यक्ति से ज्यादा अच्छे शिक्षक हैं. जबकि बी एड मे आप शिक्षण तकनीक सीख रहे हैं. यहां आपके शिक्षण कौशल को और अधिक परिष्कृत किया जाता है. बिना प्रशिक्षण के बने शिक्षक शिक्षण तकनीक और शिक्षण विधियो से अनभिज्ञ होता है और ऐसा शिक्षक विद्यार्थियों के साथ कभी भी न्याय नहीं कर पाता.
इस अवसर पर श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गोबिंद महतो ने कहा कि शिक्षकों का पद बहुत गरिमामय होता है. उन्होंने यह भी बताया कि एक शिक्षक नैतिकता का पालन कैसे करे ताकि वह समाज में प्रतिष्ठा हासिल कर सकें.
श्रीनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ बलभद्र जेना ने छात्रों को संबोधित किया और एक अच्छे शिक्षक के मूल्य को समझाया, उन्होंने बताया कि क्यो एक शिक्षक को वैदिक काल से ‘गुरु’ कहा जाता था? उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षकों को अपने शिक्षण के लिए समर्पित होना चाहिए क्योंकि शिक्षक का कार्य बहुत पवित्र होता है.
इसके साथ ही श्रीनाथ कॉलेज ऑफ एजुकेशन और गवर्नमेंट टीचर ट्रेनिंग कॉलेज, कलिंगा के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया.